पत्रकार प्रताडऩा के विरोध में एकजुट हुए मीडियाकर्मियों ने सौंपा ज्ञापन
पत्रकार प्रताडऩा के विरोध में एकजुट हुए मीडियाकर्मियों ने सौंपा ज्ञापन
खबर प्रकाशन के बाद पत्रकारों पर दर्ज हो रहे हैं कूटरचित एफआईआर पत्रकारों ने जताई नाराजगी।
विराट वसुंधरा, ब्यूरो
सीधी। जिले के मीडियाकर्मी खबर प्रकाशन को लेकर प्रताडऩा का दंश झेल रहे हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पुलिस के द्वारा कुठाराघात किया जा रहा है। राजनैतिक दबाव के चलते सीधी पुलिस पत्रकारों एवं उनके परिजनों पर फर्जी पुलिस प्रकरण दर्ज करने में गुरेज नही कर रही है। प्रताडऩा के शिकार पत्रकारों के द्वारा बार-बार आवेदन पत्र दिए जाने के बाद भी पुलिस द्वारा संबंधित व्यक्तियों पर कोई कार्रवाई नहीं करती। जिसके कारण मीडियाकर्मी अकारण ही प्रताडि़त हो रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री पत्रकार प्रताडऩा को रोंकने के लिए राज्य स्तर पर कमेटी का गठन किया है एवं पत्रकारों की सुरक्षा व्यवस्था एवं स्वतंत्र पत्रकारिता की बात करते हैं किंतु सीधी जिले में पत्रकारों के खिलाफ विगत वर्षों में चार फर्जी पुलिस प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं। ऐसा ही एक मामला सेमरिया पुलिस चौकी का सामने आया है। जहां संजय पाण्डेय सेमरिया संवाददाता एवं मध्य प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ ब्लॉक सीधी के अध्यक्ष को खबर प्रकाशन के कारण कुछ तथाकथित लोगों द्वारा लगातार कई महीनों से प्रताडि़त किया जा रहा है एवं संजय पाण्डेय एवं उनके परिवार पर फर्जी पुलिस प्रकरण दर्ज करानें की धमकी दी जा रही है। लंबे अरसे से प्रताडऩा का दंश झेल रहे पत्रकार संजय पाण्डेय ने इस संबंध में पुलिस चौकी सेमरिया, थाना चुरहट, एसडीओपी कार्यालय चुरहट, पुलिस अधीक्षक सीधी को कई बार लिखित शिकायत करने के बाद भी अभी तक आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस बात को लेकर जिले के पत्रकारों में काफी आक्रोश छाया हुआ है। उक्त मामले को लेकर जिले के पत्रकार एकजुट होकर सीधी पुलिस के विरोध में आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।
पुलिस के कार्यक्रमों एवं खबरों का होगा बहिष्कार।
जिले में पत्रकार प्रताडऩा की निरंतर बढ़ रही घटनाओं को लेकर गुरुवार को उच्च विश्राम गृह में मध्य प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ जिला इकाई सीधी की बैठक आयोजित की गई। जिसमें सर्वसम्मति से पुलिस के कार्यक्रमों एवं खबरों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया इसके साथ ही पुलिस एवं मीडिया के बने व्हाट्सएप ग्रुप से मीडियाकर्मी पृथक हो गए हैं। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि पत्रकार प्रताडऩा के जितने भी प्रकरण हैं उन सभी को एकत्र कर इसकी जानकारी शासन-प्रशासन एवं जन संपर्क को भेजा जाएगा। यदि वहां से न्याय नहीं मिला तो न्यायालय में भी जाया जाएगा। इस अवसर पर मध्य प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के संभागीय अध्यक्ष अखिलेश पाण्डेय, संभागीय महासचिव आदित्य सिंह, जिला अध्यक्ष हरीष मिश्रा, जिला महासचिव हरीष द्विवेदी, संभागीय उपाध्यक्ष मनोज पाण्डेय, रजनीश वेदांती, अमित सिंह, शिवपूजन मिश्रा, कार्यकारी जिला अध्यक्ष अजय मिश्रा, आदर्श गौतम, प्रवीण तिवारी, सुभाष तिवारी, बृजेश पाण्डेय, प्रकाश गुप्ता, बीरेन्द्र तिवारी, रजनीश तिवारी, हरिश्चन्द्र मिश्रा, रिंकू तिवारी, संजय पाण्डेय, श्रवण उपाध्याय, रामलखन गौतम, अभिमन्यु पाण्डेय, रवीन्द्र पाण्डेय आदि मीडियाकर्मी उपस्थित रहे।
क्या कहता है नियम और कानून।
मध्य प्रदेश शासन गृह मंत्रालय द्वारा पूर्व में आदेश जारी किया गया था कि पत्रकारों की विरुद्ध खबर प्रशासन और ईर्ष्या द्वेश पूर्ण शिकायतें की जाती हैं पत्रकारों के विरुद्ध यदि प्राथमिक की दर्ज हो जाती है तो उसकी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों डीआईजी या पुलिस अधीक्षक रेंज के अधिकारी द्वारा मामले की जांच की जानी चाहिए जिससे कि पत्रकारों के खिलाफ दर्ज झूठे मामलों को प्राथमिकता के साथ न्याय दिया जाना चाहिए लेकिन दुख इस बात का है कि मध्य प्रदेश शासन गृह मंत्रालय का यह आदेश सभी पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दम तोड़ रहा है और पत्रकारों के खिलाफ दर्ज झूठे मामलों पर कभी किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने जांच विवेचना नहीं की और पत्रकारों पर लगातार षडयंत्र पूर्वक मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं।