समाज में मूल्यों की पुनर्स्थापना में जुटेंगे शिक्षाविद् एवं चिंतक।
समाज में मूल्यों की पुनर्स्थापना में जुटेंगे शिक्षाविद् एवं चिंतक।
उच्चशिक्षा विभाग के निर्देश पर शास कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय रीवा में समाजशास्त्र विभाग द्वारा राष्ट्रीय शोध वेबिनार।
विराट वसुंधरा
रीवा। उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय रीवा के समाजशास्त्र विभाग एवं आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में “मूल्य आधारित शिक्षा के उद्देश्य एवं प्रभाव” विषय अंतर्गत राष्ट्रीय शोध वेबीनार का आयोजन किया गया। जिसमें राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ शिक्षाविदों ने अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि असंभव नहीं है कर्तव्य निष्ठा विनम्रता सत्य अनुशासन और विनम्रता की पुनर्स्थापना, लेकिन इसके लिए समाज के चिंतनशीलो को जुटना होगा।
समाजशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय शोध वेबीनार में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय मेरठ उत्तर प्रदेश में समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर दीप्ति कौशिक एवं शासकीय स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग छत्तीसगढ़ की सेवानिवृत्त प्राध्यापक प्रोफेसर सुचित्रा शर्मा रही। विभिन्न विषय विशेषज्ञों में शासकीय कन्या महाविद्यालय रीवा की प्राचार्य डॉ नीता सिंह, आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ अर्चना गुप्ता, समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष एवं वेबिनार संयोजक डॉ रचना श्रीवास्तव, आयोजन सचिव एवं सहायक प्राध्यापक डॉ स्वाति शुक्ला, डॉ मुकेश येंगल, शा. एमएलबी गर्ल्स पीजी कॉलेज इंदौर की वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ निशा मोदी, कन्या महाविद्यालय रीवा से डॉ विभा श्रीवास्तव, डॉ सुपर्णा बनर्जी, दतिया से डॉ वासुदेव सिंह जादौन, कुम्हारी दुर्ग छत्तीसगढ़ से डॉ अमृता पाठक, बालाघाट से डॉ राजेंद्र गणवीर सहित देश के विभिन्न प्रदेशों से समाजशास्त्र विभाग के विषय विशेषज्ञों ने मूल्य आधारित शिक्षा के संबंध में अपने विचार व्यक्त किये।
देश के तमाम शिक्षाविदों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मूल्य आधारित शिक्षा का विषय वर्तमान दौर का सबसे महत्वपूर्ण विषय है ,क्योंकि तकनीकी मानव के रूप में हम कहीं ना कहीं यंत्रवत होते जा रहे हैं ।व्यक्तिवादिता, धन लोलुप्ता करियर की अंधी दौड़ में हमारी संवेदनाएं, हमारे संवेग, सत्य अहिंसा, सामूहिकता ,परमार्थ प्रेम , अपनत्व आदि तमाम आस्थाएं कम होती जा रही है और इन दुष्प्रभाव के कारण युवा पीढ़ी को के लिए भविष्य का मार्ग कठिन दर कठिन होता जा रहा है ।इन दुष्प्रभावों से युवा पीढ़ी को और समाज को बचाने के लिए शिक्षा व्यवस्था को मूल्य परक बनाना उसमें नैतिकता का समावेश करना अत्यंत आवश्यक हो गया है।
राष्ट्रीय वेबीनार के प्रारंभ में संयोजक डॉ रचना श्रीवास्तव ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा गुणवत्ता प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ अर्चना गुप्ता ने मूल्य आधारित शिक्षा पर अपने विचार प्रकट किए अध्यक्षीय उद्बोधन कन्या महाविद्यालय रीवा की प्राचार्य डॉ अनीता सिंह ने देते हुए कहा कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा छात्र छात्राओं को विभिन्न विषयों से संबंधित पढ़ने पठन-पाठन के लिए नई शिक्षा नीति में पर्याप्त अवसर प्रदान किए जा रहे हैं अब यह शिक्षाविदों के लिए आवश्यक है कि वे छात्र छात्राओं को तमाम विषयों के अध्यापन के साथ उन्हें आने वाले समय के अनुसार तैयार करें वेबीनार का संचालन सहायक प्राध्यापक डॉ स्वाति शुक्ला ने किया इस अवसर पर विषय प्रवर्तन सहायक प्राध्यापक डॉ मुकेश येंगल ने किया। वेबीनार में प्रमुख रूप से महविद्यालय मे विश्व बैंक प्रभारी डॉ अमरजीत कुमार सिंह, डॉ गीता सिंह, डॉ किरण बाला श्रीवास्तव, डॉ ममता उपाध्याय डॉ निवेदिता अग्रवाल, डॉ एस जी श्रीवास्तव, डॉ प्रीति शर्मा, डॉ ज्योति सिंह, डॉ शिल्पा शर्मा, डॉ शशि सिंह, डॉ देवाशीष बनर्जी ,डॉ राजश्री पाण्डेय, डॉ वासुदेव सिंह जादौन, डॉ राजेश कुशवाहा सहित सैकड़ो प्राध्यापक सहायक प्राध्यापक अतिथि विद्वान एवं बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रही।