भोपालमध्य प्रदेश

MP news:दो मंत्रियों की वजह से टल गई ,नई शराब नीति योजना।

MP news:दो मंत्रियों की वजह से टल गई ,नई शराब नीति योजना।

 

 

 

 

 

 

भोपाल. प्रस्तावित शराब नीति कुछ समय के लिए टल गई है। अब इस पर नए सिरे से मंथन होगा। इसकी वजह बीते सप्ताह नीति को लेकर बुलाई मंत्री परिषद समिति की बैठक में दो मंत्रियों का मौजूद नहीं होना है। ये मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और निर्मला भूरिया है। उधर कांग्रेस ने प्रस्तावित नीति को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मंगलवार को सीधे मुख्यमंत्री पर हमला बोला था तब भी कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा की ओर से दूसरे दिन बुधवार रात तक कोई जवाब नहीं आया। सूत्रों के मुताबिक तब भी समिति ने नीति का प्रस्तावित खांका तैयार कर लिया था। बुधवार को होने वाली कैबिनेट में नीति को लाने की तैयारी थी लेकिन ऐनवक्त पर इसे एजेंडे से हटाया। यह नीति सरकार व जनता के लिए कई दृष्टि से महत्वपूर्ण है जिस पर नए सिरे से मंथन होगा।

 

 

 

 

जीतू पटवारी ने ये लगाए गंभीर आरोप
चर्चा है कि शिवराज सरकार के कार्यकाल में बंद शराब अहातों की जगह मोहन सरकार परमिट रूम खोलने की तैयारी कर रही है।

अब शराब दुकान से 100 मीटर के दायरे में ही मिनी बार के तौर पर लाइसेंस दिए जाएंगे, जहां बैठकर लोग शराब पीएंगे।

नई दुकानें खोलने का प्रस्ताव है। यह तब हो रहा है, जब 2005 में 2270 की जगह 2025 में 3605 दुकानें हो गई हैं। नई आबकारी नीति, नई कमीशन पॉलिसी में हो सकती है।

2024-25 में करीब 14 हजार करोड़ का कारोबार करने वाली भाजपा सरकार 2025-26 में हजारों करोड़ वसूली करेगी।

मुख्यमंत्री पर आरोप लगाए थे कि धार्मिक नगरों में शराब पर प्रतिबंध की बात कर आप असल मुद्दे से ध्यान भटका रहे हैं।

 

 

 

 

आहते बंद, सड़क पर पी रहे शराब, कैसे निपटेगी सरकार
जब से मुख्यमंत्री की ओर से धार्मिक नगरों में शराबबंदी के संकेत मिले हैं तब से लोग विभिन्न माध्यमों पर सवाल कर रहे हैं कि पूर्व की सरकार ने आहते तो बंद कर दिए तब भी दुकानें तो धड़ल्ले से चल रही हैं और अब पीने वाले कई बार सड़कों पर आकर पी रहे हैं। माहौल खराब हो रहा है। लोगों के मुताबिक यह बड़ी समस्या बन गया है, सरकार से इसका हल निकाले जाने की मांग उठ रही है। अब यदि सरकार ने आहते दोबारा चालू किए तो फिर नशे को बढ़ावे के आरोप लगेंगे। धार्मिक नगरों में शराबबंदी भी काफी मुश्किल दिखाई दे रहा है।

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