Rewa news, भगवान रूपी डॉक्टर, शिक्षक और न्यायलय के जज अगर अपने मार्ग से भटके तो देश, समाज और सरकार सही तरीके से नहीं चलेगी।
स्वास्थ्य विभाग में सार्थक एप्प से डॉक्टरों को उपस्थित दर्ज कराना अनिवार्य: बीके माला।
विराट वसुंधरा
रीवा। बीते माह सीएमएचओ रीवा डॉ संजीव शुक्ला द्वारा जिले में स्वास्थ्य विभाग के समस्त कर्मचारियों अधिकारियों को सार्थक एप्प के जरिए उपस्थिति दर्ज करने का आदेश जारी किए थे इस आदेश का पालन मेडिकल ऑफीसरों के द्वारा नहीं किया गया है जबकि नर्सिंग पैरामेडिकल और अन्य कर्मचारियों द्वारा लगातार सार्थक एप्प से उपस्थित दर्ज कराई जा रही है मीडिया को जानकारी देते हुए सीएमएचओ रीवा द्वारा यह बताया गया था कि यह आदेश समस्त शहरी और ग्रामीण क्षेत्र रीवा और मऊगंज जिले के शासकीय अस्पतालों में पदस्थ चिकित्सकों सहित सभी कर्मचारीयों के लिए है लेकिन दो माह बीत रहे हैं और अब तक चिकित्सकों ने इस आदेश का पालन नहीं किया इस संबंध में समाजसेवी एडवोकेट बीके माला ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बड़ा दुर्भाग्य है कि अधिकारी के आदेश का डॉक्टर पालन नहीं कर रहे हैं जबकि यह आदेश शासन के कर्मचारियों के लिए अति आवश्यक है और सरकार ने सभी कर्मचारी के लिए जारी किया है।
श्री माला ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की हालत यह है कि कुछ वर्ष पहले रीवा से नागपुर उपचार कराने दो बसें जाया करती थी और आज दर्जन से अधिक यात्री बसें रोजाना नागपुर जा रही है और स्पेशल ट्रेन और नियमित ट्रेन भी नागपुर के लिए खचाखच भरी रीवा से जा रही है इससे पता चलता है कि रीवा जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की कितनी बदहाल स्थिति है जबकि मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जिनके पास स्वास्थ्य विभाग है उनके गृह जिले में ऐसी स्थिति नहीं होनी चाहिए बिल्डिंग बना देने और मशीन लगा देने से व्यवस्था नहीं सुधरती इसके लिए बिल्डिंग के अंदर डॉक्टर को बैठना होगा और मशीनों को चलाने वाला कर्मचारी भी होना चाहिए रीवा जिले में संचालित निजी अस्पतालों को लेकर उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों में शासन की गाइडलाइन को पूरा नही किया जा रहा हैं इसे कोई देखने वाला नहीं है रीवा में मरीज डॉक्टरों पर भरोसा नहीं करते यह सबसे बड़ा दुर्भाग्य है और इसका कारण भी खुद डॉक्टर ही हैं।
श्री माला ने कहा कि डाक्टर और नर्स धरती में एक तरह से भगवान का रूप है लेकिन उनके रुपए कमाने की भूख ने उन्हें गलत राहों पर पहुंचा दिया है रीवा जिले का कितना बड़ा दुर्भाग्य है कि डॉक्टरों के आवास पर या उनकी निजी क्लीनिक नर्सिंग होम में रोजाना सैकड़ो मरीजों के उपचार करते हैं लेकिन यही डॉक्टर जहां नौकरी करते हैं अस्पताल में समय नहीं देते जिसके कारण शासकीय अस्पतालों का स्तर गिरता जा रहा है सरकार की मंशा है कि डॉक्टर सहित सभी कर्मचारी अपनी ड्यूटी ईमानदारी से करें इसी व्यवस्था को सार्थक बनाने सार्थक एप्प से उपस्थित दर्ज कराने का शासन का निर्देश है जिसका हर हाल में पालन होना चाहिए।