MP news, भारतीय संस्कृति खजाने में छुपे ज्ञान / विज्ञान को छात्र अपनी प्रतिभा से जन-जन तक पहुंचाने का ले संकल्प: राज्यपाल।

MP news, भारतीय संस्कृति खजाने में छुपे ज्ञान / विज्ञान को छात्र अपनी प्रतिभा से जन-जन तक पहुंचाने का ले संकल्प: राज्यपाल।

पं प्रशांत चतुर्वेदी को कक्षा आचार्य (फलित ज्योतिष) में विश्वविद्यालय की मैरिट लिस्ट में मिला द्वितीय स्थान।

 

विराट वसुंधरा
उज्जैन। महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा आयोजित पंचम दीक्षांत समारोह में मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री मंगू भाई पटेल एवं उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार एवं उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया एवं महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के कुलगुरु आचार्य श्री विजय कुमार सी.जी की गरिमामयी उपस्थिति में विश्वविद्यालय के मेधावी विद्यार्थियों को उपाधि एवं मेडल से सम्मानित किया गया।

इस समारोह में पंडित प्रशांत चतुर्वेदी को कक्षा आचार्य (फलित ज्योतिष) में विश्वविद्यालय की मैरिट लिस्ट में द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर उन्हें रजत पदक व फलित ज्योतिषाचार्य की उपाधि से सम्मानित किया गया इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय प्रशासन व अतिथियों ने उन्हें बधाई दी पंडित प्रशांत चतुर्वेदी ने अपनी सफलता का श्रेय बाबा श्री महाकाल वा गुरुजनों और परिवार को दिया और कहा की वह अपने ज्ञान का उपयोग सदैव समाज की सेवा व देश हित में करेंगे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा की समय और शिक्षा का सही उपयोग ही व्यक्ति को जीवन में सफल बनाता है आप जीवन में कितने भी सफल हो जाएं लेकिन अपने माता-पिता को ना भूले माता-पिता अत्यंत कठोर परिश्रम करके आपका पालन पोषण करते हैं आपको उत्तम शिक्षा दिलाते हैं राज्यपाल जी ने कहा कि संस्कृत भाषा विश्व की सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक है हमें यह संदेश पूरी दुनिया तक पहुंचाना है हमारी भारतीय संस्कृति खजाने में छुपे ज्ञान और विज्ञान को अपनी प्रतिभा से जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प आज समस्त उपाधि प्राप्तकर्ताओं को लेना है एवं प्रयास करना है कि वह अपने ज्ञान का उपयोग समाज के वंचित लोगों के उद्धार में कर सकें।

पतंजलि संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण जी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा राष्ट्र निर्माण के लिए विद्यार्जन करना अध्ययन और अध्यापन करना अत्यंत आवश्यक है विद्या के माध्यम से ही हम विषम परिस्थितियों का सरल समाधान कर सकते हैं आज दीक्षांत समारोह में दीक्षित हो रहे विद्यार्थी भारतीय संस्कृति और संस्कृत भाषा के प्रति सदैव अपने आप को समर्पित करके देश हित में कार्य करें डॉ. संध्या पुरेचा ने कहा कि संस्कृत भाषा और संस्कृति एक ही सिक्के के दो पहलू हैं संस्कृत भाषा में ही हमारी भारतीय संस्कृति के मूल तत्व का समावेश है विश्वविद्यालय ने योग और आयुर्वेद के क्षेत्र में योगदान के लिए पतंजलि योग विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण को भी डी.लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।

इसके साथ ही नृत्य तथा नाट्य शास्त्र क्षेत्र में योगदान के लिए केंद्रीय संस्कृत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डॉक्टर संध्या पुरेचा को भी डी. लिट. की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के संस्कृत वेद वास्तु योग वा ज्योतिष संकाय के मेधावी विद्यार्थियों का विशेष सम्मान किया गया एवं क्रमशः विद्यार्थियों की योग्यता के आधार पर स्वर्ण पदक रजत पदक वा कांस्य पदक से भी सम्मानित किया गया एवं उपाधियां प्रदान की गई।

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