Rewa news, मऊगंज जिले को तालाबों का शहर बनाने दर्जनों तालाबों का होगा कायाकल्प कलेक्टर ने शुरू की पहल।

Rewa news, मऊगंज जिले को तालाबों का शहर बनाने दर्जनों तालाबों का होगा कायाकल्प कलेक्टर ने शुरू की पहल।
मऊगंज/रीवा। मध्य प्रदेश के नवगठित मऊगंज जिले में कई ऐतिहासिक एवं विशालकाय तालाब है। नमामि गंगे अभियान के तहत कलेक्टर मऊगंज अजय श्रीवास्तव द्वारा प्राचीन तालाबों कुआं बावली एवं अन्य जलाशयों के जीर्णोद्धार हेतु जिस तरह से ऐतिहासिक कदम उठाए जा रहे हैं उससे आगामी दिनों मऊगंज शहर तालाबों की नगरी के नाम से प्रसिद्ध होगा। नवगठित मऊगंज जिला मुख्यालय स्थित नगर परिषद क्षेत्र में कुल 11 तालाब हैं। जिनमें रानी तालाब, मऊ तालाब, गुजरा तालाब, मड़फा एवं आधार तालाब जैसे ऐतिहासिक तालाब हैं। जिनका अब कायाकल्प होगा। इन तालाबों को नया रूप मिलने से मऊगंज शहर जहां पर्यटकों के लिए आकर्षण होगा वहीं शहर क्षेत्र के जल क्षमता में भी वृद्धि होगी। मऊगंज कस्बा स्थित रानी तालाब एवं गुजरा तालाब जो 35.56 एकड़ भूमि निर्मित है।
गुरुवार 6 जून को कलेक्टर मऊगंज अजय श्रीवास्तव एवं जिला जज आदेश कुमार जैन द्वारा रानी तालाब एवं गुजरा तालाब का निरीक्षण किया गया। तालाब की पूरी एरिया का भ्रमण किया गया। उपरांत नगर प्रशासन को तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए प्राक्कलन तैयार किए जाने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर श्री श्रीवास्तव ने कहा कि मऊगंज नगर के उत्तरी छोर पर स्थित रानी एवं गुजरा तालाब को शहर का मॉडल तालाब बनाया जाएगा। निरीक्षण दौरान तालाब क्षेत्र के पूर्वी भूभाग के अंश भूमि में कब्रिस्तान एवं मुक्तिधाम बना है जिसे आपसी सामंजस्य से हटाकर निर्धारित क्षेत्र में विस्थापित किए जाने की चर्चा हुई।
इस दौरान कलेक्टर श्री श्रीवास्तव ने कहा कि तालाब तक जाने के लिए नेशनल हाईवे बाईपास छोर से पट्टेदारों से चर्चा कर बेहतर पहुंच मार्ग बनाने की कार्य योजना लाई जाएगी। कलेक्टर श्री श्रीवास्तव एवं जिला जज श्री जैन द्वारा किए गए निरीक्षण दौरान पाया गया कि रानी एवं गुजरा तालाव में मछली पालन एवं सिंघाड़े की खेती हेतु निकाय द्वारा पूर्व में संविदा की गई है। जिस विषय को लेकर कलेक्टर श्री श्रीवास्तव द्वारा नगर निकाय मऊगंज को निर्देश दिए गए की नियमानुसार परिषद की बैठक बुलाकर मछली पालन एवं सिंघाड़े की खेती हेतु की गई संविदा को निरस्त किया जाय। रानी तालाब के निरीक्षण दौरान पाया गया कि तालाब के भीटा की भूमि का कुछ लोगों द्वारा पट्टा कर लिया गया है। पट्टा कब हुआ किसके आदेश से हुआ जिस विषय की कलेक्टर द्वारा राजस्व अधिकारियों को जांच करने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर श्री श्रीवास्तव ने कहा कि रानी तालाब के चारों तरफ बेहतर निर्माण कार्य कराया जाएगा। लाइट की व्यवस्था होगी जिससे मॉर्निंग व इवनिंग वॉक के समय लोगों को सुविधा होगी। स्वच्छ वातावरण के लिए तालाब के चारों और पौधे लगाए जाएंगे।
इसी तरह मऊगंज शहर स्थित सभी 11 तालाबों का सौंदर्यकरण कार्य कराया जाएगा। कई तालाबों में पूरी तरह जलकुंभी भरा पड़ा है जिससे वर्षात के दिनों में जल जमाव की समस्या बनी रहती है। कलेक्टर श्री श्रीवास्तव ने कहा कि तालाबों के सौंदर्यीकरण से स्थानीय लोगों को स्वच्छ वातावरण का लाभ मिलेगा वहीं जल संरक्षण को बल मिलेगा। तालाबों के सौंदर्यीकरण हो जाने से गर्मी के दिनों में यहां का वाटर लेवल बेहतर रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने नमामि गंगे अभियान शुरू किया है और अभी उच्च न्यायालय के भी निर्देश आए है और पंच ज अभियान उन्होंने शुरू किया है। जो अगस्त तक चलेगा। इस विषय को लेकर मंशा सिर्फ एक ही है कि पर्यावरण को बचाएं। जन जागरूकता लाते हुए अधिक जल संरक्षण किया जाए। उन्होंने कहा कि जितनी जलीय संरचनाएं तालाब