आदिवासी छात्रावास मधुरी में असामाजिक तत्वों द्वारा की जा रही थी शराबखोरी, छात्र ने वीडियो बनाया तो कर दी पिटाई।

0

आदिवासी छात्रावास मधुरी में असामाजिक तत्वों द्वारा की जा रही थी शराबखोरी, छात्र ने वीडियो बनाया तो कर दी पिटाई।

परेशान छात्रों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में डाला तो भड़क गए असमाजिक तत्व।

छात्र के साथ मारपीट के बाद मामले ने पकड़ा तूल
अधिकारियों ने लिया ऐक्शन, देर रात दर्ज कराई गई एफआईआर।

विराट वसुंधरा सीधी।
जिला मुख्यालय के नजदीक संचालित हो रहे अनुसूचित जाति बालक छात्रावास मधुरी पवाई में बाहरी तत्वों द्वारा शराबखोरी का मामला सामने आया है। मांस व मदिरा सेवन का छात्रावास के एक छात्र द्वारा वीडियो बनाकर छात्रावासी बच्चों के वाट्सग्रुप में डालने के बाद उसके साथ बेरहमी के साथ मारपीट की गई। मामला तूल पकड़ा तो अधिकारियों ने ऐक्शन लिया और जमोड़ी थाने मेें मामले की शिकायत दर्ज कराई गई, जहां फिलहाल एक आरोपी के विरूद्ध विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया है। इधर सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग ने छात्रावास अधीक्षक तथा चौकीदार को तत्काल प्रभाव से निलबिंत कर दिया गया है।छात्रावास में रह रहे छात्रों ने दबी जुबान बताया है कि यहां लंबे समय से असमाजिक तत्व जिसमें कुछ भाजपा के युवा नेता भी शामिल हैं, लंबे समय से मांस व मदिरा सेवन के लिए छात्रावास को अड्डा बनाए हुए थे। रात में आठ से दस की संख्या में पहुंचते थे और वहीं मांस मदिरा का सेवन करते थे,साथ ही किसी को भी इसकी जानकारी न देने की धमकी देते थे।असमाजिक तत्वों की इस हरकत से छात्रावासी बच्चे डरे सहमे रहते थे,साथ ही उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही थी।

 

छात्र ने चोरी छिपे बनाया था वीडियो:-
सिंगरौली जिले के जियावन थाना अंतर्गत ग्राम कुरसा निवासी कैलाश पिता लालता प्रसाद प्रजापति भी इसी छात्रावास में रहता है और आर्या पैरामेडिकल कॉलेज सीधी में बीएमएलटी प्रथम वर्ष में अध्ययनरत है। 10 सितंबर की रात करी 8.30 जब वह मेस से खाना खाकर अपने कमरे में लौटा तो उसके कमरे में 7-8 बाहरी तत्व बेड में बैठकर शराब पी रहे थे, साथ में कुछ खा रहे थे। छात्र ने अपने बेड में बैठकर चोरी छिपे इसका वीडियो बना लिया। रात करीब 11 बजे सभी वहां से चले गए। जाते वक्त धमकी देते गए कि यहां हम लोगों ने जो किया है, किसी को बताओगे तो छोड़ेंगे नहीं।

 

छात्रावास के वाट्सएप ग्रुप में छात्र ने डाला था वीडियो –

पीडि़त छात्र के छात्रावास मे रहने वाले अपने कुछ अन्य साथियों को बताया था, और वीडियो को छात्रावासी बच्चों के बीच बनाए गए वाट्सएप ग्रुप में डाल दिया। इसकी जानकारी उन बाहरी तत्वों को हो गर्ई। उनमें से एक गौरव सिंह परिहार निवासी मधुरी पवाई वहां पहुंचा और कैलाश से पूछा कि हमारा रात में वीडियो किसने बनाया है।मना करने पर गाली गलौंज और जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए मारपीट शुरू कर दी। अन्य बच्चों ने बीच बचाव करने का प्रयास किया तो उनके साथ भी मारपीट की गई। उसी समय छात्रावास के अधीक्षक छठिलाल साकेत भी पहुंच गए और बीच बचाव किया तब वह जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से चला गया।

 

अधीक्षक,चपरासी का निलबंन,लगा सीसीटीवी कैमरा:-

सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग डॉ डीके द्विवेदी ने बताया कि इस मामले मे छात्रावास अधीक्षक छठिलाल साकेत और चौकीदार श्रीलाल कोल की लापरवाही सामने आई हैं।अधीक्षक उस दौरान छात्रावास से अनुपस्थित थे।दोनों को तत्काल प्रभाव से निलबिंत कर दिया गया है।छात्रों की सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरा भी लगवा दिए गए हैं।

 

