Maihar MP: जल जीवन मिशन की पाइपलाइन लीकेज से जलाशय में तब्दील हुआ क्षेत्र किसानों की फसल हो रही तबाह।
अनापेक्षित जल भराव से फसल हुई नष्ट, किसानों के फसल की भरपाई कौन करेगा– मनोज सिंह।
विराट वसुंधरा समाचार
रामनगर : मैहर जिले के विकासखंड रामनगर की ग्राम पंचायत बड़ा इटमा के किसानों के खेत इस समय जलमग्न हैं यह जलाशय बरसात की नहीं बल्कि जल जीवन मिशन की पाइप लाइन लीकेज से उत्पन्न हुई है बताया जाता है कि विकासखंड रामनगर के मारकंडेय नामक स्थान से एलएनटी कंपनी एवं रामनगर की ही ग्राम पंचायत झिन्ना से के ई सी कंपनी, दिलीप बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड एवं यल सी सी कंपनीयों के द्वारा बड़े बड़े जल शोधन संयंत्र लगाए गए हैं जहां से मोटी मोटी मेनलाइन की पाइपें डालकर क्रमशः मैहर सतना एवम् रीवा मऊगंज तथा सीधी जिलों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जानी है।
कांग्रेस नेता मनीष सिंह गुड्डू ने बताया कि जैसी आशंका व्यक्ति की गई थी वह अक्षर सा सच साबित हुई बिगड़ दोनों एलएनटी कंपनी की में पाइपलाइन में लीकेज हुआ और देखते ही देखते मैहर जिले के रामनगर विकासखंड की ग्राम पंचायत बड़ा इटमा के किसानों के बीच उस बक्त हड़कंप मच गया जब सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत सतना मैहर ज़िले के पांच तहसीलों के 1013 ग्रामों में पेयजल उपलब्ध कराने वाली *एल एन टी* कम्पनी की मुख्य पाइप लाइन में लीकेज हुआ एवम् किसानों की लगभग 35-40 एकड़ खेती जलमग्न हो गयी । उन्होंने एवम् किसानों ने बताया कि 10-15 दिनों पहले गेहूँ की बोबनी की गई थी, चना मशूर में फ़ूल लग रहे थे 24 घंटे अत्यधिक जल भराव से फ़सलों की क्षति हो गयी ।हमारे सपने चूर चूर हो जायेंगे, इसकी भरपाई कौन करेंगा ऋण लेकर किसानों ने ख़ेती की थी , किसान पद्माकर चतुर्वेदी, सदाशिव चतुर्वेदी, रामदिनेश पयासी, बुद्धगणेंश त्रिपाठी, अजय वर्मा द्वारा वताया गया कि मामला लापरवाही का है ही लेकिन जल को पाइप लाइन के माध्यम से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा रहा है तो टूटने फूटने में किसानों के खेतो में जल भराव की समस्या सदैव आयेंगी।
राज्य सरकार को ऐसी स्थित में किसानों को क्षतिपूर्ति के लिये गाइड लाइन एवम् कोष बनाने,तथा बीमा किये जाने की जरुरत है क्योंकि यह मामला बाढ़ आपदा से हट कर है, घटना की ख़बर लगते ही तहसीलदार, कंपनी प्रबंधन पहुँचा मौके में किसानों से आर्थिक क्षति की भरपाई का बादा किया। किन्तु अब देखना होगा कि किसानों को वाजिब क्षतिपूर्ति किया जाना आवश्यक है क्योंकि फशल की क्षति के अलावा पालतू पशुओं के चारे की भी भारी क्षति हुई है।
अब सवाल यह उठता है कि रामनगर विकासखंड के कई गांवों के कृषि क्षेत्रों में मोटी मोटी मेनलाइन पाइपें डालकर पानी का प्रवाह किया जाना है जिसमें कभी भी लीकेज अथवा फूटने की आशंका जताई जाने लगी है तथा बीमा किये जाने कीमांग उठने लगी है।