Rewa news, श्रीमद वाल्मिकी महाकुंभ में गोते लगाये लोग, गोस्वामी सत्यभान शास्त्री की रामकथा से भाव विभोर हुए श्रोता!

Rewa news, श्रीमद वाल्मिकी महाकुंभ में गोते लगाये लोग, गोस्वामी सत्यभान शास्त्री की रामकथा से भाव विभोर हुए श्रोता!

 

वैदिक साहित्य से पृथक विश्व संस्कृति साहित्य का प्रथम ग्रंथ श्रीमद वाल्मिकी रामायण कलश यात्रा के साथ संपन्न हुई कथा वाचक श्रीराम के आदर्श के बारे में बताया। कथा के पहले दिन राघव सरकार की महत्ता और अंजनी पुत्र बजरंग बली की विशिष्टता का संक्षेप में वर्णन किया गया, कथावाचक श्री शास्त्री द्वारा बताया गया कि सत्संग मानव जीवन का सर्वोत्तम सद्मार्ग है। भगवान श्रीराम के आदर्शों पर चलने से ही मानव का कल्याण संभव है। सच्चे मन से जो भी उनका सुमिरन करता है, वह हर संकट से मुक्त हो जाता है। जिस भाव से भक्ति की जाती है, भगवान उसी आधार पर उसे फल प्रदान करते हैं। इस दौरान जब कथा वाचक श्री शास्त्री द्वारा एक भजन की प्रस्तुति की गई “भक्त के वश में है भगवान” जैसे भजन सुनाया तो भक्त भाव विभोर हो गए।

श्रीमद्भागवत वाल्मिकी रामायण कथा 28 मई को समापन होकर 29 मई को पूर्ण आहूति तर्पण एवं भंडारे का आयोजन किया गया है, कथा वाचक गोस्वामी सत्याभान शास्त्री रहे एवम कथा श्रवणकर्ता गणेश भारती सपत्नीक श्यामवती भारती थी, कथा श्रवण करने गांव के आस पास के सैकडो की संख्या में लोग श्रीमद बाल्मिकी कथा का श्रवण किए। आए हुए पुरुषो एवं महिलाओं का परिवार के पुष्पराज भारती, सत्यराज भारती, सरोज भारती, इंद्रवती भारती, शशिप्रभा, प्रतिभा, एवम पुरुषो में आशुतोष भारती, रमाकांत भारती, धर्मराज भारती, मुनीद्र लाल सोनी, शैलेंद्र मिश्रा सहित सैकड़ो की संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे।

 

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