Heart attack आने पर आपके पास एक घंटा तक जान बचाने का ही होता है गोल्डन टाइम समझिए क्या कहते हैं, हृदय रोग विशेषज्ञ।
Heart attack आने पर आपके पास एक घंटा तक जान बचाने का ही होता है गोल्डन टाइम समझिए क्या कहते हैं, हृदय रोग विशेषज्ञ।
हृदय रोग के इन प्रथमिक लक्षण को समझिए नहीं तो जा सकती है जान।
समय तेजी से बदल रहा है लोग भौतिक रूप से जितनी तेजी से तरक्की कर रहे हैं उतनी ही तेजी से नई नई बीमारियां भी बढ़ रही है जिससे सबसे ख़तरनाक हृदय रोग को माना जा रहा है मध्यप्रदेश के रीवा जिले में विगत दो वर्षों में देखने को मिला है कि हृदय रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी है खासकर 50 वर्ष उम्र पार कर चुके लोगों में यह समस्या अधिक देखने को मिली है बीते वर्ष अक्टूबर 2023 से लेकर जनवरी तक ठंड के मौसम में रीवा की सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और संजय गांधी अस्पताल में लगभग एक हजार से अधिक हृदय रोगियों को रीवा जिले की सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और लगभग इतने ही संख्या में ऐसे रोगी भी रहे हैं कि जो समय रहते अस्पताल पहुंचकर हृदय रोग विशेषज्ञों के पास उपचार कराने पहुंचे और प्राथमिक लक्षण पाए जाने के बाद चिकित्सकों ने उनका इलाज समय पर शुरू कर दिया जो अस्पताल में भर्ती नहीं हुए और ठीक हो गए मरीजों की सतर्कता और समय पर उपचार करने से हजारों की संख्या में रीवा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल से अब तक मरीज स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं।
क्या कहते हैं हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ एस के त्रिपाठी।
SS medical college रीवा सुपर speciality hospital कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टर एस के त्रिपाठी का कहना है कि हृदय रोगियों की संख्या इस समय काफी बढ़ चुकी है एक समय तक 50 वर्ष से अधिक के उम्र के लोग ह्रदय रोग के शिकार होते थे लेकिन अब कम उम्र में भी लोग ह्रदय रोगी होने लगे हैं इसके पीछे का जो मूल कारण है वह लोगों की दिनचर्या का है गलत खान- पान और रहन -सहन है डॉ एसके त्रिपाठी ने कहा ह्रदय रोग के प्राथमिक लक्षण को यदि नजरअंदाज ना किया जाए तो रोगी को बचाने के लिए एक घंटे का गोल्डन टाइम होता है इस बीच अगर मरीज हमारे पास पहुंचता है तो हम मरीज की जान बचा सकते हैं कुछ मामलों में देखने को मिलता है कि लापरवाही और जानकारी का अभाव होने पर लोगों द्वारा हार्टअटैक को सहज रुप में लिया जाता है गैस्टिक प्रॉब्लम मानकर य अन्य कारण मानकर स्वयं से उपचार शुरू कर देते हैं जिससे खतरा और बढ़ जाता है इस तरह की लापरवाही से मरीज की जान भी जा सकती है उन्होंने कहा कि सामान्यतः 25 वर्ष की उम्र से ही लोगों को कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर का चेकअप समय-समय पर करवाते रहना चाहिए क्योंकि गलत खानपान और अव्यवस्थित दिनचर्या व्यायाम नहीं करने से गंभीर बीमारियां बढ़ रही है।
लापरवाही धूम्रपान नशा से बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा।
डॉक्टर एस के त्रिपाठी ने बताया कि वंशानुगत वजहों को छोड़ दिया जाए तो हार्ट अटैक एक lifestyle डिसीज है जो इन तीन कारणों से होता है जिनमें पहला अव्यवस्थित दिनचर्या और गलत खानपान, दूसरा एक्सरसाइज नहीं करना और तीसरा नशा करना है जो लोग बहुत ज्यादा तला-भुना हुआ या जंक फूड खाते हैं। उन्हें मधुमेह या हार्ट ब्लॉकेज होने का खतरा काफी ज्यादा रहता है धूम्रपान तंबाकू सेवन और अत्यधिक शराब पीने से भी हार्ट अटैक का खतरा काफी बढ़ जाता है। अत्यधिक सुविधाओं के कारण लोग लापरवाह हो गए हैं और शारीरिक गतिविधियां नहीं चल रहीं जिसके कारण कैलोरी बर्न नहीं हो पाती जो भोजन में जरूरत से ज्यादा कैलोरी लेते हैं। उनके लिए भी हार्ट अटैक का खतरा काफी बढ जाता है गलत खानपान और अव्यवस्थित दिनचर्या के कारण फैटी लीवर होता है जो हार्टअटैक के खतरे को और अधिक बढ़ा देता है।
देखिए क्या कहते हैं डॉ एस के त्रिपाठी
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