JBP:हाईकोर्ट ने राज्य सरकार सहित सतना कलेक्टर, एसपी से मांगा जवाब,फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं!
जबलपुर . मप्र हाईकोर्ट ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई न किए जाने के मामले पर जवाब-तलब किया है। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार सहित सतना कलेक्टर, एसपी व अन्य को नोटिस जारी किए । जवाब के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है। अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी।
सतना निवासी राजेश प्रसाद गौतम की ओर से जनहित याचिका प्रस्तुत कर अधिवक्ता संतोष कुमार पाठक ने पक्ष रखा। उन्होंने तर्क दिया कि सतना जिले में अनावेदक रामचरण, श्यामलाल, सुंदरलाल, रामप्यारे, रामप्रकाश अन्य पिछड़ा वर्ग के हैं, जिन्होंने अपनी पढ़ाई भी ओबीसी वर्ग से की और इसी वर्ग से उन्होंने पढ़ाई के दौरान छात्रवृत्ति भी ली। आरोप है कि इसके बाद अनावेदकों ने एससी-एसटी के फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल कर ली। इस मामले की शिकायत पर जांच हुई। जिसमें अनावेदकों के जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे। लिहाजा, निरस्त करने के निर्देश दिए गए थे। पूर्व में हाई कोर्ट की शरण भी ली गई थी। राज्य शासन ने अनावेदकों के विरुद्ध विधि अनुसार कार्यवाही किए जाने का अभिवचन दिया था। जिसे अभिलेख पर लेकर हाईकोर्ट ने याचिका का पटाक्षेप कर दिया था। लेकिन लंबा समय बीत जाने के बाद भी अनावेदक आज भी स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं। उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसीलिए दोबारा हाईकोर्ट की शरण ली गई है। मामले में सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, कलेक्टर, एसपी सतना, एसएचओं सभापुर बिरसिंगपुर सतना व अनावेदक रामचरण, श्यामलाल, सुंदरलाल, रामप्यारे, रामप्रकाश को पक्षकार बनाया गया है।