Sidhi news:फिर उजागर हुआ गांधीग्राम शाखा प्रबंधक का फर्जीवाड़ा पूर्व में भी लग चुके हैं खयानत के कई आरोप!

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Sidhi news:फिर उजागर हुआ गांधीग्राम शाखा प्रबंधक का फर्जीवाड़ा पूर्व में भी लग चुके हैं खयानत के कई आरोप!

 

 

 

 

 

नोडल अधिकारी ने सौंपा जांच पत्र, कार्यवाही की मांग

किसानों की सुविधाओं के लिए संचालित जिला सहकारी बैंक पूरी तरह से भ्रष्टाचारियो के जाल में फस गया है। इस बैंक के किसी न किसी शाखा का मामला आए दिन मीडिया सुर्खियों के साथ साथ जनचर्चा में बना रहता हैं। कुछ इसी तरह का एक मामला फिर सहकारी बैंक के गांधीग्राम का सामने आया है जहां मैनेजर व कैशियर ने खाता धारक के खाते से राशि हजम कर ली है, यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि शिकायत पर कराई गई जांच में इसका खुलासा हुआ है।

ज्ञात हो कि गांधीग्राम शाखा प्रबंधक राम सजीवन सेन के खिलाफ इसके पूर्व भी खयानत के कई बार आरोप लग चुके हैं, इतना ही नहीं सूत्रों की मानें तो जांच उपरांत श्री सेन की सेवा भी समाप्त कर दी गई थीं, हालांकि न्यायालय से बाद में इन्हें फिर राहत मिल गई और वह सेवा में आ गए, लेकिन खयानत एवं भ्रष्टाचार के मामले में इतनी बड़ी सजा पाने के बाद भी उनकी आदत में सुधार नहीं हो रहा हैं, मौका मिलते ही फिर चौका लगा दिया। दरअसल गांधीग्राम शाखा के उपभोक्ता विकास सिंह पिता इंद्रमणि सिंह चौहान ने शिकायत दर्ज कराई थी कि मेरे खाते से बिना मेरी सहमति के फर्जी हस्ताक्षर कर 58000 हजार रुपए आहरित कर लिया गया है, जिसकी जांच में यह पाया गया है कि शाखा प्रबंधक राम सजीवन सेन एवं लिपिक कैशियार रामप्रसाद कुशवाहा ने उक्त राशि फर्जी तरीके से आहरित कर ली गई है। जांच अधिकारी प्रेमधारी सिंह ने अपने प्रतिवेदन में इस बात की पुष्टि कर दी है। अब देखना यह है कि इस पूरे मामले में बैंक के सीईओ द्वारा क्या कार्यवाही की जाती हैं। बताया जा रहा है कि राम सजीवन सेन अधिकारियों के आव भगत में जुट गए हैं।

क्या हैं यह पूरा मामला

जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सीधी अंतर्गत संचालित शाखा गांधीग्राम के शाखा प्रबंधक राम सजीवन सेन एवं लिपिक राम प्रसाद कुशवाहा ने अपने ही बैंक के खाता धारक विकास सिंह पिता इंद्रमणि सिंह चौहान के खाते से 15 अप्रैल को 49000 हजार रुपए एवं 07 जून को 9000 हजार रुपए फर्जी तरीके से आहरित कर लिया था जिसकी शिकायत पर सीईओ ने नोडल अधिकारी प्रेमधारी सिंह को जांच के निर्देष दिए थे, जॉच अधिकारी श्री सिंह ने अपनी जांच में में इसकी पुष्टि कर वरिष्ठ अधिकारियों को सौप दिया है। हालांकि 28 सितंबर को जांच रिपोर्ट आने के बाद अभी तक दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।

ऑपरेटर ने खोली पोल

जांच करने पहुंचें प्रेमधारी सिंह के समक्ष शाखा में पदस्थ संविदा कंप्यूटर ऑपरेटर ने इस पूरे मामले का भंडाफोड़ किया है। बताया गया है कि जांच टीम की समक्ष ऑपरेटर राकेश कुमार यादव ने कैशियर की आईडी से फारवर्ड ड्रावल को एप्रूफ किया था। जिससे साफ हैं कि इस पूरे मामले में शाखा प्रबंधक राम सजीवन सेन एवं कैशियर राम प्रसाद कुशवाहा ने आपसी सांठ गांठ कर खाता धारक विकास सिंह के खाते से 58000 हजार रुपए गोल कर दिया था। शिकायतकर्ता विकास सिंह ने बताया कि इस पूरे मामले की शिकायत मेरे द्वारा बहरी थानें में भी दर्ज कराई गई है शिकायत पर पुलिस ने शाखा प्रबंधक और कैशियर को थानें में तलब किया था जहां पूंछतांछ कर छोड़ दिया गया है।

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