रीवा

Rewa news, स्वास्थ्य विभाग में भर्ती फर्जीवाड़ा की खुली फाइल तो भ्रष्ट अधिकारियों की जाएगी कुर्सी खानी पड़ सकती है जेल की हवा।

Rewa news, स्वास्थ्य विभाग में भर्ती फर्जीवाड़ा की फाइल खुली तो भ्रष्ट अधिकारियों की जाएगी कुर्सी खानी पड़ सकती है जेल की हवा।

 

अर्बन नोडल अधिकारी और कमेटी द्वारा शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों में लेन-देन करके की गई थी आउटसोर्स कर्मचारियों की अवैध भर्ती।

फर्जीवाड़ा करने वाले तात्कालीन CMHO सहित DHO -2 अर्बन नोडल और प्रभारी एपीएम पर दर्ज हो मामला: नाहर।

 

रीवा । जिले के स्वास्थ्य विभाग की कमान जब-जब भ्रष्ट अधिकारियों के हाथ में रही है तब-तब भ्रष्टाचार बड़े भ्रष्टाचार हुए हैं वैसे तो रीवा जिले का सीएमएचओ कार्यालय ऐसा है जहां भ्रष्टाचार करने के लिए कुर्सी की बोली लगती है और बीते वर्षों में ऐसा देखा भी गया है कि कुर्सी के लिए युद्ध हुआ था क्योंकि मार्च महीने तक करोड़ों का बजट चुकता करना था इसलिए कुर्सी दौड़ में काफी टक्कर देखने को मिली थी हमारे सूत्र बताते हैं कि सीएमएचओ की कुर्सी में वही बैठता है जो चर्चित स्टोर इंचार्ज की पसंद का अधिकारी होता है हालांकि हम यहां पर उन भ्रष्टाचारों की बात ना करते हुए उस मामले पर आते हैं जिस मामले को लेकर इन दोनों स्वास्थ्य विभाग में खुसर-फुसर हो रही है सीएमएचओ कार्यालय द्वारा बीते माह आउटसोर्स कर्मचारी की भर्ती में फर्जीवाड़ा किया गया था और यह फर्जी बाड़ा ऐसा था कि अवैध तरीके से की गई नियुक्तियों रद्द करनी पड़ी और अब मामला और आगे बढ़ा तो संबंधित अधिकारियों को जेल जाने और नौकरी जाने तक की नौबत आ सकती है वह इसलिए की एक जिम्मेदार पद पर बैठकर अधिकारियों ने मनमानी करते हुए बिना संबंधित एजेंसी की सहमति अपने पसंदीदा 12 कर्मचारियों की नियुक्ति कर डाली थी इस मामले को लेकर समाजसेवी रमाकांत त्रिपाठी उर्फ नाहर ने कहा है कि सीएमएचओ कार्यालय में हमेशा इसी तरह से कुछ ना कुछ गड़बड़ होता ही रहता है और यहां कुर्सी का मोलभाव होता है और कुर्सी में बैठने के बाद जमकर भ्रष्टाचार किया जाता है आउटसोर्स कर्मचारी की भर्ती में फर्जीवाड़ा करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध पुलिस में मामला दर्ज कराया जाना चाहिए और भ्रष्ट अधिकारियों को पद से पृथक किया जाना चाहिए।

