सांसद डॉ जी … बैगा जनजाति के लोग आज भी नाले का पानी पीने को मजबूर हैं…
डायरिया के प्रकोप का दंश झेल रहे हर्रई व भुईमाड़ पहुंचें सीधी सांसद डा. राजेश मिश्रा से
बैगा जनजाति के लोगों ने सुनाई अपनी पीड़ा
सीधी /। कुशमी जनपद के वनांचल क्षेत्र हर्रई में आज सीधी सांसद डाँ. राजेश मिश्रा पहुंचें। डायरिया प्रभावित
हर्रई के लोगों से चर्चा के दौरान यह जानकारी सामने आई कि लोग नाले का पीने को मजबूर हैं। सांसद यहां करीब 45 मिनट तक रुके।
बता दें कि शनिवार को हर्रई गांव के दो लोग की डायरिया से मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद कलेक्टर सीधी ने जांच टीम गठित की थी। वही बुधवार को सीधी सांसद हर्रई गांव पंहुचे और ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। लोगों से समस्या पूंछा तो ग्रामीणों ने बताया कि साहब हम बैगा जनजाति के लोगों के 30 से 35 घर हैं। सभी के बीच में पानी पीने के लिए सिर्फ एक कुआं है। एक कुआं से गुजारा नहीं हो पाता है इसलिए हम लोग नाले का पानी पीते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि उनके यहां बिजली, सड़क, मोबाइल नेटवर्क की सुविधा नहीं है। सांसद ने ग्रामीणों को आश्वासन देते हुए कहा कि पानी के लिए आप लोगों के मुहल्ले मे तीन हैंडपंप लगवाये जाएगें। वहीं बिजली की समस्या को लेकर हम जल्द ही प्रयास करेंगे क्योंकि सुनने में आया है कि वन विभाग से एनओसी न मिलने के कारण यहां पर बिजली नहीं पहुंच पा रही है। हमने वन विभाग अधिकारियों से बैठक किया हैं जल्द ही इसका निवारण किया जाएगा। सांसद डॉ.राजेश मिश्रा ने आश्वस्त किया कि बरसात के बाद में प्राथमिकता के तौर पर सड़क निर्माण का कार्य हो जाएगा। वही मोबाइल नेटवर्क के लिए भी उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि बैठक हो गई है जल्द ही नेटवर्क चालू हो जाएंगे। सांसद ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। इसके बाद वह भुईमाड़ मे डायरिया से एक वर्षीय बालिका गरिमा सिंह की पर मौत पर उसके पिता गोविंदा सिंह के घर भुईमाड़ जाकर सीधी सांसद ने शोक संवेदना व्यक्त किए।
मेडिकल कैंप में पहुंचें सीधी सांसद
हर्रई गांव में शनिवार को दो लोगो की डायरिया से मृत्यु हो जाने के बाद से लगातार मेडिकल टीम द्वारा कैंप लगाया गया जहां दो दिनों से एक भी मरीज नहीं मिलें।सीधी सांसद सांसद राजेश मिश्रा कैंप में पंहुचे और डाँ. ऋषभ गुप्ता से जानकारी ली एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए। डाक्टर एवं मेडिकल टीम द्वारा लोगों से अपील की जा रही है कि पानी उबालकर पीएं एवं साफ सफाई के साथ बासी भोजन ना करें । ग्रामीण भी मेडिकल टीम की बातों को मान रहे हैं। जिसका परिणाम है कि जहां लगातार तीन दिनों तक डायरिया के मरीज मिलते रहे लेकिन चौथे दिन और पांचवें दिन एक भी मरीज नहीं आए।