मध्य प्रदेश

Maihar news, दस एकड़ जमीन पर कब्जा करने पहुंचे कथित भूमि स्वामी और पुलिस पर उठे सवाल।

Maihar news, दस एकड़ जमीन पर कब्जा करने पहुंचे कथित भूमि स्वामी और पुलिस पर उठे सवाल।

 

जब से मैहर जिला बना है तब से भू माफिया मैहर में सक्रिय काफी सक्रिय हो गए हैं ताजा मामला मैहर जिले के ग्राम पंचायत जीत का है जहां राजेश पांडेय पिता गोपिका प्रसाद पांडेय जिनकी 10:15 एकड़ जमीन मैहर ग्राम पंचायत जीत नगर में है जिसमें वो खेती कर रहे हैं उन्होंने वर्ष 2009 में जमीन खरीदी थी तब से उनका कब्जा दखल है और खेती जुताई बुवाई सब करते हैं मालिकाना हक है उन्होंने बताया कि मैहर के भूमाफियाओं की नजर में उनकी जमीन पर है जिसे जबरन कब्जा करने की नियत से बिना राजस्व विभाग न्यायालय के आदेश के जमीन हथियाने कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं पुलिस को बुलाकर डरा धमका कर जमीन में कब्जा लेना चाहते हैं उन्होंने बताया कि जमीन कारोबारी दीपक अग्रवाल के द्वारा मैहर पुलिस को साथ लाकर बिना कोई आदेश नोटिस दिए ही कब्जा दखल लेने आते हैं और नाप जोख करवाते हैं

राजेश पांडेय और उनकी मां और पत्नी का आरोप है कि पुलिस के लोगों ने उनसे बदसलूकी की है जबकि इस जमीन का विवाद हाई कोर्ट में चल रहा है वहां से स्टे है जमीन बिक्री और रजिस्ट्री होने की बात कही जा रही है लेकिन विवादित जमीन की रजिस्ट्री कैसे संभव है उनका आरोप है कि पैसा और पुलिस के दम पर उनके साथ अन्याय किया जा रहा है और जमीन हड़पने का प्रयास किया जा रहा है।

मौके पर मौजूद पत्रकार द्वारा समाचार कवरेज के दौरान पुलिस वालों से भी जानकारी चाही गई लेकिन उन्होंने कोई तर्कसंगत जवाब नहीं दिया हालाकि पुलिस वालों ने कहा कि मौके पर कोई अपराधिक घटना ना हो इसलिए पुलिस भेजी गई है तो वही कब्जा दखल लेने आए नए भूमि स्वामी द्वारा कहा गया कि उन्होंने 5 एकड़ से अधिक जमीन खरीदी है जिसकी नाप जोख करवाने के लिए सीमांकन करवाने के लिए विगत दो वर्षों से आ रहे हैं जमीन खरीदने के बाद राजस्व न्यायालय से उन्होंने मुकदमा जीत लिया है लेकिन उनकी जमीन का सीमांकन नहीं कराया जा रहा।संबंधित व्यक्तियों द्वारा जमीन के स्टे सहित आवश्यक अभिलेख पटवारी और राजस्व निरीक्षक को नहीं दिए जाते और नाप-जोख नहीं कराई जाती।

बता दें कि रजिस्ट्री विभाग द्वारा किसी भी विवादित जमीन की रजिस्ट्री कर दी जाती है यह कोई नई बात नहीं है इस बात से भी नहीं इनकार किया जा सकता की संबंधित व्यक्ति ने जमीन नहीं खरीदी होगी लेकिन सवाल यह उठता है कि जब जमीन का विवाद उच्च न्यायालय से स्टे पर है मौके पर तहसीलदार और एसडीएम जैसे वरिष्ठ अधिकारी भी नहीं है तब फिर कैसे कब्जा दखल लेने पुलिस के सहारे दूसरी पार्टी पहुंच गई।

इस संबंध में जब मैहर तहसीलदार से फोन पर जानकारी चाही गई तो उन्होंने कहा कि मुझे इस मामले का संज्ञान नहीं है और ऐसा कोई आदेश अभी राजस्व न्यायालय से नहीं है सोमवार को इस मामले को देखते हैं। अब यह मामला पूरी तरह से संदिग्ध नजर आ रहा है जो तहसीलदार का अभिमत आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि उक्त जमीन पर किसके आदेश पर पुलिस और कथित भूमि स्वामी कब्जा करने पहुंचे थे।

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