Rewa news, सभी समीकरण और चक्रव्यूह हुए ढेर अधिवक्ता संघ रीवा के चुनाव में छठवीं बार भी एड राजेन्द्र पाण्डेय ने दर्ज की ऐतिहासिक जीत।
Rewa news, सभी समीकरण और चक्रव्यूह हुए ढेर अधिवक्ता संघ रीवा के चुनाव में छठवीं बार भी एड राजेन्द्र पाण्डेय ने दर्ज की ऐतिहासिक जीत।
रीवा जिला अधिवक्ता संघ के चुनाव के परिणाम आ चुके हैं और अधिवक्ता राजेंद्र पांडेय का जलवा इस बार भी बरकरार रहा बीते दिनों हुए अधिवक्ता संघ रीवा के निर्वाचन में पूर्व अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राजेंद्र पांडे को पराजित करने के लिए कई तरह से चक्रव्यूह बनाए गए लेकिन सभी समीकरण पूर्व की तरह इस बार भी धरे के धरे रह गए और वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र पांडे ने लगातार छठवीं बार ऐतिहासिक जीत दर्ज की है जिलाअधिवक्ता संघ रीवा अध्यक्ष पद के लिए कल 9 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे जिनको पराजित करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र पांडे कल 908 मत प्राप्त कर छठवीं बार भी रीवा जिला अधिवक्ता संघ का अध्यक्ष बनने का गौरव प्राप्त किया है उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी अशोक कुमार शुक्ला को 239 मतों से पराजित किया है।
एक मार्च को हुआ था मतदान।
रीवा जिला अधिवक्ता संघ हेतु एक मार्च को हुए मतदान के बाद 2 तारीख को सुबह लगभग 11 बजे मतों की गिनती का काम शुरू हुआ। अध्यक्ष पद हेतु वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र पांडेय चुनाव मैदान में थे और लगातार छठवीं बार विजयी घोषित हुए हैं। मतगणना शुरू होते ही राजेन्द्र पाण्डेय ने बढ़त बनाई और अंत तक बढ़त कायम रही देर रात जब मतगणना पूरी हुई तो उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी अशोक कुमार शुक्ला को 239 मतों से पराजित कर दिया और लगातार छठवीं बार जिला अधिवक्ता संघ रीवा का अध्यक्ष निर्वाचित होने का ऐतिहासिक गौरव प्राप्त किया है।
भाजपा ने नकारा अधिवक्ताओं ने स्वीकारा
बता दें कि राजेंद्र पांडेय एक जमाने 90 के दशक में भारतीय जनता पार्टी के उन नेताओं में शुमार रहे हैं जो अटल बिहारी वाजपेई लालकृष्ण आडवाणी मुरली मनोहर जोशी और सुंदरलाल पटवा जैसे दिग्गज नेताओं के दौर में रीवा जिले में अध्यक्ष रहते हुए भारतीय जनता पार्टी के संगठन को मजबूती से खड़ा करने का श्रेय जाता है भाजपा में भी राजेंद्र पांडेय को लेकर घेराबंदी की गई थी और उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था बताया जाता है कि स्पष्ट वक्ता होना उनके राजनीतिक कैरियर के लिए घातक साबित हुआ और भाजपा के तत्कालीन रीवा संगठन के कुछ नेताओं की गुटबाजी के शिकार हुए भाजपा ने जब उन्हें नकारा तो समाज के सबसे बुद्धिजीवी वर्ग अधिवक्ताओं ने उन्हें हाथों-हाथ स्वीकार किया और रीवा के अधिवक्तागण एड राजेंद्र पांडेय को वह स्थान लगातार दे रहे है जिसके वह हकदार हैं। हालांकि यहां भी राजनीतिक दलों के लोगों ने सेंधमारी करते हुए राजेंद्र पांडेय को हारने के लिए पूर्व की ही तरह चक्रव्यूह रचा लेकिन विरोधियों के सभी समीकरणों को बुद्धिजीवी अधिवक्ताओं ने छठवीं बार भी धराशाई कर दिया है।
इन्हें भी मिली जीत।
इसी तरह उपाध्यक्ष पद हेतु तरुणेन्द्र सिंह ने 479 मत पाकर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कमलेश्वर तिवारी को 63 मतों से हराया वही सचिव पद के लिए देवी शंकर ओझा ने 509 मत पाकर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी रघुवंश सिंह को 174 मतों से मात दी तो वहीं सह सचिव पद हेतु संजीव पांडे, कोषाध्यक्ष पद हेतु दिनेश सेन, ग्रंथपाल पद हेतु राममणि मिश्रा विजयि हुए है बता दें कि अधिवक्ता संघ निर्वाचन कार्यकारिणी सदस्य के पांच सदस्यीय टीम में अम्बर पाण्डेय, अभिषेक तिवारी, सत्यप्रकाश मिश्र,सतीश कुशवाहा, रमाशंकर तिवारी विजय श्री प्राप्त किए है,उल्लेखनीय है कि रीवा जिला अधिवक्ता संघ के कार्यकारिणी के चुनाव में एडवोकेट अम्बर पाण्डेय ने सर्वाधिक 994 मत पाकर प्रथम स्थान अर्जित करते हुए ऐतिहासिक जीत प्राप्त की है बता दें की अंबर पाण्डेय अपने छात्र जीवन में एबीवीपी के अध्यक्ष भी रह चुके है। उन्होंने जीत पर सभी समर्थको का आभार माना है।