Rewa news, नशे के अवैध कारोबार में शहर का यह मोहल्ला कर चुका है ख्याति प्राप्त, पुलिस के टांग के नीचे हो जाता है सारा खेल।

Rewa news, नशे के अवैध कारोबार में शहर का यह मोहल्ला कर चुका है ख्याति प्राप्त, पुलिस के टांग के नीचे हो जाता है सारा खेल।

कबाड़ी मोहल्ले के अवैध नशे के कारोबार पर नहीं लग रहा प्रतिबंध खुलेआम बिकता है गांजा और नशीली कफ सिरफ।

रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने कई बार नशेड़ियों को किया है जलील फिर भी नहीं सुधरी नशेड़ी।

रीवा जिले में नशेड़ियों की संख्या जिस गति से बढ़ रही है इस गति से नशे की अवैध कारोबारी की भी संख्या बढ़ रही है वर्तमान समय में बढ़ रही नशे की पवृत्ति काफी चिंताजनक है शराब, गांजा, नशीली कफ सिरप, नशीली गोलियां, तो हैं ही इसके अलावा भी ऐसे नशीले पदार्थों की खोज नशेड़ियों ने कर लिया है कि सुनकर आश्चर्य होता है कि नशेड़ी किस हद तक जा सकते हैं कई बार सार्वजनिक तौर पर रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा भरी सभा में नशेड़ियों को जलील भी किये हैं कि कोरेक्स , नशीली गोलियां आयोडेक्स थिनर सुलेशन जैसे नशीले पदार्थों का लोग नशे के रूप में सेवन करने लगे हैं यह सुनने में नशेड़ियों को तनिक भी बुरा नहीं लगता लेकिन सच तो यही है की रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने नशेड़ियों को जलील करने के लिए जो भी कहा है वह सही है कई बार उन्होंने नशेड़ियों को दुत्कार कर भगाया भी है और अवैध नसी का कारोबार करने वालों को भी खरी खोटी सार्वजनिक मंच से सुनाते रहते हैं लेकिन नशेड़ियों और नशे के अवैध कारोबारियों में इसका कोई फर्क नहीं पड़ता।

यहां सजता है अवैध नशे का बाजार

रीवा जिले में वैसे तो इस समय कहां नशे का अवैध कारोबार नहीं होता यह बता पाना काफी मुश्किल है लेकिन नशे के अवैध कारोबार का प्रमुख अड्डा रीवा शहर का कबाड़ी मोहल्ला है जो चर्चा का विषय बना रहता है क्योंकि यहां अवैध नशीले पदार्थ की बिक्री खुलेआम होती है शहर के बीचों-बीच स्थित पुराने बस स्टैंड से सटा हुआ यह मोहल्ला ऐसा है जहां महिलाओं से लेकर बच्चों द्वारा तक नशीले पदार्थ खुलेआम सड़क के किनारे बेचे जाते हैं इतना ही नहीं यहां 24 घंटे पुलिस का पहरा भी देखा जाता है और सिविल लाइन थाना से महज 200 मीटर की दूरी है उसके बाद भी नशे के शौकीन नशा का सौदा करके कबाड़ी मोहल्ला से निकल जाते हैं इस जगह पर नशे का अवैध कारोबार काफी वर्षों से फल फूल रहा है और कई बार पुलिस में मौके पर जाकर नशे के कारोबारियों को पकड़ा भी है वावजूद इसके नशे की अवैध कारोबारियों में कोई फर्क नहीं पड़ता और सुबह से लेकर देर रात तक नशे का बाजार खुला रहता है, इसके अलावा भी रीवा शहर में राहताहरा ओवर ब्रिज के नीचे नशे का बाजार सजता है खबर तो यह है कि बीते दिन दबिश देने पुलिस गई तो कबड्डी मोहल्ला के लगों ने कुत्ते छोड़ दिए थे कुत्तों से खुद को बचाने पुलिस को संघर्ष करना पड़ा जब-तक पुलिस खुद को संभाल पाई तब तक नशे का बाजार अंडरग्राउंड हो चुका था।

