Rewa news: दर्जनों अपराधों के बावजूद जिला बदर के आरोपी भास्कर मिश्रा को क्यों मिल रहा प्रशासनिक संरक्षण? 

दर्जनों अपराधों के बावजूद जिला बदर के आरोपी भास्कर मिश्रा को क्यों मिल रहा प्रशासनिक संरक्षण?

विराट वसुंधरा, रीवा। कांग्रेस नेता भास्कर मिश्रा पर जिले के विभिन्न थानों में दर्जन भर से अधिक मामले दर्ज हैं। कई बार जिला बदर की कार्यवाही भी प्रस्तावित की गयी परन्तु जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही न करना समझ से परे लगता है।  सिंगरौली जिले में एक नाम इन दिनों प्रशासनिक गलियारों से लेकर राजनीतिक हलकों तक चर्चा का विषय बना हुआ है वह है भास्कर मिश्रा। खुद को कांग्रेस नेता बताने वाले मिश्रा पर प्रशासनिक अधिकारियों और भाजपा नेताओं को गाली देने, धमकाने और सोशल मीडिया पर बदनाम करने जैसे आरोप हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इन गंभीर आरोपों के बावजूद मिश्रा के खिलाफ अब तक जिला बदर जैसी कार्रवाई नहीं की गई।सूत्रों की मानें तो भास्कर मिश्रा पर आईपीसी की कई धाराओं में एक दर्जन से अधिक प्रकरण दर्ज हैं, जिनमें शासकीय कार्य में बाधा, अभद्र भाषा, धमकी, मानहानि और समाज में तनाव फैलाने जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। इसके बावजूद प्रशासन अब तक मिश्रा को जिला बदर करने से बचता रहा है। यह स्थिति जनता के बीच सवाल खड़े कर रही है कि यदि आम नागरिक ऐसा करे तो उस पर सख्त कार्रवाई होती है, फिर भास्कर मिश्रा पर क्यों नहीं?

भास्कर मिश्रा पर दर्ज अपराधों की सूची

चितरंगी थाना क्षेत्र के शेरवा गांव के निवासी तथा वर्तमान में पचखोरा में निवासरत कांग्रेस नेता भास्कर मिश्रा पर मोरवा थाने में अप. क्रमांक 455/20 धारा 188,269,270, 271, ताहि0 आ0प्र0अधि0 2005 की धारा 51, मोरवा थाना में अप.क्रमांक 537/20 धारा 447,294,34 ताहि0, मोरवा थाना में अप.क्रमांक 558/20 धारा 188,269, ताहि0, मोरवा थाना में अप.क्र. 250/21 धारा 188,269,270 34 ताहि0 आ0प्र0अधि0 की धारा 51,57 महामारी अधि0 की धारा 3,4 मोरवा थाने में अप.क्र. 253/21 धारा 188,269,270 34 ताहि0 आ0प्र0अधि0 की धारा 51,57 महामारी अधि0 की धारा 3,4, मोरवा थाना में इस्त. क्र. 64/21 110 जा0 फौ0, मोरवा थाने में इस्त. क्र. 06/21 जिला बदर, मोरवा थाना में इस्त. क्र. 14/22, धारा 110 जा.फौ., मोरवा थाने में इस्त क्र. 07/24 जिला बदर, वैढ़न थाना में अप. क्र. 175/21 341, 323, 452, 147, 146 ताहि., लंघाडोल थाने में 145/24 धारा 188, 341, भादवि, नवानगर थाने में 62/25 धारा 296बीएनएस के तहत मामला पंजीबद्ध है।

नेताओं और अफसरों को देते हैं खुलेआम गाली

भास्कर मिश्रा अक्सर सोशल मीडिया पर अपने वीडियो और पोस्ट्स में भाजपा के जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस अफसरों को खुले तौर पर अपशब्द कहते नजर आते हैं। उनकी भाषा और रवैये को लेकर कई बार पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर कार्यालय में शिकायतें भी दर्ज हुई हैं, मगर कार्रवाई अभी तक अधूरी है।इस पूरे प्रकरण में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या मिश्रा को किसी राजनीतिक संरक्षण का फायदा मिल रहा है, या फिर कानून की कमजोर पकड़ की वजह से वह आज भी कानून से ऊपर बने हुए हैं? विपक्ष जहां इसे लोकतंत्र और प्रशासन की कमजोरी बता रहा है, वहीं सत्ताधारी खेमे में भी इसे लेकर नाराजगी देखी जा रही है।

सबके लिए कानून एक समान हो

सिंगरौली के कई नागरिकों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि यदि भास्कर मिश्रा जैसे लोगों पर सख्त कार्रवाई नहीं होती, तो यह कानून के समान रूप से लागू न होने का उदाहरण बन जाएगा। जिला बदर जैसी कार्रवाई के लिए पर्याप्त प्रमाण और केस मौजूद हैं — बस प्रशासनिक इच्छाशक्ति की कमी नजर आती है। अब देखना यह है कि क्या सिंगरौली प्रशासन इस मामले में जनता की अपेक्षाओं और कानून की गरिमा को ध्यान में रखते हुए ठोस कार्रवाई करता है, या फिर यह मामला भी सत्ता-प्रशासन के दबाव में ठंडे बस्ते में चला जाएगा?

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