Satna news: दो ठेकेदारों के सामने रेल प्रशासन नतमस्तक,अब भगवान भरोसे सतना जंक्शन
Satna news: दो ठेकेदारों के सामने रेल प्रशासन नतमस्तक,अब भगवान भरोसे सतना जंक्शन
खिलौनों की आड़ में बेंच जा रहा है खुलेआम नशा, पुलिस मतलब कुछ नहीं
सतना। रेलवे कानून को पैरों तले रौंदते हुए चहेते ठेकेदारों का दबदबा सिर चढ़कर बोल रहा है। बताया जाता है कि वैसे तो वेंडर्स सप्लाई के खेल में बहुत से ठेकेदार अपनी किस्मत आजमा चुके हैं, लेकिन कुछ ऐसे हैं जिनका प्रभाव आज भी स्टेशन प्रबंधन और रेलवे पुलिस के जिम्मेदारों को शरणागत होने के लिए विवश कर देता है। रेलवे गलियारे से मिल रही सूचना के अनुसार मौजूदा समय में सतना जंक्शन रेलवे स्टेशन और मानिकपुर स्टेशन के बीच दो ठेकेदारों का एकतरफा जलवा कायम है। पुलिस और प्रबंधन के जिम्मेदारों को बराबर घूंस की खुराक देते हुए दोनों ठेकेदार अपनी अवैध वेंडरों की दुकानदारी चला रहे हैं। जानकारों की मानें तो चुन्नू और मुन्नू खटिक का मजबूत नेटवर्क निरंतर काम कर रहा है। खिलौनों की आड़ में चार दर्जन से अधिक अवैध वेंडर्स नशीला सामान रेलगाड़ियों में सफर करने वाले मुसाफिरों को बेंच रहे हैं। रेलगाड़ियों में तंबाकू युक्त गुटखा, सिगरेट के साथ साथ नशे का अन्य सामान डिमांड पर उपलब्ध करवा दिया जाता है। अवैध वेंडर्स का दखल इस बात का संकेत है कि पुलिस व्यवस्था सतना जंक्शन में समाप्त हो गयी है। अब जब सिक्कों की खनक के आगे रेल प्रशासन ही नतमस्तक हो गया है तो फिर हम व्यवस्था बनाने की उम्मीद किससे कर सकते हैं? जबलपुर रेल मंडल के आला अधिकारी हवा हवाई व्यवस्था का दम भरते रहेंगे और सतना जंक्शन रेलवे स्टेशन का बेडागर्क हो जाएगा।
बीस रुपए ड्यूटी तक सिमटी सतना रेलवे पुलिस!
अवैध वेंडर्स को स्टेशन और रेलगाड़ियों से दूर रखने के लिए रेलवे द्वारा आरपीएफ को कानूनी ताकत दिए जाने के बाद भी तमाशा थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसकी आड़ में बीस रुपए ड्यूटी का सिस्टम पुलिस ने लागू कर रखा है। स्टेशन, प्लेटफार्म पर सामान बेचने वालों, पार्सल से सामान उतरवाने वाले एजेंटों से ड्यूटी पर तैनात रेलवे पुलिस का सिपाही बीस रुपए ड्यूटी शुल्क वसूल करता है। इस तरह की वसूली का कोई लिखित आदेश रेलवे द्वारा जारी नहीं किया गया है। सूत्रों की मानें तो सतना और मानिकपुर स्टेशन पर धमाल मचाने वाले एक अवैध वेंडर से हर महीने आरपीएफ थाना दो हजार रुपए की उगाही करता है। इसके अलावा अवैध वेंडर चलाने वाले लाइसेंसी ठेकेदारों द्वारा हर महीने थाने को नजराना पेश किया जाता है। कुल मिलाकर मोटी ऊपरी कमाई होने के कारण ही रेलवे पुलिस अवैध वेंडरों की सबसे बड़ी मददगार साबित हो रही है। नजराने की किश्त ठेकेदारों द्वारा वाणिज्य विभाग के साथ साथ स्टेशन प्रबंधन तक पहुंचाई जाती है। इसलिए अब सतना जंक्शन रेलवे स्टेशन भगवान भरोसे चल रहा है।