BJP नेता कैलाश विजयवर्गीय के लिए भोपाल, दिल्ली, परिवार और साथी, सब कुछ दाव पर-?

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BJP नेता कैलाश विजयवर्गीय के लिए भोपाल, दिल्ली, परिवार और साथी, सब कुछ दाव पर-?

विराट वसुंधरा,ब्यूरो
भोपाल: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को भाजपा द्वारा जारी की गई दूसरी सूची में इंदौर की विधानसभा 1 से प्रत्याशी घोषित होने के बाद अब राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा गरम है कि भाजपा ने एक तीर से कई निशाने साध लिए हैं कभी मध्य प्रदेश की राजनीति में शिवराज सिंह चौहान के बाद दूसरे नंबर पर माने जाने वाले कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय को शिवराज सिंह चौहान के लिए खतरा माना जाता था समय के साथ शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट से बाहर हुए और संगठन की राष्ट्रीय राजनीति में उन्हें महत्वपूर्ण स्थान मिला कैलाश विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल जैसे राज्य में प्रभारी बनकर भाजपा को सत्ता तो नहीं दिला पाए लेकिन अपनी राजनीतिक क्षमता का लोहा मानवते हुए भाजपा की सीटें बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिए और मध्य प्रदेश की राजनीति से एक तरह से अलग-अलग रहे हैं।

यह बात अलग है कि उनके पुत्र विधायक रहे हैं लेकिन कैलाश विजयवर्गीय के कद की मध्य प्रदेश में राजनीति उनके पुत्र नहीं कर पाए य यूं कहें कि कैलाश विजयवर्गीय पिछले 10-12 वर्षों से सरकार के कामों के लिए उत्तरदायी नहीं है क्योंकि उन्हें सरकार से अलग रखकर पूरे भारत में संगठन के कामों और संगठन की तरफ से दूसरे राज्यों में चुनावों का प्रभार दिया गया था इंदौर की विधानसभा 1 न तो उनका गृहक्षेत्र है! और न ही उनका राजनीतिक कर्मक्षेत्र हैं ऐसे में यह माना जा रहा है कि कैलाश विजयवर्गीय के लिए अब उनके मध्य प्रदेश में ही अग्नि परीक्षा देनी होगी कहा जा रहा है कि विधानसभा 1 से भाजपा के पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता से उसके कटुता के संबंध जगजाहिर है! वरिष्ठ भाजपा नेता और दिग्गज कवि सत्यनारायण सत्तन से भी उनके संबंध में घनिष्ठता नहीं है, पूर्व महापौर उमाशशि शर्मा से भी उनका 36 का आकड़ा है, इसी तरह महू से विधायक सुश्री उषा ठाकुर से भी उनके संबंध कड़वाहट से भरे हुए हैं।

तो दूसरी तरफ भाजपा के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय विष्णुप्रसाद शुक्ला और उनके परिवार के प्रति स्नेहपूर्ण संबंध, सम्मान न सिर्फ कैलाश विजयवर्गीय के अंदर है वरन संजय शुक्ला और उनके चचेरे भाई गोलू शुक्ला जो आईडीए मे उपाध्यक्ष है वो भी कैलाश विजयवर्गीय को पिता तुल्य आदर देते हैं,टिकट घोषित होने के पहले यदि पार्टी आलाकमान कैलाश विजयववर्गीय से पूछ लेता कि क्या विधानसभा 1 से टिकिट उन्हें दे दें तो टिकट लेने से वह इनकार कर देते और ऐसी स्थिति में जहां उनके पुत्र के टिकट और राजनीतिक भविष्य पर तलवार लटकी हो लोगों का यह भी कहना है कि कैलाश विजयवर्गी के खिलाफ बड़ा षड्यंत्र हुआ है और निशाना उनके पुत्र आकाश विजयवर्गीय पर भी साधा गया है।

कैलाश विजयवर्गी चुनाव जीते तो मध्य प्रदेश की राजनीति में फिर से एक बार उनका दबदबा देखने को मिलेगा लेकिन अगर कहीं चुनाव हारने पाए तो दिल्ली भोपाल और उनके परिवार और साथी संगी सब कुछ दांव पर लग जाएगा और उनके राजनीतिक भविष्य और बड़े कद के नेता की छवि पर आंच आएगी।

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