पुलिस के गस्त का नहीं पड़ता असर।

कबाड़ी मोहल्ला में नशे का कारोबार ऐसा होता है कि पुलिस गस्त करती रहती है और नशे की कारोबारी अपने तरीके से पुलिस की नजरों से बचते रहते हैं और किसी को कानों कान खबर तक नहीं होती यहां पर सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है? की पुलिस का पहरा हो और खुलेआम नशीले पदार्थ की बिक्री हो जाए? ऐसे में कहीं ना कहीं पुलिस पर भी सवालिया निशान उठना लाजिमी है? इसी तरह दशहरा बाईपास ओवर ब्रिज के नीचे खुलेआम नशे का अवैध कारोबार होता है यहां एक कथित अम्मा और अन्य लोग खुलेआम नशे का कारोबार करते हैं और जब पुलिस पहुंचती है तो वहां से खाली हाथ लौटती है ऐसा लगता है कि जैसे इन जगहों पर पुलिस के पहुंचने से पहले ही पुलिस के ही कुछ लोग इन्हें सूचित कर देते है।

एसपी नवनीत भसीन ने कराई थी कई कार्यवाही।

ज्ञात हो कि बीते वर्षों में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक नवनीत भशीन के निर्देशन में अवैध नशे के विरुद्ध पुलिस द्वारा कई कार्यवाही की गई जिसमें भारी भरकम नशीली कफ सिरप और नशीली गोलियां कबाड़ी मोहल्ला से बरामद की गई और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई थी और कई आरोपी सलाखों के पीछे पहुंच भी गए थे उसे दौरान ऐसा लग रहा था कबड्डी मोहल्ले में लगने वाला नशे का बाजार बंद हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ जेल से बाहर आने के बाद वही नशे के कारोबारी फिर अपने बाजार सजाकर धंधे पर उतर गए हैं और लगातार नशे का कारोबार यहां फल फूल रहा है नशे की शौकीन आती है और मिनटों में अपना काम करके निकल जाते हैं यहां महिलाएं और बच्चे इस तरह की धंधे में पारंगत हासिल कर चुके हैं पुलिस की नजरों से छिपकर सामान बेचने का उन्हें अच्छा खासा अनुभव है और वह अपने इस काम में सफल भी हो रहे हैं।

नशे के कारोबारियों को नहीं रहा पुलिस और कानून का डर।

रीवा जिले में अब एक तरफ जहां गांव-गांव अवैध शराब गांजा और नशीली गोलियां और कफ सिरफ का धंधा जोरों से फल फूल रहा है तो वहीं इस अवैध नशे की कारोबार से युवाओं और नशे की शौकीन लोगों की जिंदगी बर्बाद हो रही है और आने वाली पीढ़ियां अपराधी बन रहे हैं इसके साथ ही मेडिकल नशे से युवाओं में नपुंसकता बढ़ती जा रही है, एक तरफ जहां कई सामाजिक संगठनों ने लोगों को नशे के विरुद्ध पाठ पढ़ाया जागरुकता अभियान चलाया लेकिन वह पाठ नशे के शौकीनों ने नहीं पढ़ा तों वहीं दूसरी तरफ नशे के अवैध कारोबारियों के विरुद्ध पुलिस ने भी बड़ी से बड़ी कार्यवाही की है लेकिन नशे के कारोबारियों में कोई खास फर्क नहीं पड़ा न्यायालय से आए दिन नशे के कारोबारियों पर सजा पड़ रही है बावजूद इसके नशे के कारोबारी सुधारने का नाम नहीं ले रहे हैं, ऐसा सब देखने के बाद यही कहा जा सकता है कि ना तो सामाजिक संगठनों की जागरूकता काम आ रही है और ना ही पुलिस का डंडा काम आ रहा है नशे की शौकीन जमकर नशा कर रहे हैं तो वहीं नशे के अवैध कारोबारी समाज और आने वाली पीढ़ी की चिंता किए बेखौफ होकर नशे का अवैध कारोबार कर रहे है।

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