Rewa news, रीवा में भी जूते की नोक पर कुछ डॉ रखते हैं नौकरी इनकी मनमानी का दंश झेल रहे हैं बेबस मरीज।
Rewa news, रीवा में भी जूते की नोक पर कुछ डॉ रखते हैं नौकरी इनकी मनमानी का दंश झेल रहे हैं बेबस मरीज।
कुछ दिनों पूर्व एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था जिसमें शासकीय अस्पताल में पदस्थ डाक्टर कह रहे थे कि जूते की नोक पर रखता हूं नौकरी ठीक उसी तरह हालत रीवा जिले में भी है यहां भले ही कोई डॉक्टर यह कहते कमरे में कैद ना हो लेकिन शासन द्वारा दी गई जिम्मेवारी को पूरा न करना उनकी आदत में शुमार हो चुका है हालांकि नवागत सीएमएचओ ने सार्थक एप्प के जरिए शासन के निर्देशन अनुसार उपस्थित दर्ज करने के लिए चिकित्सकीय नर्सिंग और पैरामेडिकल कर्मचारियों को आदेश जारी किए हैं जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर सार्थक अप के जरिए उपस्थित नहीं दी जाएगी तो वेतन भी नहीं दिया जाएगा सीएमएचओ के इस आदेश से यह तो जाहिर होता है कि उनकी मंशा है कि सभी अस्पतालों में डॉक्टर समय पर अपनी सेवाएं दें और बेपटरी हो चुकी स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके। लेकिन उनसे नीचे बैठे पदों पर कुछ ऐसे अधिकारी काम कर रहे हैं जो पदस्थ तो किसी दूसरी जगह है लेकिन प्रभार कई पदों का निर्वहन कर रहे हैं इसी तरह रीवा शहर के नोडल है जो जिला चिकित्सालय रीवा में पैथोलॉजिस्ट के पद पर पदस्थ हैं 24 घंटे तक सेवाएं देने का दावा करने वाली जिला अस्पताल एक पैथोलॉजिस्ट के सहारे 24 घंटे चलती है हम वीडियो में जो दिखा रहे हैं उसमें देखिए किस तरह से तीन कालखंड में एक ही डॉक्टर की ड्यूटी दर्शाई गई है जबकि पूर्व में सीएमएचओ ने शहरी नोडल को पदमुक्त करते हुए उनके मूल पद पर भेजे जाने का आदेश जारी किए थे लेकिन भ्रष्टाचार की जड़े इतनी मजबूत है कि जिला अस्पताल की व्यवस्था का कबाड़ा भले हो जाए काम तो नोडल अधिकारी बनकर ही करेंगे आने वाले समय में ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की हम एक-एक कर सबूत के साथ पोल खोलेंगे यह हमारा वादा है।
शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों का बुरा हाल।
आज हम शहरी नोडल के क्षेत्र की संजीवनी क्लीनिक की खबर दिखा रहे हैं जहां डॉक्टर वेतन तो सरकार से ले रहे हैं परन्तु सेवाएं अपनी निजी क्लीनिकों में दे रहे हैं। शहर में जिस उद्देश्य के साथ संजीवनी क्लिनिको को सरकार की प्राथमिकता के आधार पर संचालित किया गया था उसमें डॉक्टरों की उदासीनता के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण से बाहर है। परिणामस्वरूप आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों की परेशानी बढ़ना लाजमी है। जिले में इन दिनों स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल हैं धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों के हाल का अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं। हम बात कर रहे हैं रीवा जिले के आयुष्यमान आरोग्य मंदिर संजीवनी अस्पताल चिरहुला की जहां डॉक्टर के साथ-साथ वार्ड बाय, स्टॉप नर्स, कम्प्यूटर आपरेटर सहित अन्य कर्मचारियों की पदस्थापना है। वहीं मेडिकल ऑफिसर के पद पर डॉ राजीव तिवारी को नियुक्त किया गया है लेकिन वह हमेशा की तरह 30 अप्रैल को अपने ड्यूटी से नदारत दिखाई दिए।
एक झूठ को छिपाने बार-बार झूठ।
जब पत्रकारों की टीम कैमरे के साथ संजीवनी क्लीनिक में पहुंची तो स्टाफ नर्स ड्यूटी टाइम में आराम करती नजर आई तो वही मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर राजीव तिवारी अनुपस्थित पाए गए। मौके पर मौजूद कर्मचारियों से डॉक्टर साहब की अनुपस्थिति का कारण पता किया गया तो उन्होंने बताया कि वह लंच पर गए हैं। इस संदर्भ में जब स्वयं डॉक्टर राजीव तिवारी से बात की गई तो उन्होंने सच्चाई पर पर्दा डालते हुए दो तरह की बातें की पहले जवाब में उन्होंने कहा कि हम लंच पर आए हुए हैं चुकी लंच का टाइम 1:00 से 2:00 बजे तक रहता है और डॉक्टर साहब 3:00 बजे तक क्लीनिक में अनुपस्थित थे तो उन्होंने दूसरे जवाब में कहा की दिल्ली से डॉक्टरों की एक टीम जांच के लिए आने वाली थी तो उस कार्य के लिए वह बाहर चले गए थे। दो तरह के डॉक्टर साहब के जवाब से यह स्पष्ट हो गया कि वह सही से झूठ भी नहीं बोल पाए। एक झूठ छुपाने के लिए उन्होंने दूसरा झूठ बोलने का पाप कर दिया। जिस तरह बाज के सिर पर बैठकर कौवा चोंच मारता है ठीक उसी प्रकार बाज रूपी प्रशासन के सर पर चढ़कर कौओं की तरह डॉक्टर भी चोंच मारने से कोई गुरेश नहीं करते हैं आप देखते रहिए निष्पक्ष निर्भीक विराट वसुंधरा समाचार फिर नई खबर और नया खुलासा के साथ।