क्या है पूरा मामला।

आउटसोर्स कर्मचारी की भार्ती मामले में जो जानकारी सामने निकल कर आ रही है उसके मुताबिक तत्कालीन सीएमएचओ और वर्तमान जेडी स्वास्थ्य विभाग डॉक्टर के एल नामदेव, डी एच ओ – अर्बन नोडल अधिकारी प्रभारी एपीएम द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से कलेक्टर रीवा एवं अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति से जानकारी छिपाते हुए बिना किसी अनुमोदन के 12 आउट सोर्स कर्मचारी की बिना किसी रिक्त पद के नियुक्ति आदेश जारी कर दिया और उनसे महीनों तक काम लिया गया इन कर्मचारियों का वेतन देने की तैयारी चल रही थी इसी दौरान भार्ती में फर्जी बड़ा होने की खबरें मीडिया में चलने लगी तो उन कर्मचारियों का वेतन नहीं दिया गया सूत्रों की माने तो फर्जी तरीके से भर्ती किए गए अधिकांश आउटसोर्स कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के ही सगे संबंधी हैं जिनसे मोटी रकम लेकर तत्कालीन सीएमएचओ और शहरी नोडल अधिकारी ने भार्ती की थी मामले की शिकायत हुई और वर्तमान सीएमएचओ ने इसकी जांच कराई तो जांच में यह पाया गया कि अवैध तरीके से आउटसोर्स कर्मचारी की नियुक्ति की गई थी।

एक माह बीत जाने के बाद भी नहीं हो रही कार्यवाही।

आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती में फर्जी वाड़ा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ वर्तमान सीएमएचओ के पास सबूत तो काफी है लेकिन वह फाइल अब दफन होती नजर आ रही है जाहिर सी बात है कि जिन भ्रष्टाचारियों को इस कुर्सी पर बिठाया गया है भ्रष्टाचार करने के लिए तो उनके रुतबे इतने कमजोर तो नहीं होंगे कि वर्तमान सीएमएचओ आसानी से उनके खिलाफ कोई कार्यवाही या पत्राचार कर सके सूत्रों की माने तो भर्ती घोटाले में मुख्य आरोपी और मास्टरमाइंड डॉ केबी गौतम अर्बन नोडल अधिकारी है इस मामले की वर्तमान सीएमएचओ द्वारा जांच भी कर ली गई है अर्बन नोडल अधिकारी को हटाए जाने संबंधी फाइल चली लेकिन प्रभारी डीपीएम ने इस फाइल को दबा रखा है और इससे संबंधित कोई भी जानकारी भी सूचना के अधिकार के तहत अधिकारियों द्वारा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है इस फर्जीवाड़ा में कई लोग हिस्सेदार थे और अब पूरे मामले को दबाकर अपनी कुर्सी बचाना चाहते हैं।

रीवा संभागायुक्त और कलेक्टर से होगी शिकायत।

रीवा जिले के समाजसेवी और जनपद सदस्य रमाकांत त्रिपाठी उर्फ नाहर ने कहा है कि सीएमएचओ कार्यालय रीवा भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है अब तक जितने भी अधिकारी सीएमएचओ की कुर्सी पर बैठे हैं एक को छोड़कर अन्य किसी अधिकारी को अब तक पेंशन नहीं नसीब हुई है आउटसोर्स कर्मचारी भर्ती फर्जीवाड़ा में तत्कालीन सीएमएचओ रबर स्टैंप के रूप में रहे हैं और मुख्य रूप से शहरी नोडल अधिकारी द्वारा सारा खेल खेला गया है इस मामले की पूरे दस्तावेज एकत्रित किए जा रहे हैं जिसको लेकर रीवा संभाग आयुक्त और कलेक्टर कार्यालय में कार्यवाही के लिए शिकायत दर्ज कराई जाएगी और अगर यहां भी कुछ नहीं हुआ तो मामला न्यायालय तक जाएगा श्री त्रिपाठी ने कहा कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करा कर शासकीय सेवा से पृथक किया जाना चाहिए क्योंकि इन्होंने यह कार्य किसी भूल बस नहीं बल्कि अपनी निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए पद का दुरुपयोग करते हुए घृणित कार्य किया है ऐसे लोग शासकीय सेवा में रहेंगे तो भविष्य में भी ऐसा ही भ्रष्टाचार करेंगे इन अधिकारियों द्वारा की गई गलती पर जिला प्रशासन को संज्ञान लेकर दंडात्मक कार्यवाही कराया जाना चाहिए।

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