हिंदी सिनेमा के सफल निर्देशक रोहित शेट्टी के पिता एक खूंखार विलेन थे उनके सामने आने पर हीरो के छूटने लगते थे पसीने।

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हिंदी सिनेमा के सफल निर्देशक रोहित शेट्टी के पिता एक खूंखार विलेन थे उनके सामने आने पर हीरो के छूटने लगते थे पसीने।

 

हिंदी सिनेमा जगत में कलाकारों की पहचान उनकी अदाकारी से होती है हम बात कर रहे हैं उस खलनायक की जिनके सामने आते ही हीरो के पसीने छूटने लगते थे उनका नाम एमबी शेट्टी है जो हिंदी सिनेमा के एक अद्वितीय खलनायक रहे हैं, जिन्होंने अपने करियर में कई यादगार भूमिकाएँ निभाईं। उनका जन्म 1931 में मैंगलोर में हुआ, और उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत मुंबई में एक वेटर के रूप में की। शेट्टी की शारीरिक संरचना और लंबाई उन्हें एक प्रभावशाली व्यक्ति बनाती थी, जो बाद में उनके अभिनय करियर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनी।

शेट्टी ने 1956 में फिल्म “हीर” से फाइट इंस्ट्रक्टर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने कई बड़ी फिल्मों में काम किया, जहाँ उनकी विशेषता विलेन के हेंचमैन या सहायक खलनायक के रूप में उभर कर सामने आई। वे प्रेमनाथ, प्राण, और प्रदीप कुमार जैसे प्रमुख सितारों के लिए बॉडी डबल का भी काम करते थे, उनकी दमदार स्क्रीन प्रेजेंस और जबरदस्त स्टंट क्षमताओं ने उन्हें दर्शकों के बीच लोकप्रिय बनाया। वे एक सफल स्टंटमैन और फाइट कोरियोग्राफर भी रहे। शेट्टी का लुक, जिसमें गंजा सिर और विशाल कद शामिल था, उन्हें खलनायक की भूमिकाओं में और भी प्रभावी बनाता था।

एम बी शेट्टी के दो विवाह हुए थे उनकी पहली पत्नी विनोदिनी से उनके दो बेटे और दो बेटियां थीं। उनके छोटे बेटे, रोहित शेट्टी, आज के समय में एक सफल निर्देशक हैं, जिन्होंने अपनी फिल्मों में एक्शन और स्टंट को प्रमुखता दी है हिंदी सिनेमा जगत में इस समय रोहित शेट्टी का सिक्का चलता है अजय देवगन अक्षय कुमार जैसे कई कलाकारों का स्टारडम रोहित शेट्टी के निर्देशन में बनी फिल्मों से उंचाई पर है कहा जाता है कि रोहित शेट्टी का फिल्मों की तरफ झुकाव संभवतः अपने पिता की विरासत से प्रभावित है।

एक दुखद घटना ने शेट्टी के जीवन में एक मोड़ ला दिया। 1980 में, फिल्म “बॉम्बे 405 माइल्स” के सेट पर एक स्टंटमैन की मौत ने उन्हें गहरे सदमे में डाल दिया। इस हादसे के बाद उन्होंने खुद को जिम्मेदार मानते हुए डिप्रेशन का सामना किया और शराब की लत का शिकार हो गए और शेट्टी का निधन 1982 में 51 वर्ष की आयु में हुआ। अपने करियर के दौरान उन्होंने लगभग 700 फिल्मों में काम किया, जिसमें हिंदी और कन्नड़ दोनों फिल्में शामिल हैं।

एम बी शेट्टी की कला और योगदान को हिंदी सिनेमा में हमेशा याद रखा जाएगा, और उनकी विरासत आज भी नई पीढ़ी के कलाकारों को प्रेरित कर रही है, इस प्रकार, एमबी शेट्टी केवल एक खलनायक ही नहीं थे, बल्कि एक प्रेरक व्यक्ति भी थे उन्होंने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे और अपनी अदाकारी के जरिए सिनेमा की दुनिया में एक अमिट छाप छोड़ी है अब उनके बेटे रोहित शेट्टी हिंदी सिनेमा के जाने-माने निर्देशक के रूप में पिता की विरासत को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।

 

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