रीवा

Election news, लोकसभा चुनाव में धनबल बाहुबल साम्प्रदायिक एवं जातीय ध्रुवीकरण के गंदे खेल को रोकने की मांग।

Election news, लोकसभा चुनाव में धनबल बाहुबल साम्प्रदायिक एवं जातीय ध्रुवीकरण के गंदे खेल को रोकने की मांग।

रीवा । समता संपर्क अभियान के राष्ट्रीय संयोजक लोकतंत्र सेनानी अजय खरे ने कहा है कि लोकसभा प्रत्याशी के चुनावी खर्च सीमा 95 लाख रुपए निर्धारित की गई है लेकिन वास्तविक खर्च उससे कई गुना अधिक होने जा रहा है। स्टार प्रचारकों की एक-एक चुनावी रैलियों में करोड़ों रुपए की फिजूल खर्ची होती है लेकिन उसे संबंधित प्रत्याशी के चुनावी खर्च में नहीं जोड़ा जाता है। सही प्रतिस्पर्धा तो उस समय होगी जब सभी को प्रचार प्रसार के एक जैसे अवसर प्रदान किए जाएं। कोई स्पोर्ट्स सूज पहनकर दौड़ रहा तो दूसरा नंगे पांव यह विभेदकारी व्यवस्था लोकतंत्र के लिए अच्छी नहीं है। इसके चलते पूंजीवाद मजबूत हो रहा है। चुनाव में धनबल बाहुबल साम्प्रदायिक जातीय ध्रुवीकरण के गंदे खेल को रोकने के लिए जनता का जागरूक होना बेहद जरूरी है।

लोकतंत्र सेनानी श्री खरे ने कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव आचार संहिता का पालन नहीं करेंगे तो उनकी पार्टी के लोगों की मनमानी और बढ़ जाएगी। सत्ता पक्ष और विपक्ष को लेकर चुनाव आयोग के दोहरे मापदंड किसी से छिपे नहीं है। मंगलवार 19 मार्च को तमिलनाडु के कोयंबटूर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली में स्कूली बच्चों के भाग लेने के लगे आरोप पर भारत निर्वाचन आयोग को संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करना चाहिए। विदित हो चुनाव आयोग ने चुनावी रैलियां में बच्चों के इस्तेमाल को मना कर रखा है।

श्री खरे ने कहा कि मतदाता जागरूकता अभियान केवल वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि स्वतंत्र निष्पक्ष और निर्भीक मतदान के लिए होना चाहिए। मतदाता को किसी भी अनुचित हस्तक्षेप से प्रभावित हुए बगैर विवेक सम्मत मतदान के लिए अभिप्रेरित किया जाना चाहिए। चुनाव आयोग को चाहिए कि मतदाताओं को जागरूकता अभियान के अंतर्गत नोटा के बारे में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध कराई जाए। प्रत्येक उम्मीदवार के नकली मत पत्रों में नोटा के बारे में जानकारी अनिवार्य किया जाना चाहिए। शासकीय जमीनों पर अवैधानिक तरीके से बनाए गए पूजा गृहों के संबंध में भी प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। श्री खरे ने कहा कि चुनावी माहौल में शराब की दुकानों पर भीड़ बढ़ गई है। जिला निर्वाचन अधिकारी के द्वारा रस्म अदायगी के रूप में हर चुनाव की तरह मतदान के दो दिन पहले शराब की दुकानों पर बिक्री रोक दी जाएगी लेकिन मतदान केंद्र पर शराबियो को चिन्हित करने का काम नहीं होगा।

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