Madhya Pradesh Budget 2025: मध्यप्रदेश का बजट हुआ पेश पिछली घोषणाएं अधूरी, नए वजट जानकर रह गए सभी नेता आश्चर्य, जाने पूरी जानकारी?

मध्यप्रदेश का बजट हुआ पेश पिछली घोषणाएं अधूरी, नए वजट जानकर रह गए सभी नेता आश्चर्य, जाने पूरी जानकारी?

Madhya Pradesh Budget 2025: मध्य प्रदेश का आगामी बजट इस बार खासा महत्वपूर्ण माना जा रहा है, मध्यप्रदेश का नया वजट सुनकर रह जायेंगे दंग, क्योकि mp के 6 जिलो में जोरदार का बजट पेश हुआ है जिससे नेता भी यह नया वजट सुनकर खुश है क्योंकि पिछले वर्षों की कुछ प्रमुख घोषणाएं अभी तक पूरी नहीं हो पाई हैं। अब सरकार के सामने चुनौती यह है कि वह पुरानी योजनाओं को लागू करने के साथ-साथ नए बजट में विकास और प्रगति की दिशा में ठोस कदम उठाए। इस बार राज्य की जनता और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी संस्थाएं उम्मीद लगाए बैठी हैं कि सरकार उन योजनाओं को प्राथमिकता देगी, जिनका वादा पहले किया गया था। कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण घोषणाओं का इंतजार है, जबकि पिछली घोषणाओं की अधूरी योजनाओं को पूरा करने के लिए भी दबाव बना हुआ है। इस बजट से उम्मीद है कि यह न केवल राज्य के विकास को गति देगा, बल्कि लोगों की समस्याओं का समाधान भी करेगा। सभी की नजरें अब इस पर टिकी हुई हैं कि क्या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार इस बजट में जनता की उम्मीदों पर खरा उतर पाती हैं।

Government अब वित्त वर्ष 2025-2 के लिए बजट पेश करने जा रही है नई घोषणाएं भी संभव… इससे पहले जानते हैं पिछले वित्त वर्ष की कुछ ऐसी घोषणाएं जो पूरी नहीं हो सकीं।

6 शहरों में न ई-बसें चलीं

urban areas में बुनियादी ढांचे के विकास और सार्वजनिक परिवहन आदि के लिए सरकार द्वारा पिछले बजट में की गई घोषणाएं पूरी नहीं हो सकीं। 2024-25 के बजट में शहरी विकास के लिए 16,744 करोड़ रुपये प्रदान किए गए थे। कुछ क्षेत्रों में तो यह योजना कारगर रही, लेकिन कई योजनाएं कागजों पर ही रह गईं। विभाग ने जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया तथा कुओं, तालाबों, नदियों, घाटों और मंदिरों की सफाई की। उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिए 500 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है, जबकि सरकार ने 1,500 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री: स्वनिधि योजना ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है। यह देश में प्रथम स्थान पर है तथा पीएम आवास योजना में देश में दूसरे स्थान पर है।

राजधानी की ही सड़कें नहीं बन पाईं

नगर निकायों(Municipal bodies) में जन भागीदारी के माध्यम से बुनियादी ढांचे के विकास के लिए जन भागीदारी निर्माण योजना और Greenery बढ़ाने के लिए नगर वनरोपण योजना(urban afforestation scheme) प्रस्तावित की गई। हालाँकि, वित्त विभाग द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद सरकार इन योजनाओं को पारित नहीं करा सकी। पीएम ई-बस योजना के तहत इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन और सागर में 552 ई-बसें संचालित होनी थीं, लेकिन ये बसें अभी तक नहीं आई हैं। अमृत-2.0 के तहत 1 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में सीवेज योजनाओं का विस्तार करने की घोषणा की गई थी, लेकिन 5 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में भी सीवेज का प्रबंधन नहीं किया जा सका। सीवेज जल स्रोतों में जा रहा है। पिछले वर्ष एनजीटी ने नर्मदापुरम और मंडला जैसे कई नगर निकायों पर 70 करोड़ रुपये से अधिक का पर्यावरण क्षति मुआवजा लगाया था। राज्य के सभी शहरों को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए उचित व्यवस्था करने को कहा गया था, लेकिन वर्तमान में राज्य के शहरों के डंपिंग स्थलों पर 15 लाख टन से अधिक पुराना कचरा जमा है। इसका समाधान नहीं हो पाया है। मध्य प्रदेश के शहरों के मास्टर प्लान की सड़कों के उन्नयन एवं विकास के लिए बजट में 250 करोड़ रुपये प्रस्तावित किये गये। हैरानी की बात यह है कि राजधानी के अपने मास्टर प्लान की पांच सड़कें पूरी नहीं हो सकीं।

