कांग्रेस नेता की खरी खोटी, पतन की ओर जाती रीवा जिले की कांग्रेस के लिए आखिर जिम्मेदार कौन- ?
ब्यूरो रिपोर्ट
कांग्रेस नेता की खरी खोटी, पतन की ओर जाती रीवा जिले की कांग्रेस के लिए आखिर जिम्मेदार कौन- ?
कांग्रेस नेता राजू सिंह सेंगर ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट वाइरल किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि,,
प्रिय कांग्रेस के साथियों आज रीवा एवं मऊगंज जिले को मिलाकर 8 विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की स्थिति बेहद कमजोर होती जा रही है ।आखिर कौन है इसके पीछे जो आज कांग्रेस को इस दुर्दशा की ओर ले जा रहा है। इस पर हम सबको समझने और सोचने की जरूरत है ।मैं आप सबको याद दिलाना चाहता हूं कि जब रीवा ग्रामीण के सात विधानसभा क्षेत्र में जिन लाखों कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस की सदस्यता ली उसमें से किसी एक योग्य आदमी का चयन नहीं किया गया बल्कि मनमानी तरीके से निर्वाचन में भाग लेने वाले व्यक्तियों एवं निर्वाचन अधिकारी के द्वारा किए गए निर्वाचन को दरकिनार करते हुए रीवा शहर के व्यक्ति को रीवा ग्रामीण का अध्यक्ष बनाया गया। तब मैंने विधिवत 2 फरवरी 2023 को अध्यक्ष भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण नई दिल्ली के समक्ष अपील करते हुए यह विरोध किया था कि यह सात विधानसभा क्षेत्र के लाखों कार्यकर्ताओं के अधिकारों का हनन है और आने वाले समय में इससे पार्टी को भारी नुकसान होगा। तब मेरी अपील पर कोई सुनवाई नहीं की गई यहां तक कि मुझे पार्टी से निकालने की धमकी एक जिम्मेदार पदाधिकारी के द्वारा दिया गया ।मैंने यह अपील अपने लाभ के लिए नहीं किया था और न ही मै जिलाध्यक्ष के दौड में था बल्कि आप सभी कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ताओं के भावनाओं को ध्यान में रखते हुए अपील की थी ।क्योंकि हम जब जनता के बीच जाते हैं तो कांग्रेस की नीतियों और सिद्धांतों की बात करते हैं लेकिन जब उन नीतियों और सिद्धांतों का बड़े नेताओं के द्वारा रौंदा जाता है और कार्यकर्ता को सिर्फ उपयोग की वस्तु समझा जाता है तब ऐसी स्थिति में कार्यकर्ताओं के और जनता के हक के लिए लड़ना पड़ता है और इस लड़ाई में किसी न किसी की आहुति भी होती है।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए मैंने उन लाखों कार्यकर्ताओं की आवाज को दिल्ली तक पहुंचाने का प्रयास किया लेकिन पार्टी में बैठे हुए ऊपर के नेताओं को तब उस वक्त समझ नहीं आया, भविष्य में कांग्रेस में एक बड़े विघटन के संकेत को ध्यान में रखते हुए मैंने यह बात पार्टी फोरम तक पहुंचाई थी ।आज ऐसे लोगों को पार्टी में पदाधिकारी बनाया गया जो पार्टी के प्राथमिक सदस्य तक नहीं है यहां तक कि जब पदाधिकारी का निर्वाचन किया जाता है तो यह कहा जाता है कि वही आदमी पार्टी का पदाधिकारी का चुनाव लड़ सकता है जो पार्टी का प्राथमिक सदस्य हो और 100 रुपए की रसीद कटा कर सुपात्र हो लेकिन जब रीवा ग्रामीण के अध्यक्ष का निर्वाचन हुआ तब इन प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया ।इसका अर्थ है कि कांग्रेस में जो नीतियां बनाई गई उन नीतियों का पालन न करते हुए लाखों कार्यकर्ताओं के अधिकारों को बड़े नेताओं के द्वारा रौदा गया। आज यह स्थिति हो रही है की हर विधानसभा में विरोध के स्वर गूंज रहे हैं ।इस विरोध का परिणाम कांग्रेस के आने वाले प्रत्याशियों को हर विधानसभा में झेलना होगा क्योंकि कांग्रेस को भाजपा नहीं हराती, कांग्रेस को कांग्रेस का कार्यकर्ता ही हराता है क्योंकि मनमानी जब होती है तो कार्यकर्ताओं में विद्रोह स्वाभाविक है आज पूरे जिले में हालत बहुत बद से बदतर होते जा रहे हैं।
इसका सबसे बड़ा कारण है की जो लोग 5 वर्षों तक संघर्ष करते हैं उनका चुनाव आने पर अनादर किया जाता है ।आज हमारा संगठन मूक दर्शक बनकर सिर्फ कार्यालय तक सीमित हो गया है। उस दिन बड़ी विचित्र स्थिति उत्पन्न होगी जब हम अगले पंचवर्षी में कांग्रेस की सदस्यता दिलाने जब जनता के पास जाएंगे तब शायद सदस्य बनने से लोग कतरायेगे और सदस्य बनाने वाले भी कतरायेगे क्योंकि उन्हें यह भरोसा नहीं होगा कि आज जो हम मेहनत कर रहे हैं उसका परिणाम कभी अच्छा मिलेगा। निरंतर बड़े नेताओं की मनमानी के लिए स्वयं वही नेता जिम्मेदार हैं ।मुझे यह अंदेशा होने लगा है कि कांग्रेस को कमजोर करने में यदि इस जिले में सबसे बड़ी किसी की भूमिका हो रही है तो उसमें रीवा जिले के प्रभारी का एक बहुत बड़ा हाथ है।
उन्होंने कहा कि मुझे यह कहने में कतई संकोच नहीं हो रहा है कि ऐसा लगता है कि प्रभारी महोदय भाजपा के नेताओं से मिले है । रीवा जिले में कांग्रेस को खत्म करने की ओर ले जाने की जवाबदारी जिला संगठन प्रभारी की है। यदि वह पार्टी के लिए सोचे होते तो जिला पंचायत का अध्यक्ष रीवा में कांग्रेस का होता और रीवा नगर निगम में परिषद अध्यक्ष भाजपा का नहीं कांग्रेस का बनता। कांग्रेस का नुकसान जितना भाजपाई नहीं कर पा रहे हैं उससे कहीं ज्यादा फूल छाप कांग्रेसी नुकसान पहुंचा रहे हैं। वक्त आ गया है आप सबको अन्याय अत्याचार का विरोध करने का ,वरना याद रखना कि आप सिर्फ उपयोग की चीज रह जाएंगे अपने हक के लिए लड़ना सीखें।
जय हिंद ,जय कांग्रेस