भोपालमध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश के चुनावी दंगल 2023 में आधा सैकड़ा भाजपा विधायक के टिकट कटने की संभावना सांसदों पर भी भाजपा लगाएगी दांव।

मध्यप्रदेश के चुनावी दंगल 2023 में आधा सैकड़ा भाजपा विधायक के टिकट कटने की संभावना सांसदों पर भी भाजपा लगाएगी दांव।

 

  • तीन महीने बाद मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं वर्तमान विधायकों में कुछ ऐसे हैं जिनकी परफॉर्मेंस अच्छी नहीं है और हर हाल में भाजपा को विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने के लिए सभी सीटों पर बेहतर उम्मीदवार उतारना होगा इसी के चलते भारतीय जनता पार्टी कई सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारने की तैयारी में है। मध्य प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों पर भाजपा के चुनावी सर्वेक्षण का काम करीब-करीब पूरा हो चुका है। हारी हुई सीटों में भाजपा ने पहले ही कैंडिडेट उतार दिए हैं अब उन 127 सीटों पर भाजपा की निगाह टिकी है जहां भाजपा के विधायक हैं। इन सीटों पर भाजपा खास सर्वे करा रही है।
    कर्नाटक में पराजय के बाद अब भाजपा मध्य प्रदेश में गुजरात का फार्मूला अपना सकती है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा करीब आधा सैकड़ा विधायकों का टिकट काट सकती है। अगर ऐसा हुआ तो मध्य प्रदेश में पहली बार ऐसा होगा, जब किसी पार्टी ने इतनी बड़ी संख्या में अपने मौजूदा विधायकों के टिकट काटे हों। सूबे में इतनी बड़ी संख्या में कभी भी मौजूदा विधायकों के टिकट नहीं काटे गए। सूत्रों का कहना है कि भाजपा विधानसभा चुनाव 2023 में 40 फीसदी से अधिक अपेक्षाकृत युवा और नए चेहरों को मैदान में उतारने की तैयारी में है इसके साथ ही कई सांसदों को विधानसभा का टिकट देने की चर्चा है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की चुनावी रणनीति तैयार है। भाजपा द्वारा विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में 2019 का पिछला प्रदर्शन दोहराने की रणनीति पर काम किया जा रहा है। लोकसभा चुनाव 2024 में सूबे की सभी 29 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। सूत्रों की मानें तो भाजपा लोकसभा चुनाव में लगभग एक दर्जन मौजूदा सांसदों के टिकट काट सकती है। भाजपा की रणनीति नए और युवा चेहरों को मैदान में उतारने की है।
    जिसके चलते उम्र दराज विधायकों की टिकट कटना तय है।
    राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक, पार्टी इस बार लगभग आधा सैकड़ा वर्तमान विधायकों का टिकट काट कर उनकी जगह युवा और नए चेहरे को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी में है
    जिनमें अधिकांश वह विधायक हैं जिनका सर्वे में रिपोर्ट कार्ड कमजोर आया है और इसके साथ ही जिन विधायकों की उम्र लगभग 75 वर्ष पार हो चुकी है।

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