MP news:हेमंत आगे नरोत्तम पीछे, दौड़ में आदिवासी नेता फग्गन और सुमेर का भी चल रहा नाम!
MP news:हेमंत आगे नरोत्तम पीछे, दौड़ में आदिवासी नेता फग्गन और सुमेर का भी चल रहा नाम!
भोपाल. प्रदेश भाजपा के नए मुखिया को लेकर हलचल तेज हो गई है। दिग्गज नेता सक्रिय हैं। 5 फरवरी के बाद कभी भी अध्यक्ष को लेकर निर्णय सामने आ सकते हैं। क्योंकि चुनाव अधिकारी धर्मेंद्र प्रधान आने वाले है। इसके पहले मप्र भाजपा के दिग्गज नेताओं के कोर ग्रुप की एक बैठक होनी है। इस बीच अध्यक्ष पद के लिए बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल का नाम आगे हो गया है। इससे पहले डॉ. नरोत्तम मिश्रा जैसे नाम आगे थे। सामान्य वर्ग से नरोत्तम के अलावा डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल, विधायक रामेश्वर शर्मा जैसे नाम भी दौड़ में बताए जा रहे हैं। उधर, आदिवासी वर्ग से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं मौजूदा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते व राज्यसभा सदस्य सुमेर सिंह सोलंकी का नाम भी रेस में शामिल है। माना जा रहा है कि संघ, संगठन और सामान्य वर्ग के दिग्गजों की अध्यक्ष पद पर नजर बनी हुई है और मौजूदा अध्यक्ष वीडी शर्मा मजबूती के साथ मैदान में डटे हुए हैं। चर्चा उन्हें भी एक्टेंशन दिए जाने की है लेकिन ऐसा होगा, इसकी संभावना कम है।
भाजपा में सामान्य वर्ग का दबदबा रहा है। इस बार भी 62 में से 29 जिला अध्यक्ष इसी वर्ग से हैं। माना जा रहा है कि इस वर्ग के नेता सत्ता व संगठन में अव्वल रहना चाहते हैं। वर्तमान में प्रदेश में यही समीकरण है जिसे बनाए रखने की कवायद हो रही है। शिवराज सिंह के सीएम रहते हुए भी सत्ता-संगठन के बीच इस फॉर्मूले पर बात हुई थी।
इस फॉर्मूले के आधार पर हेमंत खंडेलवाल, नरोत्तम मिश्रा, रामेश्वर शर्मा, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला जैसे नाम प्रभावी रूप से सामने आ रहे हैं। हालांकि तय क्या होगा, यह किसी को पता नहीं है।
आदिवासी वर्ग की सत्ता व संगठन के मुख्य पदों पर सीधी धमक नहीं है, जिसे विपक्ष भुनाने का प्रयास करता है। वैसे भी प्रदेश भाजपा की कमान कभी इस वर्ग को नहीं मिली। ऐसे में फग्गन सिंह, सुमेर सिंह जैसे नाम आगे आ रहे हैं।
ओबीसी वर्ग से डॉ. मोहन यादव सीएम हैं। इस वर्ग के हिस्से में प्रदेश अध्यक्ष का पद जाएगा, इसकी संभावना कम है।
इन्होंने तेज की जमावट
सूत्रों के मुताबिक हेमंत व नरोत्तम शीर्ष नेतृत्व के कई दिग्गजों के संपर्क में बताए जा रहे हैं। संघ के कुछ नेताओं से भी संपर्क कर चुके हैं तो कैबिनेट मंत्रियों का भी भरोसा जीतने का प्रयास कर रहे हैं।