2 बजे रात दर्ज हुई एफआईआर-
11 सितबंर को दिनभर छात्रावास प्रबंधन मामले को दबाने मे जुटा रहा।शिकायत तक दर्ज नहीं कराई गई।शाम को वह वीडियो को सोशल मीडिया मे वायरल हो गया।इसके साथ बच्चों की आपबीती का भी एक वीडियो वायरल हुआ।उस वीडियो को कांग्रेस के कुछ नेताओं ने सोशल मीडिया में लगातार चलाया।इस पर अधिकारी आनन-फानन मे रात ही पीड़ित छात्रों को लेकर शिकायत दर्ज कराने जमोड़ी थाना पहुंचे।शिकायत पर देररात मारपीट करने वाले गौरव सिंह परिहार के विरुद्ध एससी,एसटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया।

 

अधीक्षक छात्रावास मे नहीं थे मौजूद :-
अनुसूचित जाति बालक छात्रावास मधुरी पवाई में रहने वाले छात्रों के साथ की गई मारपीट की घटना ने छात्रावास व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। पीडि़त कैलाश प्रजापति की शिकायत को अगर माने तो घटना के समय अगर अधीक्षक छात्रावास में मौजूद रहते तो शायद यह स्थिति न निर्मित होती। लेकिन पीडि़त छात्र ने पुलिस को दिए गए बयान में यह साफ बताया है कि यहां मौके पर अधीक्षक छठिलाल साकेत नही थे सिर्फ एक चपरासी मौजूद था। पीडि़त की शिकायत ने अनुसूचित बालक छात्रावास मधुरी पवाई के व्यवस्था की पोल खोल दी है लेकिन हकीकत यह है कि जिले के अधिकांश छात्रावासों के अधीक्षक अपना आशियाना छात्रावास से अलग बनाकर रखे है।

 

भाजपा के युवा नेता का नाम आ रहा सामने-*
छात्रावास में शराबखोरी करने वाले समूह में भाजपा के युवा मोर्चा के एक पदाधिकारी का भी नाम सामने आ रहा है, इसके साथ ही आठ लोगों के समूह में अन्य की पहचान अभी नहीं हो पाई है। हालांकि सूत्रों के अनुसार छात्रावासी बच्चे उनकी पहचान कर रहे हैं, लेकिन उन पर राजनैतिक दबाव बनाया जा रहा है, जिससे वह उनका नाम नहीं ले पा रहे हैं।

 

छात्रावासों की व्यवस्था पर उठ रहे सवाल:-
अनुसूचित जाति एवं जनजाति के बालक-बालिकाओं को बेहतर शिक्षा देने के उद्देश्य से सरकार छात्रावास सुविधा संचालित कर रखी है लेकिन वायरल वीडियो ने छात्रावासों की व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। हैरानी की बात यह है कि छात्रावास संचालन के लिए आदिम जाति कल्याण विभाग के माध्यम से यहां अधीक्षक सहित आधा दर्जन कर्मचारियों की नियुक्ती की जाती है लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि अधीक्षक सिर्फ कोरमपूर्ति के लिए छात्रावास पहुंचते है व अन्य कर्मचारी अपनी-अपनी ड्युटी बजाकर निकल लेते है। यही वजह है कि यहां आसमाजिक तत्वों का भी प्रवेश हो जाता है कहा जा रहा है कि अगर मौके पर अधीक्षक सहित अन्य स्टाफ मौजूद होता तो इस तरह की स्थिति निर्मित न होती।

 

छात्रावास मे सुरक्षा के नही है इंतजाम :-
आदिम जाति कल्याण विभाग के माध्यम से संचालित छात्रावासों की संख्या जिले में एक सैकड़ा से ऊपर है। लेकिन सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था कहीं नही देखने को मिली है। जबकि आदिवासियों के नाम पर जिले में पर्याप्त वजट भी आता है ऐसा नही कि यह वजट वापस हो जाते है हकीकत यह है कि विभाग के सहायक आयुक्त से लेकर तमाम जिम्मेदार अधिकारी निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति कर खुद राशि ऐंठने में लगे रहते है। यही वजह है कि न तो छात्रावासों में पदस्थ स्टाफ देखने को मिलते न ही सुरक्षा के संसाधन। जबकि छात्रावासो के संचालन को लेकर सरकार पर्याप्त वजट उपलब्ध करा रही है लेकिन किसी भी छात्रावास मे सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरे तक नही लगाए गए है जिसके चलते इस तरह की घटना को अंजाम देने वाले आरोपी बचकर निकल जाते है।

 

इनका कहना है:-
छात्रावास में शराबखोरी के मामले मे अभी फिलहाल एक की पहचान हो पाई है जो घटना की सुबह छात्रावास में पहुंचकर छात्रावासी बच्चों के साथ मारपीट किया था। उसके विरूद्ध नामजद अपराध दर्ज कर लिया गया है,शेष की पहचान की जा रही है।
शेषमणि मिश्रा,
थाना प्रभारी जमोड़ी

- Advertisement -

Leave A Reply

Your email address will not be published.