मध्य प्रदेश

satna news : क्रोध में जीवन नहीं,बल्कि बोध में छिपा हैखुशी का रहस्य:धीरेन्द्र शास्त्री

अल्प प्रवास पर सतना पहुचे बागेश्वर धाम के संत धीरेन्द्र शास्त्री ने वांधवगढ़ कालोनी में लगाया दरबार

satna news  सतना:देश और विदेश में सनातन संस्कृति और संस्कार के प्रचार-प्रसार में लगे बागेश्वर धाम के संत धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि वर्तमान में लोगों की जीवन संस्कृति ज्यादातर लोगों के लिए क्रोध उत्पन्न करने वाली है,इससे व्यक्ति के अन्दर अवसाद पैदा होता है.जबकि लोगों को बोध में खुशी मिलती है पर उसका रहस्य समझ ही नहीं पाते.यह बात संत श्री शास्त्री ने के जे एस के संचालक पवन अहलुवालिया पप्पू के निवास पर आयोजित सत्संग के दौरान कही.अल्प प्रवास पर यहां रात्रि में पहुंचे संत धीरेन्द्र शास्त्री ने भक्तों को सम्बोधित करते हुए कई महत्वपूर्ण बातों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कराया.उन्होने कहा कि व्यक्तियों की अनियमित जीवन शैली अब उनके लिए ऐसा रूप लेती जा रही है.

जिसके परिणाम भय पैदा करने वाले है.इस जीवन पद्धति में परिवर्तन आवश्यक है.परिवर्तन में ही बेहतर जीवन की सम्भावनाएं छिपी हुई है.उन्होने अपने चिरपरिचित अन्दाज में कहा कि सुख कहीं खोजा नहीं जा सकता है.सुख को हासिल करने के लिए हर मामले में बोध का सहारा लेना पड़ता है.बोध ही एक ऐसी अनुभूति है जिसमें सुखी जीवन के रहस्य छिपे हुए है.व्यक्ति बोध करना सीख जाए तो उसके अन्दर उपजने वाला क्रोध अपने आप शान्त हो जाएगा.

श्री शास्त्री ने कहा कि दुख को सुख में बदलने की कला ही ज्ञान है.इसका अनुभव भी बिना प्रभु की इच्छा के सम्भव नहीं है.जब तक व्यक्ति चित्त शान्त कर किसी गुरू की शरण में नहीं जाता तब तक इसको पाना सम्भव नहीं है.उन्होने बताया कि इसके लिए कलयुग में सिर्फ बागेश्वर बाबा की कृपा से ही सम्भव है.भगवान बजरंगबली की कृपा जिसके ऊपर है उसे किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा,इसलिए उसी की शरण में जाकर आराधन करनी होगी.लगभग एक घण्टे तक चले सत्संग के दौरान उन्होने बागेश्वरधाम छतरपुर में बनाए जाने वाले कैसर अस्पताल और 251 गरीब कन्यों के सामूहिक विवाह के आयोजन का भी जिक्र किया.श्री शास्त्री ने कन्या विवाह में लोगों से उपस्थिति दर्ज करने की अपील करते कहा कि यह आयोजन धाम की दान पेटी में संग्रहित होने वाले जन सहयोग से किया जाता है.उन्होने बताया कि इस प्रकार का आयोजन हर वर्ष किया जाता है.

ब्रेन डिटाँक्स पर चिंतन

संत धीरेन्द्र शास्त्री ने बताया कि वे पिछले तीन दिनों से कटनी जिले के भरौली में आयोजित एक कार्यक्रममें थे.इस कार्यक्रम में विज्ञान और इजीनियरिंग के क्षेत्र में काम करने वाले कई विषय विशेषज्ञ शामिल थे. जो अभी से इस बात पर शोध कर रहे है.जो आने वाले समय में समाज की सबसे बड़ी समस्या बनेगी.उन्होने बढ़ते मोबाइल फोन के प्रयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह उपकरण जीवन में जिस ढग़ से अपनी उपस्थिति दर्ज कराता जा रहा है.आने वाले समय में लोगों को इसके दुष्प्रभाव से मुक्ति के लिए कोर्स करने के लिए विवश होना पडेगा.आध्याात्मिक चिंतन के माध्यम से दिमाग की बुराईयों को कैसे डिटाँक्स किया जा सकता है.इस पर बडा काम चल रहा है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button