Breaking News: सांसदों के बीच आपसी गुत्थमगुत्था की नई राजनीति

सांसदों के बीच आपसी गुत्थमगुत्था की नई राजनीति
New Delhi: लोकतंत्र के मंदिर कहे जाने वाले संसद building परिसर में नए व पुराने Parliament House के मध्य में सांसदों के बीच जिस स्तर पर गुत्थमगुत्था और आरोप प्रत्यारोप का political दृश्य दिखाई दिया वह संभवतः संसदीय इतिहास की पहली घटना बन गई है. इसी वजह से हरेक विषय पर बोलने वाले और democratic मूल्यों की दुहाई देने वाले नेता भी स्वयं से जुड़े विषय पर बगले झांकते दिखे.मुद्दों पर बहस के इंतजार में टकटकी लगाए खड़ी संसद भवन आज ऐसी historical दृश्य की गवाह बनी जिसको लेकर विभिन्न दलों के नेता भी विचलित हुए हैं.
शीतकालीन सत्र के आखिरी दिनों में सत्ता पक्ष व विपक्षी सांसदों के बीच जिस तरह से व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप और शारीरिक धक्केबाजी हुई उसके बाद कोई भी इसके कारण व कारक के संदर्भ में बोलने से बच रहा है. सत्ता पक्ष के लोग जहां इस तकरार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार मान रहे हैं वहीं कांग्रेसी नेता इसे सत्ता पक्ष द्वारा ध्यान भटकाने की सोची समझी रणनीति का हिस्सा बता रहे हैं. कोई इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साध रहा है तो कोई सत्ताधारी सांसदों पर बहुस्तरीय आरोप लगा रहा है.
आपसी बहस के माध्यम से देश की समस्या को निपटाने वाले सांसद अब पुलिस स्टेशन पहुंच गए हैं. घायल सांसदों के इलाज और कुछ महिला सांसदों द्वारा असहजता के आरोप के बीच दोनों पक्षों द्वारा शाब्दिक प्रहार किया जा रहा है. हालांकि कुछ सांसदों ने दोनों पक्षों के बीच बीच-बचाव की पहल की थी लेकिन राजनीतिक लड़ाई में आगे निकलने के होड़ में कुछ सांसदों ने व्यवहारिक मर्यादा भी लांघकर एक दूसरे के खिलाफ असंसदीय भाषा का प्रयोग किया जिसको देखने व सुनने के बाद लोकतांत्रिक आचार व्यवहार पर पुनः बहस आरंभ हो गई है.
उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बाबासाहेब डॉ अंबेडकर के संदर्भ में दिए गए बयान को आधार बनाकर विपक्षी सांसद संसद के मकर द्वार के समक्ष प्रदर्शन कर रहे थे जबकि दूसरी ओर सत्ता पक्ष के सांसद इसका प्रतिकार करते हुए विपक्षी दलों के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे थे. इसी बीच नोंक-झोंक गुत्थमगुत्था में तब्दील हो सवाल उठते रहेंगे.