मध्य प्रदेश

कैसा विकास जिसे यात्रा निकालकर बताना पड़ रहा है सोशल मीडिया पर जारी है सरकार की फिजूल खर्ची पर बहस।

कैसा विकास जिसे यात्रा निकालकर बताना पड़ रहा है सोशल मीडिया पर जारी है सरकार की फिजूल खर्ची पर बहस।

विराट वसुंधरा ,ब्यूरो
सीधी: बीजेपी की विकास यात्रा को लेकर तरह-तरह की चर्चा का मार्केट गरम है। सोशल मीडिया पर भी मुद्दा गरमा रहा है। इसे लकर विपक्ष आरोप लगा रहा हैं कि ये कैसा सुशासन है जहां अधिकारी बीजेपी के कार्यकर्ता बने हुए हैं। इधर,बीजेपी कह रही हैं कि अपनी सरकार की नीतियों को जनता तक पहुंचाना कोई गलत बात नहीं है। दरअसल, लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, जिनमें उनका कहना है कि विकास है ही नहीं तो दिखा क्या रहे हैं। कांग्रेस ने भी इसे आड़े हाथों लिया है। उनका कहना है कि यह गलत तरीका है, जनता के काम करने की बजाए सरकार बेवजह पैसे खर्च कर रही है। सिर्फ चुनावी साल में रिझाने का काम चल रहा है। वहीं, सोशल मीडिया पर लोग यात्रा का खर्च बताकर सरकार को चूना लगाने की बात भी कर रही है। जिससे मामला काफी ट्रोल हो रहा है।

ग्रामीण विरोध में आए:-
बीजेपी की विकास यात्रा में नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपनी ही पार्टी की उपलब्धियां गिनाने में पसीने छूट रहे हैं। भाजपा के नेता विकास यात्रा की गांव में जाकर उपलब्धियां गिना रहे बीजेपी नेताओं को ग्रामीणों ने विरोध भी जताया जा रहा है। नेता बता रहे थे कि हमने पीएम आवास बनवाया, पेयजल मुहैया कराया,कई विकास कार्य किए। इस पर समूचे ग्रामीणों ने विरोध किया और बोले कि यह सब छलावा है। सरकार ने जमीनी स्तर पर कुछ किया ही नहीं है।

स्वागत-सत्कार और फोटो सेशन वाली यात्रा:-
पूरी विकास यात्रा में तमाम बीजेपी के नेता, वर्तमान और पूर्व विधायक घूम रहे हैं, राजनीतिक प्रोपोगेंडा इससे पूरा किया जा रहा है। साथ ही पूरा निचोड़ यह निकल रहा है कि स्वागत-सत्कार और फोटो सेशन तक यह यात्रा सीमित रह गई है। जिसमें वही घिसी-पिटी बातें नेता कर रहे हैं। जबकि उन्हीं गांवों में कई जरूरतमंदों को आवास नहीं मिले हैं तो गली-मोहल्लों में कीचड़ पसरा है। लेकिन नेता-अधिकारियों को अपने वरिष्ठों को दिखाने लक्ष्य पूरा करने में लगे हैं।

कठपुतली बने अधिकारी, ये कैसा सुशासन?:-
अधिकारी सरकार की कठपुतली बने हैं, ये कैसा सुशासन? बीजेपी नेताओं के साथ घूम रहे, उनके साथ स्वागत, सत्कार करवा रहे। किसान बिजली के लिए परेशान हैं, कई गांवों में विकास हुआ नहीं है और झूठी विकास यात्रा ये लोग निकाल रहे हैं।

सरकार की योजनाओं का प्रचार गलत नहीं:-
वही जिम्मेदार दबीजुबान कह रहे हैं कि सरकार की योजनाओं का प्रचार करना कोई गलत बात नहीं है। एज पर प्रोटोकॉल और व्यवस्था के हिसाब से अधिकारी काम कर रहे हैं। किसी पर कोई दबाव नहीं है न ही हम किसी को कार्यकर्ता बना रहे, शासन की महत्ती योजनाओं के बारे में ही बता रहे।

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