Bhopal MP:डिप्टी सीएम का गृह जिला रीवा सहित बड़े जिले पिछड़े,प्रदेश में 2742 स्वास्थ्य संस्थाएं हुई सर्टिफाइड!
इंदौर और ग्वालियर के जिला अस्पताल अभी तक नहीं ले पाए एनक्यूएएस सर्टिफिकेट
भोपाल. प्रदेश के अस्पतालों में साफ-सफाई और सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्यूएएस) और कायाकल्प के मापदंडों पर आकलन कर सर्टिफिकेट दिए जा रहे हैं। इसमें बड़े जिले जैसे इंदौर, भोपाल, ग्वालियर पिछड़े हुए हैं। उप मुख्यमंत्री राजेन्द शुक्ल का गृह जिला रीवा भी गुणवत्ता के लिए सर्टिफिकेशन में पिछड़ा है। छोटे जिलों जैसे सीहोर, सिवनी, मंडला, नर्मदापुरम आदि के अस्पतालों को ज्यादा सर्टिफिकेट मिल रहे हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश कार्यालय की रिपोर्ट में यह हकीकत सामने आई है। राजधानी में पिछले दो साल के लिए स्वास्थ्य संस्थाओं को वितरित किए गए अवॉर्ड में भी यह सामने आया। कायाकल्प में जिला अस्पताल सिवनी व देवास पहले स्थान पर रहे। एनक्यूएएस मापदंड में दतिया शीर्ष पर रहा। अभी तक 2742 स्वास्थ्य संस्थाएं सर्टिफाइड हुई हैं। 675 संस्थान कायाकल्प मानकों के अनुरूप, 2067 संस्थान एनक्यूएएस मानकों पर खरे उतरे हैं।
इंदौर, ग्वालियर के अस्पताल सर्टिफाइड नहीं
इंदौर जिला अस्पताल एनक्यूएएस, कायाकल्प सर्टिफिकेट नहीं हो पाया। ग्वालियर जिला अस्पताल को एनक्यूएएस सर्टिफिकेट नहीं मिला। खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, राजगढ़, रायसेन, नर्मदापुरम, हरदा के जिला अस्पताल सर्टिफाइड नहीं हो पाए हैं।
डिंडोरी में जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी में से किसी को भी एनक्यूएएस सर्टिफिकेट नहीं मिला। नीमच, आगर मालवा, सिंगरौली, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, बड़वानी, बुरहानपुर, श्योपुर, दतिया, शिवपुरी में भी यही स्थिति है।
प्रमुख जिलों की स्थिति कुल/एनक्यूएएस/कायाकल्प
शहर जिला अस्पताल सिविल अस्पताल सीएचसी पीएचसी एसएचसी
भोपाल 01/01/01 06/01/03 05/01/02 11/03/06 67/22/00
इंदौर 01/00/00 08/01/02 08/00/03 29/05/15 133/20/00
रीवा 01/01/01 05/00/00 09/02/03 45/03/04 323/12/00
सीहोर 01/01/01 05/03/01 08/02/08 24/06/14 170/35/00
सिवनी 01/01/01 03/01/02 05/00/02 37/04/18 282/07/00
एनएचएम की एमडी सलोनी सिडाना का कहना है, 2030 तक सभी स्वास्थ्य संस्थानों को सर्टिफाइड कराने का लक्ष्य है।