Rewa news, एक्सीडेंट करके भाग रहे शराब पैकार का पीछा करने वाले लोगों को पुलिस ने डाल दिया सलाखों के पीछे–?
रीवा जिले में शराब कारोबारियों द्वारा अपने मुनाफे के लिए क्या कुछ नहीं करना पड़ता पैकारी करते वीडियो में कैद हो गए तो जनता जीत गई और अगर पैकारी करने वाले लोगों का कारनामा कैमरे में कैद नहीं हुआ तो फिर शराब पैकार का पीछा करने वालों को पुलिस कैद कर लेती है ऐसा ही एक मामला बीते दिन रीवा जिले के मनगवां थाना अंतर्गत सामने आया है जहां शराब पैकारी वाली गाड़ी से कुछ लोगों का एक्सीडेंट हुआ उस गाड़ी का पीछा करने वाले युवक मनगवां थाना तक पहुंच गए और पुलिस ने उनको सलाखों के पीछे पहुंचा दिया, यहां दो तरह की बातें बताई जा रही है ग्रामीण कहते हैं कि सड़क के किनारे जो लोग बैठे थे उन्हें बोलेरो वाहन से ठोकर मारी गई उस वाहन को गांव के लोगों द्वारा रोकने का प्रयास किया गया जब बोलेरो नहीं रुकी तो लोगों ने पत्थर बाजी कर दी और वाहन का पीछा करते हुए मनगवा थाने तक पहुंच गए यह मानकर की पुलिस उनकी मदद करेगी और एक्सीडेंट करने वाले शराब कारोबारियों के खिलाफ कार्यवाही करेगी लेकिन वहां कुछ और हो गया पुलिस ने उन्हें आरोपी बनाकर अंदर कर दिया तो वहीं दूसरी तरफ से खबर यह आ रही है कि मनगवां शराब कारोबारी के गुर्गे बिना पुलिस और आबकारी विभाग को सूचित किए धवैया गांव में आदिवासी परिवार के घर अवैध शराब कारोबार पकड़ने के लिए छापामार कार्रवाई करने पहुंचे थे और ग्रामीणों ने उनके साथ मारपीट और गाड़ी में तोड़फोड़ कर दिया था।
क्या कहते हैं ग्रामीण।
बीते दिन मनगवां थाना क्षेत्र के ग्राम कठेरी में मनगवां से शराब पैकारी करने वाली बोलेरो ने दो लोगों को एक्सीडेंट कर दिया और जब गांव वालों उस वाहन का पीछा किया और तेज रफ्तार चल रही बोलेरो का पीछा करते हुए मनगवां थाने तक पहुंच गए यह मानते हुए कि पुलिस उनकी मदद करेगी लेकिन वहां कुछ और हो गया पुलिस पर भरोसा करने वाले ग्रामीणों को पुलिस ने मारपीट तोड़फोड़ करने के आरोप में तीन युवकों को अंदर कर दिया कुछ देर बाद उन युवकों का पता करने आए अन्य लोगों को पुलिस ने लॉकअप के अंदर कर दिया। पुलिस को यहां दोनों पक्ष की सुननी चाहिए तब कार्यवाही करनी चाहिए जो लोग वाहन दुर्घटना का आरोप लगा रहे हैं और घायल है उनका भी पुलिस द्वारा मेडिकल करवा कर संबंधित व्यक्तियों की विरुद्ध मामला दर्ज करना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
सवालों के घेरे में पूरी घटना।
बात जहां शराब कारोबारी से जुड़ी होती है वहां पुलिस क्या करती है यह बताने की जरूरत नहीं है आमतौर पर देखा जाता है कि शराब कारोबारी से उलझने की लोगों में हिम्मत नहीं होती क्योंकि शराब कारोबारियों के हाथ लंबे होते हैं यहां भी कुछ ऐसा ही मामला समझ में आता है।
पहला सवाल यह है कि अगर ग्राम धवैया में अवैध शराब बेची जा रही थी तो संबंधित छापामार कार्यवाही करने वाले लोग पुलिस और आबकारी विभाग के लोगों के साथ क्यों नहीं गए-?
दूसरा सवाल यह भी उठना है कि अगर ग्रामीणों ने उनके साथ मारपीट किया था तो फिर अपराध करने वाले अपराधी उनकी गाड़ी का पीछा करते हुए मनगवां थाने क्यों पहुंच गए -?
तीसरा सवाल यह भी उठता है कि एक्सीडेंट होने की घटना बताने वाले ग्रामीणों की पुलिस ने फरियाद क्यों नहीं सुनी और उनका मेडिकल क्यों नहीं कराया-?
बहरहाल इस मामले में पुलिस ने आधा दर्जन से अधिक युवकों को आरोपी बना दिया है और यह कह दिया गया है कि पुलिस ने धारा लगा दिया है अब कुछ नहीं हो सकता।