Rewa news, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा गरीबों का खाद्यान्न खुले आम की जा रही कालाबाजारी जिम्मेदार अधिकारी मौन।

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Rewa news, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा गरीबों का खाद्यान्न खुले आम की जा रही कालाबाजारी जिम्मेदार अधिकारी मौन।

रीवा जिले में खाद्यान्न की कालाबाजारी नई बात नहीं है अक्सर ऐसे मामले सामने आते ही रहते हैं जहां शासन द्वारा शासकीय उचित मूल्य दुकान से गरीबों को दिए जाने वाला नि:शुल्क अनाज उन्हें नहीं मिलता ताजा मामला रीवा जिले के ग्राम पंचायत लौरी खुर्द जानपद पंचायत गगेव से सामने आया है जहां शासकीय उचित मूल्य की दुकान में कोटेदार की तानाशाही के कारण हितग्राही उचित मूल्य की दुकान के चाकर काट रहे और कोटेदार गरीबों का खाद्यान्न निगल रहे हैं बताया जाता है कि शासकीय उचित मूल्य की दुकान लोरी में पदस्थ कोटेदार राजेंद्र पांडेय द्वारा गरीब हितग्राहियों का हक मारकर अपनी तिजोरी भरी जा रही है इस संबंध में जब विराट वसुंधरा के संवाददाता द्वारा कोटेदार से जानकारी चाही गई कि जो खाद्यान्न बट रहा है वह किस माह का वितरण किया जा रहा है तो कोटेदार ने कहा हम कोई जानकारी नहीं देंगे।

कोटेदार द्वारा घर-घर जाकर ली जाती है फिंगर प्रिंट।

शासकीय उचित मूल्य की दुकान में भ्रष्टाचार को रोकने सरकार ने कई तरह की स्कीम बनाई लेकिन भ्रष्टाचार करने वालों ने हर तरह से तोड़ निकाल लिया अब कोटेदार घर-घर जाकर फिंगर लगवा लेते हैं और रसीद नहीं देते जब रसीद के बारे में कोटेदार से पूछा गया तो वह बोले कि हमारी मशीन खराब है। और मुझे मई माह का खाद्यान नहीं मिला है। कुछ जागरूक लोगों से खाद्यान्न वितरण संबंधित जानकारी चाही गई तो हितग्राहियों ने बताया कि मार्च और अप्रैल का खाद्यान्न वितरण हो रहा है और एक माह का खाद्यान्न अभी तक नहीं मिला है जबकि फिंगर लगवा लिए हैं।

शासन की व्यवस्था पर बड़ा सवाल।

अगर ऐसे ही कोटेदार शासकीय उचित मूल्य की दुकान में पदस्थ रहेंगे तो गरीब हितग्राहियों के मुंह से निवाला भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता रहेगा जा रहा है। कोटेदार को इससे कोई लेना-देना नहीं है कि हितग्राही गरीब है और उसके जीने का सहारा यही खाद्यान्न है जो सरकार उन्हें हर हाल में देना चाहती है इस संबंध में भी जब कोटेदार राजेंद्र पांडेय से पूछा गया तो जवाब देने में असमार्थ थे। और तबियत खराब होना बता कर अपना पल्ला झाड़ लिए। हितग्राहियों द्वारा मीडिया के माध्यम से अपनी आवाज संबंधित अधिकारी से जानकारी एवं जांच प्रक्रिया करने का अनुरोध किया गया है। अगर ऐसे ही चलाता रहा तो शासन की योजनाओ पर कोटेदार पतीला फेरते रहेंगे और भ्रष्ट कोटेदार की तानाशाही के कारण गरीब हितग्राहियों के लिए शासन की योजना फेल होती रहेगी।

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