MP News, कांग्रेस पार्टी की गढ़ रही सिरमौर विधानसभा क्षेत्र में आखिर क्यों पराजित हो रही कांग्रेस..?
MP News, कांग्रेस पार्टी की गढ़ रही सिरमौर विधानसभा क्षेत्र में आखिर क्यों पराजित हो रही कांग्रेस..?
वरिष्ठ नागरिक और कांग्रेस नेता ने बता दिया क्यों हारती रही सिरमौर क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी।
विराट वसुंधरा
मध्य प्रदेश में आगामी माह विधानसभा चुनाव होने हैं भाजपा लगातार 20 वर्षों से मध्य प्रदेश में और सिरमौर क्षेत्र में 10 वर्षों से काबिज है विंध्य क्षेत्र कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था और अब यह हालत है कि विंध्य क्षेत्र की 30 सीटों में कांग्रेस पार्टी आधा दर्जन सीटें ही प्राप्त कर पा रही है चुनावी हलचल तेज है ऐसे में अनुभवी लोगों की राय भी लेनी चाहिए लिहाजा हमने एक रेस्टोरेंट में बैठे वरिष्ठ नागरिक और कांग्रेस पार्टी के समर्थक सुरेश कुमार पाठक जो शहीद मेजर कमलेश पाठक के चाचा है और ग्राम पोस्ट जामू विधानसभा क्षेत्र सिरमौर के मूल निवासी हैं इसके साथ ही सोनिया गांधी ब्रिगेड ऑल इंडिया के सदस्य भी हैं उनसे जब राजनीतिक चर्चा की गई तो उन्होंने यह बताने में संकोच नहीं किया की टिकट पर जीत हार तय होगी।
श्री पाठक द्वारा सिरमौर क्षेत्र में हो रही कांग्रेस की पराजय के लिए पूर्व में कांग्रेस की सरकार रहते विधायक और मंत्री रहे कांग्रेस नेता पर और अब कांग्रेस पार्टी में हो रही गुटबाजी तथा बाहरी उम्मीदवारों को टिकट देना बताया है, जाहिर सी बात है कि उनका इशारा पूर्व मंत्री व वर्तमान राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल तथा कांग्रेस की सरकार रहते स्थानीय रमाशंकर मिश्रा जैसे कांग्रेस नेताओं की तरफ ही था इसके बाद फिर सिरमौर क्षेत्र का स्थानीय उम्मीदवार को कांग्रेस पार्टी द्वारा टिकट नहीं दिए जाने और गुटबाजी होने की बात भी कही गई।
गौरतलब है कि एक समय कांग्रेस पार्टी का गढ़ रहे सिरमौर विधानसभा क्षेत्र में अब लगातार कांग्रेस पार्टी पराजित हो रही है कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं में शुमार पूर्व मंत्री व राज्यसभा सांसद राजमाणि पटेल विधानसभा चुनाव में सिरमौर सीट से बुरी तरह चुनाव हारे थे और फिर अपने गृह क्षेत्र सेमरिया से चुनाव लड़ें और जमानत बचाने के लाले पड़ गए थे कांग्रेस की अनुकंपा पर अब राज्यसभा सांसद तो बन गए लेकिन चुनाव लड़ने का अब भी कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते भले ही चुनाव हारते जाएं अभी एक बार फिर सिरमौर विधानसभा क्षेत्र से अपने पुत्र को टिकट दिलाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं जबकि अभी हाल ही में हुए रीवा नगर निगम चुनाव में अपने पुत्र को पार्षद का चुनाव नहीं जिता पाए थे।
तो वहीं एक अन्य टिकट के दावेदार रमाशंकर मिश्रा भी है जो खुद तो चुनाव नहीं लड़ना चाहते लेकिन अपनी पुत्री को शहडोल जिले से रीवा बुलाकर राजनीति में सक्रिय कर दिए हैं और कांग्रेस पार्टी की टिकट दिलवाना चाहते हैं जबकि शहडोल में भारतीय जनता पार्टी की राजनीति में उनकी पुत्री सक्रिय रही थी और आज भी उनके भाजपा नेताओं से गहरे राजनीतिक संबंध है और उन्हें कांग्रेस पार्टी टिकट देती है तो बाहरी होने के साथ ही उनके पिता की छवि के अनुरूप ही जनता वोट देगी यहां पर यह कहने में परहेज नहीं किया जा सकता कि इन्हीं के चलते विंध्य क्षेत्र के दिग्गज कांग्रेसी नेता स्व श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी और उनके परिवार ने लगातार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव हारे थे, कहने वाले तो यह भी कहते हैं कि इन्हीं नेताओं की वजह से कांग्रेस की सरकार रहते एक तरफ जहां जंगल से आकर जनता को डकैत लूटते थे तो वहीं सरकार के पदों में बैठे जनप्रतिनिधि भी अपने पद का दुरुपयोग कर मनमानी लूट करते थे इसी का नतीजा है की सिरमौर क्षेत्र की जनता अभी भी पूर्व में कांग्रेस की सरकार रहते इन नेताओं की ठकुराइस और इलाकेदारी की राजनीति को याद करती है और अपना वोट वास्तविक राजघराने को देकर युवराज दिव्यराज सिंह को विधायक चुन रही है।
जाहिर सी बात है कि आज की राजनीति में कद पद और पैसे ही बोलते हैं एक तरफ जहां राजमणि पटेल के पास कद पद और पैसा है तो वहीं रमाशंकर मिश्रा के पास भी पैसे की कमी नहीं है यह बात अलग है कि इसी कमाई के चक्कर में कांग्रेस पार्टी की लुटिया डोरी डूब चुकी है और फिर ऐसा ही हुआ तो कांग्रेस पार्टी का परिणाम सिरमौर क्षेत्र में बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
बहरहाल कांग्रेस पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने रीवा प्रवास के दौरान जनता और कार्उयकर्ताओं की मांग पर स्थानीय उम्मीदवार को टिकट दिए जाने की बात कही थी अगर ऐसा होता है और सिरमौर क्षेत्र की जातिगत जनसंख्या के हिसाब से स्थानीय नेताओं में किसी को भी टिकट दिया गया तो बदनाम चेहरों से बेहतर स्थानीय चेहरे को जनता हाथों-हाथ लगी और सरकार की एंटी इनकंबेंसी और वर्तमान भाजपा विधायक के खिलाफ बनी नाराजगी का लाभ कांग्रेस पार्टी को मिलेगा तभी सिरमौर क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी चुनाव जीतने में कामयाब हो सकती है।