Rewa news, 26 साल बाद आया शिक्षाकर्मी घोटाले का फैसला आरोपियों में 4 की हो चुकी मौत रमाशंकर मिश्रा सहित 14 को पडी सजा।
Rewa news, 26 साल बाद आया शिक्षाकर्मी घोटाले का फैसला आरोपियों में 4 की हो चुकी मौत रमाशंकर मिश्रा सहित 14 को पडी सजा।
कांग्रेस की सरकार रहते वर्ष 1998 में रीवा जिले भर में शिक्षाकर्मी भर्ती हुई थी जिसमें जमकर घोटाला किया गया था आरोप लगे थे कि रुपए लेकर और अपने खास लोगों को उपकृत करने के लिए जनपद पंचायतों की शिक्षा समितियों ने अपने पदों का दुरुपयोग करते हुए नाजायज तरीके से शिक्षाकर्मियों की भर्ती की थी इस घोटाले को लेकर लोकायुक्त ने मामला दर्ज कर जांच पड़ताल की जिसमें भर्ती घोटाले की सभी पहलुओं पर रीवा न्यायालय में सुनवाई हुई और बीते दिन 26 साल पहले हुए बहुचर्चित शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाले में दोषियों को न्यायालय ने सजा सुनाई है बताया गया है कि रीवा लोकायुक्त की जांच के बाद 19 लोग आरोपी बनाये गये थे, एक आरोपी पहले ही दोषमुक्त हो चके थे 4 आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है और
14 आरोपियों को रीवा न्यायालय ने दोषी मानते हुए कारावास और जुर्माना की सजा सुनाई है।
ऐसे हुआ था शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाला।
रीवा जिले में बहुचर्चित शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाला वर्ष 1998 में हुआ था इस घोटाले की गूंज पूरे प्रदेश में सुनाई दे रही थी तत्कालीन कांग्रेस सरकार में हुए शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाले को लेकर तत्कालीन विपक्षी दल भाजपा ने इसे मुद्दा बनाया था भारी विरोध और शिकायतों को संज्ञान लेते हुए लोकायुक्त ने मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू किया गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर लोकायुक्त टीम द्वारा जवा जनपद पंचायत में हुए शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाले में 19 लोगों को आरोपी बनाया था यह भर्ती शिक्षाकर्मी वर्ग 1, 2 और 3 के लिए 170 पदों पर की जानी थी, जिसमें राजीव गांधी शिक्षा मिशन के तहत 60 जबकि शिक्षा विभाग के 110 शिक्षकों की भर्ती होनी थी जिसमें जनपद जवा की शिक्षा समिति ने कूटरचना करते हुए अधिक पदों पर भर्ती कर लिया था।
दोषियों को न्यायालय ने सुनाई सजा।
शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाले के आरोपियों को 26 साल बाद रीवा जिला सत्र न्यायालय के अपर न्यायाधीश डॉ. मुकेश मलिक ने 14 लोगों को भर्ती घोटाले दोषी ठहराया और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 B के तहत 2 साल की सजा और 3 हजार रुपए जुर्माना एवं धारा 367 के तहत 3 साल की सजा और 5 हजार रुपए जुर्माना के साथ ही कुछ आरोपियों को धारा 471 के तहत दो साल की कारावास और 5 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई है इस घोटाले में तत्कालीन जनपद अध्यक्ष रमाशंकर मिश्रा सहित 14 लोगों को सजा सुनाई गई है पूरे मामले में 19 आरोपी बनाए गए थे एक आरोपी पहले ही दोषमुक्त हो चुके थे और 4 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।