स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा के भी कई प्रावधान अधूरे

सरकारी अस्पतालों में इलाज(treatment in government hospitals) के दौरान किसी मरीज की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु होने पर उसके पार्थिव शरीर को सम्मानपूर्वक घर पहुंचाने के लिए मप्र शांति वाहन सेवा शुरू करने की घोषणा की गई। राजधानी समेत कई जिला अस्पतालों में यह सेवा शुरू नहीं हो पाई है। मरीजों के रिश्तेदारों को शवों को ले जाने के लिए एम्बुलेंस चालकों को मनमाना शुल्क देना पड़ रहा है। पिछले बजट में बालाघाट, शहडोल, सागर, नर्मदापुरम और मुरैना में पांच नए आयुर्वेद महाविद्यालय शुरू करने की घोषणा की गई थी। इनका निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। यद्यपि स्वास्थ्य क्षेत्र में पद सृजित किए गए हैं, लेकिन भर्ती के अभाव में इनका लाभ आम लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है। राज्य के hospitals में विशेषज्ञ चिकित्सकों के 4167 स्वीकृत पदों में से 2563 पद अभी भी रिक्त हैं। चिकित्सा अधिकारियों के लिए भी 1424 रिक्तियां हैं। राज्य में 1,000 से अधिक अस्पताल आयुष्मान योजना से संबद्ध हैं। इस योजना के लिए 1,381 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया, जो पिछले बजट से 45 प्रतिशत अधिक है। हालाँकि, अधिकांश बड़े निजी अस्पताल इस योजना से अलग हो रहे हैं या अच्छे पैकेज के साथ कुछ सेवाएं प्रदान करने वाली संस्थाओं से संबद्धता ले रहे हैं।

नर्मदापुरम: जमीन आवंटन के बाद भी टेंडर नहीं

2024-25 के बजट में नर्मदापुरम में Ayurvedic College का निर्माण शुरू नहीं हुआ है। जिला प्रशासन ने कॉलेज के लिए पवारखेड़ा कृषि फार्म में पांच एकड़ जमीन आवंटित की है। आयुष विभाग भवन निर्माण के लिए न तो निविदाएं आमंत्रित कर सका और न ही कॉलेज का डिजाइन तय कर सका। जुलाई 2024 में जिला प्रशासन ने नजूल निमंत्रण समिति की बैठक में पवारखेड़ा के कृषि फार्म खसरा नंबर 9 की 2.833 हेक्टेयर जमीन आयुष विभाग को आवंटित की थी। भूमि भी आयुष विभाग को हस्तांतरित कर दी गई है। 65 करोड़ रुपये की लागत से कॉलेज भवन का निर्माण किया जाना है। आयुष अधिकारी विमला गरवाल ने बताया कि निर्माण के लिए धनराशि अभी नहीं मिली है। इसलिए, निविदाएं नहीं बुलाई गईं।

छिंदवाड़ा: विवि के भवन का अब तक इंतजार

छिंदवाड़ा जिले में कृषि एवं उद्यानिकी महाविद्यालय खोलने की घोषणा वर्षों पहले की गई थी, लेकिन आज तक भवन निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। 2019 में राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। भूमि भी आवंटित कर दी गई, लेकिन बजट की कमी के कारण भवन का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका। वर्तमान में विश्वविद्यालय पीजी कॉलेज के पुस्तकालय में चलाया जा रहा है।

सागर में बनने वाला आइटी पार्क उज्जैन में बनेगा

सागर में आईटी पार्क की घोषणा की गई। इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण 56 करोड़ रुपये की लागत से 26 एकड़ भूमि पर किया जाना था। पार्क विकसित करने का आदेश भी आ गया था, लेकिन कुछ समय बाद सरकार ने आईटी पार्क को उज्जैन स्थानांतरित करने के आदेश दे दिए। सागर में यदि आईटी पार्क बनता तो युवाओं का कौशल विकास होता और उन्हें रोजगार मिलता। साथ ही सिद्घूवां औद्योगिक क्षेत्र का विकास किया जा सकेगा। औद्योगिक क्षेत्र में कोई बड़ी फैक्टरी नहीं है। आईटी पार्क के आने से उद्योगों से जुड़ी अन्य कंपनियां भी धीरे-धीरे शहर में आएंगी। शहर में उच्च शिक्षा संस्थान होने से आईटी पार्क में आने वाली कंपनियों को प्रशिक्षित जनशक्ति भी आसानी से मिल सकेगी।

आयुर्वेद कॉलेज के लिए जमीन आवंटित

शहडोल संभागीय मुख्यालय को पिछले बजट में आयुर्वेद महाविद्यालय की सौगात दी गई थी। इसके लिए मुख्यालय से सटे ग्राम पंचायत कोटमा में हाईवे के पास 12 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। भवन के निर्माण के लिए आयुष मिशन से 70 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। निर्माण कार्य का जिम्मा मध्य प्रदेश भवन विकास निगम को दिया गया है। निगम अधिकारियों के अनुसार निर्माण कार्य जल्द ही शुरू हो जाएगा। संभागीय मुख्यालय में पहले से ही एक मेडिकल कॉलेज और एक इंजीनियरिंग कॉलेज है। पंडित शंभूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय भी चलाया जा रहा है।

पुलिस महकमे में भर्ती को मंजूरी

2024-25 के बजट में home department के लिए 11,292 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इनमें पुलिस आवास योजना के लिए 367 करोड़ रुपये से लेकर गरीब कैदियों के जुर्माने और दंड का भुगतान करने के लिए गरीब कैदी वित्तीय सहायता योजना तक शामिल है। 7,500 पुलिस कर्मियों की भर्ती की घोषणा की गई। हाल ही में सरकार ने 8,500 भर्तियों के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसमें 7,500 कांस्टेबल, 500 सब-इंस्पेक्टर और 500 कार्यालय स्टाफ के पद शामिल होंगे। 1 जुलाई 2024 को नये कानून लागू कर दिये गये हैं। इसके लिए संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में नक्सल विरोधी अभियान पर हुई बैठक में मार्च 2026 तक नक्सल गतिविधियों को समाप्त करने का निर्णय लिया गया। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य के संभावित नक्सल क्षेत्रों में अभियान चलाए जा रहे हैं। हाल ही में बालाघाट में चार नक्सली मारे गये।

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