नदिया कुए बावड़ियां है इनका संरक्षण किया जाए। इनको पुनर्जीवित किया जाए। और नए कंस्ट्रक्शन भी किए जाएं। और जल्द पूर्ण किया जाए ताकि आने बाली बारिश दौरान जलाशयों में ज्यादा से ज्यादा पानी रोक सके। जितना अधिक से अधिक पानी हम धरती में समाहित करने में सफल रहेंगे उतना ही भूजल प्राप्त करने में सफलता पाएंगे। पेड़ पौधों जंगलों की कटाई कम से कम करते हुए अधिक से अधिक पौधारोपण करें। ध्यान रखें अच्छी किस्म के और बेहतर साइज के पौधों का रोपण करें और रोपे गए पौधों के सुरक्षा के दायित्व का निर्वहन करें। कलेक्टर श्री श्रीवास्तव ने आम जनमानस जनप्रतिनिधियों एवं समाजसेवियों से अपील करते हुए कहा कि पानी एवं पौधों की सुरक्षा करने के लिए अपने घर वालों को भी प्रेरित करें। अपने आस पड़ोस के लोगों को भी उत्साहित करें ।पूरे समाज को प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि मऊगंज में लगभग 11 तालाब है जो अभी जीवित स्थिति में है और हम एक-एक करके सभी तालाबों को टेकअप करेंगे। कलेक्टर श्री श्रीवास्तव ने कहा कि मुझे लगता है कि सारे तालाब अच्छे से डेवलप हो जाएंगे तो इसको तालाबों का शहर के नाम से हम इसको विकसित कर सकते हैं।
कलेक्टर ने कहा कि अतिक्रमण भी चिन्हित किए गए हैं।रानी तालाब में जो अतिक्रमण है कुछ शमशान बना हुआ है उसको भी हम प्रयास करेंगे कि जिस समाज के हैं उनको आसपास कोई जगह दी जाए ताकि यह स्थाई और अच्छा मुक्तिधाम या कब्रिस्तान निर्धारित स्थान पर बन जाए ताकि भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए वह अच्छा एक विकसित स्थान हो जाए।रानी तालाब को बाईपास से जोड़ने की जो भी संभावनाएं हो सकती हैं। कुछ लोगों से हमें जमीन दान दिलानी पड़े तो वह सब प्रयास करके हम इसको बाईपास से जोड़ पाएंगे तो बहुत अच्छा एक कनेक्टिविटी हो जाएगी और लोगों को सहूलियत हो जाएगी और यह एक अच्छा पिकनिक स्पॉट के रूप में डेवलप हो जाएगा। वही इस मौके पर मऊगंज जिला जज श्री जैन ने कहा कि पर्यावरण से तो हम सभी वाकिफ हैं कि आज हमारे समाज में सबसे बड़ी चुनौती पर्यावरण है। नमामि गंगे, नमामि नर्मदे हर योजनाओं के माध्यम से जल संरक्षण के लिए विशेष प्रयास चल रहे हैं। श्री जैन ने कहा कि मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव का रुझान प्रकृति और पर्यावरण के लिए हमेशा से रहा है। उनका ध्यान सर्वदा रहा है कि मऊगंज के लिए ऐसा क्या किया जाए जिससे क्षेत्र का हर दृष्टि से बेहतर विकास हो। उन्होंने ने कहा कि हम जज है। हमारी तरफ से कोशिश की जाती है कि जन जागरूकता जैसे कार्य किया जाय।वैसे तो हम लोगों का काम बोर्ड पर बैठकर के न्याय करना होता है लेकिन जब कभी मौका होता है तो जन भागीदारी के लिए प्रेरित करने के लिए और योजना के लिए कलेक्टर साहब और हमने बात की है की जल जमीन जानवर यानी 5 ज जो है इन पांच ज का संरक्षण करने के लिए विशेष रूप से जो भी कार्यवाहियां हम कर सकते हैं वह प्रयास करेंगे। इस मौके पर नगर परिषद मऊगंज के अध्यक्ष बृजवासी पटेल एसडीएम बीपी पांडेय तहसीलदार सौरव मरावी तहसीलदार दीपक तिवारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी महेश पटेल सहित कई पार्षद अन्य जनप्रतिनिधि अधिकारी कर्मचारी समाजसेवी एवं आमजन मौजूद रहे।
इन तालाबों का होगा कायाकल्प
मऊगंज नगर स्थित मऊ तालाब, रानी तालाब, गुजरा तालाब,भुअरा तालाब, सुंदर पूरवा तालाब, आधार तालाब, मड़फा तालाब, डूड़ी तालाब सहित शहर के वार्ड क्रमांक 15 के बराव रोड स्थित तीन अन्य तालाबों का भी सौंदर्यीकरण हो जाने से मऊगंज शहर तालाबों की नगरी के रूप में भविष्य में जाना जाएगा। कलेक्टर श्री श्रीवास्तव द्वारा निर्देश दिए गए की प्रकृति एवं पर्यावरण पर जोर देते हुए सभी तालाबों के जीर्णोद्धार में गति लाएं। उन्होंने कहा कि तालाबों के जीर्णोद्धार एवं आसपास पौधा रोपण से पर्यावरण को बढ़ावा मिलेगा।