मध्य प्रदेशरीवा

मऊगंज कलेक्टर के पत्र के चार माह बाद भी मेडिकल बोर्ड नहीं बैठ सका

रीवा:मऊगंज जिला तो बन गया लेकिन सुविधाएं अब भी नहीं हैं। यहां मेडिकल बोर्ड नहीं बैठ रहा है, जिससे दिव्यांगों को रीवा जाना पड़ रहा है, जबकि मेडिकल बोर्ड मऊगंज में दो दिन बैठा था, तब कलेक्टर ने सीएमएचओ को पत्र लिखा था, लेकिन आज तक पत्र नहीं आया। कार्यान्वित. जिम्मेदार जनप्रतिनिधि अन्य मुद्दों पर धरना देकर अधिकारियों को घेरते भी हैं, लेकिन जिले में बैठा मेडिकल बोर्ड इसके लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है. जनसुविधाओं को ध्यान में रखते हुए मऊगंज को जिला तो बना दिया गया लेकिन आज भी लोगों को हर काम के लिए 100 किमी दूर रीवा जाना पड़ता है।

 

मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने 25 सितंबर 24 को सीएमएचओ रीवा को एक पत्र लिखकर यह मांग की थी कि मऊगंज जिले में महीने में कम से कम दो दिन मेडिकल बोर्ड बैठाया जाए. क्योंकि मऊगंज जिले के लोगों को मेडिकल बोर्ड से सम्बंधित काम के लिए रीवा जाना पड़ता है. जिसके कारण दिब्यांगो आदि को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मऊगंज कलेक्टर ने अपने पत्र में उल्लेख किया था कि मऊगंज जिले में कम से कम 2 दिन के लिए मेडिकल बोर्ड बैठाया जाए. लेकिन सीएमएचओ रीवा ने मऊगंज कलेक्टर के उस पत्र को कोई तवज्जो नहीं दिया, इससे यह प्रतीत होता है कि मऊगंज जिले में जो जनप्रतिनिधि आए दिन धरना करते रहते हैं वह भी इस मामले में गंभीर नहीं है बेहतर होता कि जनप्रतिनिधि यह बात जिम्मेदारों तक पहुंचाते और मेडिकल बोर्ड जैसी सुविधाओं से मऊगंज जिले को उपकृत करते. मेडिकल बोर्ड बैठ जाने जिले के लोगो को बेहद लाभ होगा.

जल्द ही बैठेगा मऊगंज में मेडिकल बोर्ड: सीएमएचओ

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा0 संजीव शुक्ला ने बताया कि मऊगंज कलेक्टर का पत्र प्राप्त हुआ था. जिसके बाद सिविल सर्जन रीवा को निर्देशित किया गया था मेडिकल बोर्ड के लिये. जिला मेडिकल बोर्ड के अध्यक्ष सिविल सर्जन होते है. लेकिन सिविल सर्जन के द्वारा कुछ नही किया गया. मेडिकल बोर्ड का गठन एक सप्ताह के अंदर कर दिया जायेगा और महीने में दो दिन मेडिकल बोर्ड मऊगंज में बैठेगा.

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