Rewa news शराब कारोबार में आबकारी विभाग बना धृतराष्ट्र, दुर्योधन बने शराब कारोबारी, गुरु द्रोण,और भीष्म पितामह की तरह मूक बना पुलिस और राजस्व अमला।

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Rewa news शराब कारोबार में आबकारी विभाग बना धृतराष्ट्र, दुर्योधन बने शराब कारोबारी, गुरु द्रोण,और भीष्म पितामह की तरह मूक बना पुलिस और राजस्व अमला।

रीवा और मऊगंज जिले में बढ़ता नशे का अवैध कारोबार प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती, अब चिप्स कुरकुरे की दुकान भी बन गए अहाता और बीयर बार।

 

रीवा और मऊगंज जिले में नशे का कारोबार काफी तेजी से बढ़ रहा है शराब कारोबारियों द्वारा गांव गांव शराब भेज कर नशे के शौकीनों को मौज कराई जा रही है तो वहीं बेरोजगार युवाओं को शराब की पैकारी कराने का रोजगार भी शराब कारोबारी दे रहे हैं मार्च से लेकर जून माह तक का महीना शराब कारोबार को लेकर प्रतिवर्ष सुर्खियों में रहता है इसके अन्य भी कई कारण है वह बताते से पहले हम यह बताना चाहेंगे कि जनता द्वारा शराब पैकारी की गाड़ी पकड़ कर पुलिस के हवाले करना और फिर पुलिस द्वारा पकड़ी गई शराब की मात्रा थाने में कम हो जाना जनता का शराब से लदी गाड़ी पकड़ना इन सब के पीछे भी कई कारण है आज हम इसका भी खुलासा करेंगे कि इसके पीछे क्या सच्चाई हो सकती है यह माना जाता है कि शराब कारोबारी अपने मुनाफे के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं लेकिन हालत ऐसे हैं कि शराब कारोबार में आबकारी विभाग धृतराष्ट्र बना बैठा है दुर्योधन और दुशासन की तरह शराब कारोबारी काम कर रहे हैं और गुरु द्रोण और धृतराष्ट्र की तरह पुलिस और राजस्व विभाग के स्थानीय अधिकारी मौन होकर सब कुछ देख रहे हैं।

मार्च महीने से जून माह तक रहती है चर्चा।

जानकारों का कहना है कि शराब की दुकान का ठेका मार्च महीने से शुरू होता है और शराब कारोबारी नए-नए होते हैं उनके लिए यह कारोबार आसान नहीं होता क्योंकि दुकान से भले ही कितनी महंगी अधिक दाम पर शराब बेच ले बड़ा मुनाफा कमाने के लिये शराब गांव-गांव पहुंचना पड़ेगा इसके साथ ही सभी विभागों में स्थानीय स्तर पर नई नवेले शराब कारोबारियों को सेटिंग भी करनी होती है इसके अलावा सबसे बड़ी चुनौती गांव के उन दबंगों की मिलती है जो शराब कारोबारी से गांव में शराब परोसने के लिए हफ्ता लेते हैं और ऐसे लोग शराब का नया ठेका होते ही ताक कर बैठते हैं कि कब शराब कारोबारी की पैकारी के शराब की खेप निकले और उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दूं और ऐसे घटनाक्रम जून महीने तक ही सामने आते हैं इसके बाद सब कुछ सेट हो जाता है।

पुलिस और आबकारी का काम कर रही जनता।

इन दिनों देखने को मिल रहा है कि रीवा और मऊगंज जिले में पैकारी की शराब जनता पड़ रही है और पुलिस के हवाले करके वाहवाही बटोर रहे हैं ऐसा नहीं है कि यह काम पूरा ईमानदारी से ही हो रहा है कुछ जगह तो गांव के लोग सही मायने में काम करते हुए अवैध शराब कारोबार से तंग आकर शराब कारोबार पर अंकुश लगाना चाहते हैं तो वही कुछ ऐसे लोग भी दबंग प्रवृत्ति के होते हैं जिन्हें पैकारी की शराब में हिस्सेदारी चाहिए होती है और वह घात लगाकर बैठे रहते हैं की कब मौका मिले और शराब कारोबारी पर दबाव बनाकर अपनी आमदनी को पुख्ता किया जाए।

पकड़ी गई शराब और कार्यवाही पर सवाल।

गांव-गांव पकड़ी जा रही अवैध शराब की खेप कहां से भेजी गई है और किसके खिलाफ क्या कार्यवाही हुई है यह जानकारी सामने निकल कर नहीं आती जबकि पकड़े गए लोगों से आबकारी विभाग और पुलिस को पूछताछ करनी चाहिए कि किस दुकान की शराब लेकर घूम रहे थे और कहां-कहां शराब पहुंचाते हैं जहां अवैध रूप से शराब बेची जा रही है अगर ऐसा किया जाता है तो शराब कारोबारी के खिलाफ कठोर कार्यवाही होगी तो वही गांव-गांव में अघोषित रूप से चल रहे अवैध शराब के अड्डे भी बंद होंगे लेकिन ऐसा इसलिए संभव नहीं है कि संबंधित विभाग के अधिकारी नहीं चाहते कि स्थाई रूप से अवैध नशे के कारोबार पर अंकुश लगाया जाए रीवा और मऊगंज जिले में शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र होगा जहां अवैध शराब गांव-गांव न पहुंचाई जा रही हो बीते दिनों विराट वसुंधरा समाचार द्वारा गढ़ नईगढ़ी मऊगंज मनगवां के आसपास लालगांव सहित कई क्षेत्रों की शराब पैकारी की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था और अभी भी आम जनों से अपील है कि अगर ऐसी अवैध गतिविधियां आपके क्षेत्र में हो रही हैं तो हमें मोबाइल नंबर 9826548444 पर खबर फोटो वीडियो भेजिए हम प्रमुखता के साथ खबर को प्रकाशित करेंगे।

चिप्स कुरकुरे की दुकान बनी अहाता और बीयर बार।

मऊगंज जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के ग्राम गणेश धाम बराओं में बिना लाइसेंस के चिप्स और कुरकुरे की दुकान की आड़ में शराब बेची जा रही है लोगों का कहना है कि यह शराब नईगढ़ी क्षेत्र से लाई जाती है और यहां बेंची जा रही है ग्राम बरांव में शराब बिकती है यह हर किसी को पता है सिर्फ आबकारी और स्थानीय पुलिस को नहीं पता है जबकि यहां शाम होते ही शराबियों का जमघट लगता है और आने जाने वाले राहगीरों को इन नशेड़ियों से परेशानी भी होती हैं हम स्टिंग वीडियो में दिखा रहे हैं कि किस तरह से यहां पर चिप्स और कुरकुरे की दुकान में स्थाई रूप से अहाता और बीयर बार जैसी सुविधा शराब के शौकीनों को दी जाती हैं आखिर यहां पर शराब कैसे पहुंच जाती है संबंधित विभाग के जिम्मेदार स्थानीय अधिकारी किस बात की तनख्वाह लेते हैं यह वही जाने लेकिन सच तो यही है कि इस धंधे में महाभारत के उन कौरवों की तरह ही यहां जिम्मेदारों के हालात हैं जिनकी चर्चा हम ऊपर कर चुके हैं।

 

 

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