भीषण गर्मी से जनजीवन बेहाल, बढ़ा बीमारी का प्रकोप
चिकित्सकों के यहां उमडऩे लगी मरीजों की भीड़
दैनिक विराट वसुंधरा सीधी ब्यूरो प्रमुख दीपक द्विवेदी
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आसमान से बरस रही आग के चलते लोगों का जीना मुश्किल हो चुका है। भीषण गर्मी के चलते बीमारी का प्रकोप भी बढ़ चुका है। चिकित्सकों के यहां मरीजों की भीड़ उमडने लगी है। नौतपा के समाप्त होते ही गर्मी की विभीषिका प्रचंड रूप धारण कर चुकी है। सुबह 8 बजे के बाद से ही सूर्य देव की किरणे आग बरसाना शुरू कर देती हैं। भीषण गर्मी के चलते घर से बाहर निकलने वालों को जहां भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं घर के अंदर भी बिना एसी और कूलर के जीना मुहाल हो चुका है। इन दिनों थर्मामीटर का पारा 40 डिग्री को पार कर चुका है। तेज धूप एवं गरम हवाओं के चलते बाजारों में दोपहर सन्नाटा पसर जाता है। सडक़ें वीरान नजर आती हैं। गर्म हवाओं के चलते ही लू लगने का खतरा भी बढ़ चुका है।
स्थिति यह है कि अब लोग तेज धूप एवं लू से बचने के लिये गमछा या नकाब का सहारा लेने का मजबूर हैं। जिससे लू के थपेड़ो से बचा जा सके। भीषण गर्मी के घर से बाहर निकलने पर लोगों को शीतल पेयजल की जरूरत भी महसूस होती है। सूखे कंठों की प्यास बुझाने के लिये लोग पानी की तलाश में इधर-उधर भटकते देखे जा सकते हैं। भीषण गर्मी एवं लू के चलते मरीजों की भीड़ भी बढऩे लगी है। डॉक्टरों के पास काफी संख्या में ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं जिनका स्वास्थ्य भीषण गर्मी के चलते बिगड़ा हुआ है। पेट से संबंधित मरीजों की संख्या तेजी के साथ बढ़ रही है। कारण लोगों के प्रदूषित खाद्य सामग्री का उपयोग करते ही पेट संबंधी तकलीफें सबसे ज्यादा बढ़ जाती हैं। बीपी के मरीज एवं बच्चों के बीमार पडऩे का सिलसिला भी तेजी से बढ़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि भीषण गर्मी में सावधानी काफी आवश्यक है। यदि भीषण गर्मी के दिनों में प्रदूषित एवं गरिष्ठ खाद्य सामग्री का सेवन किया जाता है तो यह खाद्य सामग्री कई लोगों को भारी पड़ सकती है।
दोपहर को सूनी हो जाती हैं शहर की सडकें
वर्तमान में सुबह 8 बजे से ही सूर्यदेव की किरणें रौद्र रूप धारण करने लगती हैं। 10 बजे के बाद लू के गर्म थपेड़ों के चलते घर से बाहर निकलना काफी मुश्किल हो जाता है। इसी वजह से दो दिनों से दोपहर में बाजार में चहल-पहल एवं भीड़ थम जाती है। यहां तक कि आकाश से बरसती आग के चलते फुटपाथी कारोबारी भी शाम 5 बजे के बाद मुख्य सडकों के किनारे अपना कारोबार करने के लिये आते हैं।
वही ठेला कारोबारी तो जिन स्थानों में छांव की व्यवस्था रहती है वहीं पर जमे रहते हैं। दोपहर में लोगों की आवाजाही थम जाने के कारण शहर की सडकें सूनी नजर आती हैं। दोपहर में सूर्य देव की किरणों के आग बरसाने के चलते लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाती है। इसी वजह से बाजार क्षेत्र में कारोबार भी प्रभावित हो रहा है।