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Chaitra Navratri 2025: नवरात्रि के तीसरा दिन पर मां चंद्रघंटा की पूजा से मिलेगा धन, सुख और सफलता, लेकिन ये एक गलती कर दी तो तबाही तय!

नवरात्रि के तीसरा दिन पर मां चंद्रघंटा की पूजा से मिलेगा धन, सुख और सफलता, लेकिन ये एक गलती कर दी तो तबाही तय!

Chaitra Navratri 2025: कल नवरात्रि का तीसरा दिन है, जो मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा के लिए बेहद खास होता है। मां चंद्रघंटा की कृपा से जीवन में शांति, समृद्धि और विजय प्राप्त होती है, लेकिन अगर पूजा में गलती कर दी, तो संकट भी बढ़ सकता है! इसलिए जानें सही पूजा विधि और किन गलतियों से बचना है।

मां चंद्रघंटा का स्वरूप क्यों है खास?

मां चंद्रघंटा के मस्तक पर अर्धचंद्र सुशोभित रहता है, जो शांति और शक्ति का प्रतीक है। उनके दस हाथों में अस्त्र-शस्त्र होते हैं, जो यह दर्शाते हैं कि वे अपने भक्तों की रक्षा करती हैं।

मां चंद्रघंटा की पूजा विधि:

स्नान के बाद स्वच्छ लाल या पीले वस्त्र पहनें।
पूर्व या उत्तर दिशा में बैठकर मां की प्रतिमा या चित्र के सामने घी का दीपक जलाएं।
मां को सफेद, लाल या सुनहरे रंग के फूल अर्पित करें।
गाय के दूध से बनी मिठाई या केसर युक्त दूध का भोग लगाएं।
इस मंत्र का 108 बार जाप करें:
“पिंडज प्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्र कैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघंटेति विश्रुता॥”*
ध्यान करें और मां की आरती करके परिवार की सुख-शांति की प्रार्थना करें।

इन गलतियों से बचें, वरना हो सकता है अनिष्ट!

काले रंग के कपड़े पहनकर पूजा न करें।
बिना स्नान किए पूजा में न बैठें।
मां को तुलसी या दूर्वा न चढ़ाएं, यह निषेध माना जाता है।
पूजा स्थल पर झगड़ा या अपशब्दों का प्रयोग न करें।
भोग में नमक या तामसिक चीजें न चढ़ाएं।

मां चंद्रघंटा की कृपा से जीवन में आएगी खुशहाली!
मां चंद्रघंटा की पूजा करने से जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है, शत्रुओं का नाश होता है और कार्यों में सफलता मिलती है। अगर आप इन नियमों का पालन करेंगे, तो मां की कृपा से आपका जीवन सुख-समृद्धि से भर जाएगा।

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