भोपालमध्य प्रदेश

MP : डॉ. मोहन यादव के मंत्रिमंडल में फंसा लोकसभा चुनाव के समीकरण का पेंच, दिग्गजों पर बनी असमंजस की स्थिति।

MP : डॉ. मोहन यादव के मंत्रिमंडल में फंसा लोकसभा चुनाव के समीकरण का पेंच, दिग्गजों पर बनी असमंजस की स्थिति।

जो दिग्गज नहीं बनें मंत्री तो लोकसभा चुनाव के लिए किया जा सकता है तैयार।

विराट वसुंधरा

मध्यप्रदेश में डा मोहन यादव के मंत्रिमंडल का विस्तार लगातार खटाई में पड़ता दिख रहा है मंत्रिमंडल विस्तार टलने की जो बजह सामने आ रही उसके अनुसार माना जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, की भूमिका को लेकर अभी निर्णय नहीं लिया गया यह तो तय है कि शिवराज सिंह चौहान डॉ मोहन यादव के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होंगे उन्हें केन्द्र की राजनीति में सक्रिय किया जाएगा इसके लिए दिल्ली में जेपी नड्डा के साथ उनकी बैठक भी हो चुकी है लेकिन उनकी राजनीतिक भूमिका पर अभी भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि शिवराज सिंह चौहान अब करेंगे क्या कम समय होने के कारण मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार भी संभव नजर नहीं आ रहा तो वहीं मध्यप्रदेश में डा मोहन यादव के मंत्रिमंडल में शिवराज सिंह चौहान के नजदीकी विधायकों को मंत्री बनाए जाने पर भी उनकी कोशिश रहेगी कि अधिक से अधिक उनके समर्थकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए।

दिग्गजों को साधने छूट रहे पसीने

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कई दिग्गजों को केंद्र की राजनीति से प्रदेश में लाया गया है केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को छोड़ दें तो नरेन्द्र सिंह तोमर विधानसभा अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं लेकिन कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह रीति पाठक, राव उदय प्रताप सिंह
जैसे दिग्गजों की मंत्रालय में भूमिका के साथ ही जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण का पेच फंसा है जिसके कारण मंत्रिमंडल विस्तार टलता जा रहा है और शीर्ष नेतृत्व के समीकरण साधने में पसीने छूट रहे हैं और कोई भी कुछ नहीं बता पा रहा है। और अब चर्चा यह होने लगी कि भाजपा नेतृत्व नए सिरे से समीकरण साधने में जुट गया है।

एक लोकसभा एक मंत्री पद

राजनीतिक गलियारे में यह भी चर्चा शुरू हो गई है कि लोकसभा चुनाव की मद्देनजर मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी डॉक्टर मोहन यादव की मंत्रिमंडल में एक लोकसभा एक मंत्री के समीकरण की तहत सभी लोकसभा सीट साधने का प्रयास कर सकती है अगर ऐसा हुआ तो इस फार्मूले में कई दिग्गज नेता मंत्री बनने से रह जाएंगे जिन्हें संतुष्ट कर पाना अभी संभव नजर नहीं आ रहा उनके भी हाल फिलहाल पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जैसे ही हो जाएंगे यह भी माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे भाजपा शीर्ष नेतृत्व को विधानसभा चुनाव की ही तरह लोकसभा प्रत्याशी की खोज भी इन्हीं नेताओं के बीच करना है ऐसे में कई पुराने विधायकों को लोकसभा चुनाव के लिए तैयार किया जा सकता है क्योंकि कई बार सांसद रहे कुछ सांसदों के टिकट कटना तय हैं ऐसे में भाजपा किसी भी तरह से लोकसभा चुनाव में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती इसके लिए भले ही चाहे केन्द्र से प्रदेश में लाए गए कुछ नेताओं सहित प्रदेश के अन्य दिग्गज नेताओं को फिर लोकसभा चुनाव में उतारना पड़े अगर ऐसा होता है तो एक लोकसभा एक मंत्री का फार्मूला भाजपा तय कर सकती है।

डा मोहन यादव फिर जाएंगे दिल्ली दरबार।

मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव केंद्रीय नेतृत्व के साथ दोबारा दिल्ली जाकर चर्चा करेंगे जो विधानसभा सत्र के बाद ही संभव है इसके बाद मंत्रिमंडल पर मुहर लगेगी , माना जा रहा है कि बीते दिन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जेपी नड्डा से हुई मीटिंग के बाद लोकसभा चुनाव को देखते हुए जातिगत और क्षेत्रीय आधार पर मंत्रियों के नाम तय करना चाह रहा है। लेकिन संतुलन नहीं बन पा रहा है। इस बार एक लोकसभा क्षेत्र से एक मंत्री के फॉर्मूले पर भी चर्चा चल रही है इन सभी फार्मूलों पर अंतिम मुहर डॉ मोहन यादव की मीटिंग के साथ ही शीर्ष नेतृत्व तय करेगा तभी मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।

 

 

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