Rewa news, स्वास्थ्य विभाग में हुए कर्मचारियों के भर्ती घोटाले की फाइल तैयार शहरी नोडल और प्रभारी एपीएम पर गिरेगी अनुशासन की गाज।
Rewa news, स्वास्थ्य विभाग में हुए कर्मचारियों के भर्ती घोटाले की फाइल तैयार शहरी नोडल और प्रभारी एपीएम पर गिरेगी अनुशासन की गाज।
तत्कालीन सीएमएचओ को धोखे में रखकर अर्बन नोडल अधिकारी ने कूटरचना करके किया था आउटसोर्स कर्मचारियों का भर्ती घोटाला।
रीवा। जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में भ्रष्टाचार का ऐसा आलम है कि सीएमएचओ की कुर्सी के लिए पूर्व समय में जमकर खींचातानी होती रही है और कुर्सी के लिए विवाद भी हुए थे हालांकि इस समय वर्तमान सीएमएचओ की पदस्थापना के बाद से स्थितियां बेहतर हुई हैं भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर रोक लगाने की सीएमएचओ डॉ संजीव शुक्ला की कोशिश जारी है देखा जाए तो बीते वर्षों में सीएमएचओ कार्यालय में जो भी होता रहा है वह किसी से छिपा नहीं है विगत दो वर्षों से अर्बन नोडल अधिकारी पद पर पदस्थ डॉक्टर के बी गौतम ने भ्रष्टाचार की झड़ी लगा दी है ताजा मामला जो सामने आया है उसके मुताबिक अर्बन नोडल अधिकारी डॉ केबी गौतम द्वारा दोहरी कूट रचना करके 12 आउटसोर्स कर्मचारियों की फर्जी तरीके भर्ती करके पूरे सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
ये हैं मुख्य मास्टरमाइंड।
आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती घोटाले में डा केबी गौतम अर्बन नोडल अधिकारी और प्रभारी एपीएम शिवशंकर तिवारी ही मुख्य मास्टरमाइंड थे जिन्होंने न सिर्फ अपने पद का दुरुपयोग करते हुए तत्कालीन सीएमएचओ डॉ के एल नामदेव के भरोसे का फायदा उठाते हुए नाजायज तरीके से कूटरचना करके फर्जी हस्ताक्षर से 12 आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति कर दी थी इसके साथ ही एनएचएम द्वारा स्वीकृत चार पदों जिसमें दो डाटा एंट्री ऑपरेटर और दो स्पोटिंग स्टाफ पदों को कूटरचित दस्तावेज तैयार कर 12 पदों की स्वीकृत कर लिए किसके साथ ही तीसरी गलती आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती करने वाली कंपनी कैपिटल इन्फोलाइन मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड से मांग पत्र भी नहीं लिया गया उपरोक्त दोनों अधिकारियों की मंशा पर तब पानी फिर गया जब आउट सोर्स कर्मचारी की भर्ती करने वाली कंपनी कैपिटल इन्फोलाइन मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड ने पत्र जारी कर फर्जी वाड़ा का खुलासा कर दिया।
बेरोजगारों से वसूले गए थे लाखों रुपए।
आउटसोर्स कर्मचारी की भर्ती घोटाले में अधिकांश वह लोग हैं जो स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के रिश्तेदार या परिचित है निश्चित तौर पर यह बड़ा घोटाला कई लोगों की मिलीभगत से किया गया था सूत्रों की माने तो प्रति कर्मचारी लगभग 80 हजार रुपए बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए भ्रष्टाचारियों ने लिए थे हालांकि इस आरोप का कोई पुख्ता सबूत नहीं है लेकिन अगर ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों का नार्को टेस्ट कराया जाए तो इनके द्वारा किए गए अन्य काले कारनामों का भी खुलासा हो जाएगा।
एक सप्ताह के अंदर हो सकती है कार्यवाही।
सूत्रों की माने तो आउटसोर्स कर्मचारियों के भर्ती घोटाले की फाइल तैयार हो गई है कुछ अधिकारियों का अभिमत शेष है जांच दल द्वारा भ्रष्ट अधिकारियों अर्बन नोडल अधिकारी डॉ केबी गौतम और प्रभारी एपीएम शिवशंकर तिवारी के खिलाफ पक्के सबूत तैयार किए गए हैं अगले सप्ताह भ्रष्ट अधिकारियों के लेखा-जोखा की फाइल सीएमएचओ कार्यालय से तैयार होकर कलेक्टर रीवा और आयुक्त रीवा संभाग की ओर भेजी जाएगी शिकायतकर्ताओं का मानना है कि दोषी अधिकारियों के विरुद्ध जिला प्रशासन द्वारा निलंबन की कार्यवाही के साथ ही उनके द्वारा किए गए कूटरचना जैसे गंभीर अपराध के लिए पुलिस में मामला दर्ज किए जाने की अनुशंसा की जा सकती है।
इनका कहना है।
आउटसोर्स कर्मचारीयों के भर्ती मामले की जांच अंतिम चरण में है अगले सप्ताह जांच रिपोर्ट की फाइल जिला प्रशासन और संभाग आयुक्त कार्यालय की ओर आवश्यक कार्यवाही के लिए भेजी जाएगी।
डॉ संजीव शुक्ला
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला – रीवा