मध्य प्रदेश

MP news अब प्रदेश के इन जिलों में कलेक्टर की बिना अनुमति  भूखण्डों के विक्रय-पत्र का नहीं होगा पंजीयन।

MP news अब प्रदेश के इन जिलों में कलेक्टर की बिना अनुमति  भूखण्डों के विक्रय-पत्र का नहीं होगा पंजीयन।

 

भारत का राजपत्र अधिसूचना प्रकाशन दिनांक 20.02.2003 के अनुसार कलेक्टर से अनुमति प्राप्त कर भूखण्डों के विक्रय-पत्र का पंजीयन किया जाएगा इस संबंध में कलेक्टर शहडोल तरुण भटनागर ने कमिश्नर शहडोल संभाग के निर्देषानुसार आदेश जारी करते हुए कहा है कि तहसील पुष्पराजगढ़, अनूपपुर, जैतहरी, कोतमा, जैतपुर, सोहागपुर, जयसिंहनगर एवं पाली अधिसूचित क्षेत्र घोषित किये गये हैं, चूँकि उक्त जिलों की तहसीलें अधिसूचित क्षेत्र में होने से म.प्र. भू-राजस्व संहिता, की धारा 165 (6) प्रभावशील होने से तथा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण संभाग शहडोल अंतर्गत नगरीय क्षेत्र एवं नगरीय क्षेत्र से लगे हुए विशिष्ट ग्रामों के भू-खण्डों के विक्रय पत्र के पंजीयन सक्षम अधिकारी कलेक्टर की अनुमति के नहीं किया जा सकता है।

इस संबंध में शहडोल संभाग के तीनों जिले के जिला पंजीयक व उप पंजीयक को जिला कलेक्टर की अनुमति के बगैर उक्त अधिसूचित तहसीलों के भूमियों के विक्रय का पंजीयन न करने के निर्देश जारी किये जायें। जारी आदेश में कहा गया है कि म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 165 (6) (एक) के अनुसार ऐसे क्षेत्रों में, जिनमें आदिम जनजातियां प्रमुख रूप से निवास करती हों, तथा ऐसी तारीख से, जिसे जिन्हें कि राज्य सरकार, अधिसूचना व्दारा, विनिर्दिष्ट करे, किसी ऐसे व्यक्ति को, जो कि उक्त अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किये गये क्षेत्र में की ऐसी जनजाति का न हो, विक्रय व्दारा या अन्यथा या उधार संबंधी किसी संव्यवहार के परिणामस्वरूप न तो अंतरित किया जाएगा और न ही अंतरणीय होगा।

मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 165 (6-क) के अनुसार उपधारा (1) में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी। किसी ऐसी जनजाति के जिसे उपधारा (6) के अधीन आदिम जनजाति घोषित किया गया है, भूमिस्वामी से भिन्न किसी भूमिस्वामी का कृषि भूमि को छोड़ कर अन्य भूमि में का अधिकार), किसी ऐसे व्यक्ति को जो आदिम जनजाति का न हो कलेक्टर की अनुज्ञा, जो लेखबद्ध किए जाने वाले कारणों से दी जाएगी, के बिना विक्रय व्दारा या अन्यथा अथवा उधार संबंधी किसी संव्यवहार के परिणामस्वरूप, न तो अंतरित किया जाएगा और न ही अंतरणीय होगाष् संहिता में विहित उपरोक्त प्रावधानों के अनुरूप संहिता की धारा 165 (6) अंतर्गत अधिसूचित क्षेत्र के अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्ति के स्वामित्व की भूमियों के अंतरण की अनुमति पूर्णतः प्रतिबंधित हैं। संहिता की धारा 165(6-क) में विहित प्रावधान के अनुसार नगरीय क्षेत्र एवं उससे लगे विशिष्ट ग्रामों की पड़ती भूमियों के संबंध में गैर अनुसूचितजनजाति वर्ग के व्यक्ति के स्वामित्व की भूमियों का गैर अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को अंतरण कलेक्टर से सक्षम अनुमति प्राप्त करने के उपरांत ही किया जा सकता है।

जारी आदेश में कहा गया है कि कमिश्नर, शहडोल संभाग, शहडोल व्दारा जारी उक्त निर्देश के परिपालन में संबंधित जिला पंजीयक एवं उप पंजीयक को निर्देश जारी किये गये हैं कि संहिता में विहित प्रावधानों तथा समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें साथ ही समस्त अनुविभागीय अधिकारी (रा.) (ब्यौहारी को छोड़कर) को निर्देशित किया गया है कि नगरीय क्षेत्र एवं नगरीय क्षेत्र से लगे विशिष्ट ग्रामों के भूखण्डों के विक्रय-पत्र का पंजीयन सक्षम अधिकारी कलेक्टर की अनुमति के बिना न किया जाये।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button