MP news:धान मिलिंग फर्जीवाड़ा 47 करोड़ के घोटाले में 74 को बनाया गया था आरोपी,धान घोटाले में एफआइआर होने के 15 दिन बाद नान के जिला प्रबंधक सहित 6 निलंबित!

MP news:धान मिलिंग फर्जीवाड़ा 47 करोड़ के घोटाले में 74 को बनाया गया था आरोपी,धान घोटाले में एफआइआर होने के 15 दिन बाद नान के जिला प्रबंधक सहित 6 निलंबित!
जबलपुर. धान मिलिंग व खरीदी में 47 करोड़ के घोटाले में एफआइआर दर्ज होने के बाद से फरार नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक दिलीप किरार सहित 6 लोगों को निलंबित कर दिया गया है। इनमें पांच कनिष्ठ सहायक केंद्र प्रभारी शामिल हैं, जिन्होंने मिलरों को फर्जी बिल्टी बनाने में मदद की व फर्जी तरीके से बिल तैयार कराए थे। हालांकि सहकारी समिति से जुड़े आरोपी अब भी बचे हुए हैं।
यह घोटाला अंतर जिला धान की मिलिंग से जुड़ा हुआ है। नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों से मिलीभगत कर मिलरों ने गोदाम से धान का उठाव कर उसे बिचौलियों को बेच दिया और फर्जी परिवहन दिखाकर 47 करोड़ का चूना लगाया। बाद में जांच में जिन वाहनों से धान का परिवहन दिखाया गया, वह कार-जीप और ऑटो निकले। कलेक्टर के निर्देश पर हुई जांच में फर्जीवाड़ा का खुलासा होने पर जिले के कई थानों में 74 आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, साजिश रचने, फर्जी दस्तावेज तैयार करने सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। आरोपी फरार हैं। मामले में अपर कलेक्टर और क्षेत्रीय प्रबंधक एलएल अहिरवार ने बताया, अंतर जिला धान परिवहन में जिला प्रशासन की जांच और एफआइआर होने के कारण मुख्यालय ने छह कर्मियों को निलंबित कर दिया है।
प्रकरण में जांच प्रतिवेदन कलेक्टर कार्यालय से मांगा गया है।उसी आधार पर निलंबित कर्मचारियों को आरोप पत्र जारी किए जाएंगे।
एलएल अहिरवार, अपर कलेक्टर एवं क्षेत्रीय प्रबंधक, मप्र राज्य सिविल सप्लाई कारपोरेशन
छोटी मछलियां ही पकड़ में आईं
जानकारी के अनुसार पुलिस ने 74 आरोपियों को नामजद किया है। इनमें नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी-कर्मचारी के अलावा, मिल मालिक, उनके मैनेजर, सहकारी समितियों के प्रबंधक व अन्य कर्मचारी शामिल हैं। लेकिन पुलिस अभी तक केवल 10 छोटी मछलियों यानी की डेटा फीड करने वालों को ही पकड़ा है। इस घोटाले के मास्टरमाइंड बड़ी मछलियां अब भी पकड़ से बाहर हैं।
ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा
घोटाला में जिला प्रशासन ने मध्यप्रदेश राज्य सिविल सप्लाई कारपोरेशन के अधिकारियों के साथ ही ऑपरेटर को आरोपी बनाया था। उन्होंने मिलर्स को धड़ाधड़ रिलीज ऑर्डर जारी किए। 17 मिलर्स ने एक लाख 31 हजार क्विंटल धान अपने जिलों में ले जाने की जगह रास्ते में गायब कर दिया था। जांच में सामने आया कि उन्होंने धान स्थानीय दलाल और मिलर्स को बेच दिया। एनएचएआई के टोल नाकों पर वाहनों की आवाजाही की जांच की गई, तो 97.44 वाहनों के ट्रिप फर्जी मिले थे। इस आधार पर प्रकरण दर्ज किया गया था।
ये हुए निलंबित
जबलपुर के जिला प्रबंधक दिलीप कुमार किरार, प्रभारी इश्यू सेंटर जबलपुर मंडी रामकिशोर बैगा, प्रभारी इश्यू सेंटर रिछाई मंडी एवं शहपुरा रामेंद्र शर्मा, प्रभारी इश्यू केंद्र सिहोरा मंडी धर्मेंद्र सिंह चंद्रोल, प्रभारी इश्यू केंद्र पाटन बीएस मेहरा और प्रभारी इश्यू सेंटर कुंडम दीपक संकलिया। आउटसोर्स के कुछ कम्प्यूटर ऑपरेटर हटाए जा चुके हैं।