Sidhi news:नवरात्रि से पहले देवी मंदिर को नेस्तनाबूद कर उठा ले गए मूर्ति मामला कुसमी विकासखण्ड अंतर्गत रुर्रानाथ धाम का!

Sidhi news:नवरात्रि से पहले देवी मंदिर को नेस्तनाबूद कर उठा ले गए मूर्ति मामला कुसमी विकासखण्ड अंतर्गत रुर्रानाथ धाम का!

 

 

 

 

नवरात्रि आरंभ होने के पूर्व चोरों ने एक प्राचीन मंदिर को नेस्तनाबूद कर देवी की प्रतिमा उठा ले गए हैं। इस संबंध की जानकारी मिलते ही समूचे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। यह पूरा मामला जिले के कुसमी विकासखण्ड क्षेत्र का हैं, जहां प्राचीन दुर्गा मंदिर में स्थापित माता की मूर्ति को चोर उठा ले गए हैं। बताया गया है कि चोरों ने पहले इस मंदिर परिसर को जेसीबी मशीन से तोड़कर नष्ट किया और फिर उसके भीतर रखी प्राचीन मूर्ति को लेकर रफूचक्कर हो गए हैं। मंदिर तोड़कर मूर्ति चुरा ले जानें की शिकायत स्थानीय लोगों द्वारा कुसमी पुलिस को दी गई, सूचना मिलने पर मौके से पहुंचकर पुलिस जांच शुरू कर दी है।
गौरतलब हो कि हिन्दू धर्म में नवरात्रि का पर्व बड़े धूम धाम से मनाया जाता है, पूरे नौ दिन तक चलने वाले इस धार्मिक उत्सव के दौरान माता के भक्त अपने कुल देवी के मंदिर में पहुंच कर पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि का आशिर्वाद प्राप्त करते हैं, लेकिन कुसमी के रुर्रनाथ धाम के ठीक बगल में बनें मां दुर्गा के मंदिर को नेस्तनाबूद कर मूर्ति उठा ले जानें की खबर से क्षेत्रिय लोगों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अच्छी खासी नाराजगी देखी जा रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि आदिवासी अंचल कुसमी के बीच जंगल में आस्था का केंद्र रुर्रानाथ धाम स्थित है। उसके ठीक बगल में मां जगदंबा का मंदिर बना हुआ था जो हजारों साल पुराना बताया गया है। जहां नवरात्रि के पहले ही दिन मां जगदंबा की मूर्ति तो मूर्ति मंदिर ही चोर चुरा कर ले गए।
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मंदिर पहुंचे भक्तों की बंद हो गई आंखें
नवरात्रि के पहले दिन जब माता का दर्शन करने श्रद्धालु मंदिर के पास पहुंचे तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। माता की मूर्ति ही नहीं मंदिर ही गायब हो गया, प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार जेसीबी के माध्यम से मंदिर को खोदकर चोर अंदर रखी विशाल मूर्ति को उठाकर ले गए हैं। मंदिर को नेस्तनाबूद कर मूर्ति चोरी हो जानें से क्षेत्र के माता भक्तों में एक तरफ जहां निराशा देखी गई है वहीं दूसरी तरफ पुलिस पर भी तरह तरह के सवाल उठ रहे थें। लोगों का कहना है कि इन दिनों चोरों का आतंक समूचे जिले में हैं और पुलिस इनके खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं कर रहीं हैं। मंदिर तोड़कर मूर्ति चोरी हो जानें से कुसमी क्षेत्र के देवी भक्तों में मायूसी छा गई है।
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वन सीमा में स्थित था यह मंदिर
कहने को तो वन विभाग के कर्मचारी हमेशा वन संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य करते हैं। लेकिन वन विभाग की टीम को इसके बारे में कोई सूचना ही नहीं है। जंगल के बीचो-बीच बना यह मंदिर आस्था का केंद्र था जो हजारों साल पुराना बताया गया है। लेकिन वन विभाग के कर्मचारियों को इस बात की अभी तक भनक नहीं है। सुबह से लेकर दोपहर तक में सभी लोग वहां मौजूद रहे हैं लेकिन वन विभाग का कोई भी कर्मचारी मौके पर यहां देखने तक नहीं पहुंचा। जानकारी के अनुसार वन विभाग की जमीन के अंदर ही इस मंदिर का निर्माण हजारों साल पहले हुआ था। यहां ना तो वन विभाग उसका संरक्षण करने दे रही थी और ना ही उसका संवर्धन करने दे रही थी। यहां एक जेसीबी का मालिक जेसीबी लेकर आता है और दिनदहाड़े मंदिर को खोदकर वहां से उखाड़ ले जाता है। लेकिन वन विभाग के टीम को इसकी सूचना ही नहीं होती है। जबकि वन विभाग के कर्मचारी वहां पदस्थ हैं और उनकी ड्यूटी की सुरक्षा व्यवस्था के लिए लगाई गई है।

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