भोपालमध्य प्रदेश

MP news , CM डा मोहन यादव कैबिनेट विस्तार में लोकसभा चुनाव की झांकी बनाए गए नए राजनीतिक समीकरण।

MP news , CM डा मोहन यादव कैबिनेट विस्तार में लोकसभा चुनाव की झांकी बनाए गए नए राजनीतिक समीकरण।

भोपाल: बीते दिन हुए डा मोहन यादव मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद अब मध्य प्रदेश में CM डा मोहन यादव समेत मंत्रिमंडल के सदस्यों की संख्या 31 हो गई है मंत्रिमंडल विस्तार में बड़े उलटफेर के साथ लोकसभा चुनाव और जातिगत क्षेत्रीय वरिष्ठता का संतुलन बनाने का प्रयास किया गया है मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही 25 जिलों को प्रतिनिधित्व दिया गया है तो वहीं पूर्व में कई बार मंत्री रहे गोपाल भार्गव जैसे वरिष्ठ विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है एक प्रकार से देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी ने पांचवीं बार मध्यप्रदेश में सरकार बनाने के साथ ही मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों तक नया राजनीतिक समीकरण साधने का प्रयास किया है ऐसे में कुछ को मौका मिला लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई वरिष्ठ विधायकों को मौका नहीं दिया गया माना जा रहा है कि ऐसे अनुभवी और वरिष्ठ नेताओं को अब लोकसभा चुनाव में भाजपा आजमाने जा रही है क्योंकि नरेन्द्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद सिंह पटेल, राकेश सिंह जैसे केन्द्र के नेताओं को मध्यप्रदेश की राजनीति में सक्रिय किया गया है ऐसे में उनकी भरपाई भाजपा शीर्ष नेतृत्व शिवराज सिंह चौहान गोपाल भार्गव जैसे वरिष्ठ नेताओं के जरिए करने का प्रयास करेगी माना जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार लोकसभा चुनाव की झांकी है भाजपा ने कैबिनेट विस्तार में सब कुछ नया करके लोकसभा चुनाव के लिए नया राजनीतिक समीकरण तैयार किया है।

इन जिलों को मिला प्रतिनिधित्व।

डा मोहन यादव कैबिनेट में रतलाम- चेतन्य कुमार काश्यप झाबुआ- निर्मला भूरिया, मंदसौर- जगदीश देवड़ा, रीवा- राजेंद्र शुक्ल, आलीराजपुर- नागर सिंह चौहान, सीहोर- करण सिंह वर्मा, शाजापुर- इंदर सिंह परमार, खंडवा- विजय शाह, दमोह- लखन पटेल, धर्मेंद्र सिंह लोधी, रायसेन- नरेंद्र शिवाजी पटेल, सतना- प्रतिमा बागरी, मंडला- संपतिया उइके, टीकमगढ़- दिलीप अहिरवार, सिंगरौली- राधा सिंह, अनूपपुर- दिलीप जायसवाल, उज्जैन- डा.मोहन यादव मुख्यमंत्री, ग्वालियर- प्रद्युम्न सिंह तोमर, नारायण सिंह कुशवाह, भोपाल- विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, जबलपुर- राकेश सिंह, नरसिंहपुर- प्रहलाद सिंह पटेल, उदय प्रताप सिंह, राजगढ़- नारायण सिंह पवार, गौतम टेटवाल, भिंड- राकेश शुक्ला. मुरैना- एदल सिंह कंषाना, सागर- गोविंद सिंह राजपूत, इंदौर- कैलाश विजयवर्गीय, तुलसीराम सिलवाट, शामिल हैं।

कहीं से दो मंत्री तो कहीं एक भी नहीं।

डा मोहन यादव कैबिनेट में शामिल किए गए मंत्रियों का जिले से प्रतिनिधित्व करने का आंकड़ा देखा जाए तो भोपाल, इंदौर, दमोह, नरसिंहपुर और राजगढ़ जिलों से दो-दो मंत्री बनाए गए हैं। तो वहीं दूसरी तरफ देखें तो विदिशा, सीहोर, खंडवा, बुरहानुपर, देवास, बैतूल मऊगंज और नीमच जिलों की सभी विधानसभा सीटें भाजपा ने जीतीं जरूर है लेकिन इन जिलों से एक भी मंत्री नहीं बनाया गया है इसके साथ ही प्रदेश के तीन जिलों छिंदवाड़ा, हरदा और श्योपुर में भाजपा का एक भी विधायक नहीं है। जिन जिलों में भाजपा ने सभी सीटों पर जीत हासिल की है जीती हैं वहां भाजपा काफी मजबूत है और जिन जिलों में कोई भी विधायक नहीं है वहां भाजपा लोकसभा चुनाव के लिए कोई बड़ा चमत्कार करने का प्रयास करेगी।

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