Satna MP:गैवीनाथ धाम में खंडित शिवलिंग की होती है पूजा औरंगजेब भी भाग खड़ा हुआ था।

Satna MP:गैवीनाथ धाम में खंडित शिवलिंग की होती है पूजा औरंगजेब भी भाग खड़ा हुआ था।
मध्यप्रदेश के सतना जिले से 35 किमी दूर बिरसिंहपुर में प्राचीन गैवीनाथ धाम है। यहां भोलेनाथ के स्वयंभू खंडित शिवलिंग की पूजा होती है। इस स्थान को उज्जैन के महाकाल का उपलिंग कहा गया और इसका उल्लेख पद्म पुराण में भी है। त्रेता युग में राजा वीर सिंह देव वर्तमान बिरसिंहपुर पर शासन करते थे। वे उज्जैन जाकर महाकाल को जल अर्पित करते थे। वृद्धावस्था में उन्होंने महाकाल से निवेदन किया कि उनकी नगरी में प्रकट हों। महाकाल ने उन्हें स्वप्न में दर्शन देकर बताया कि वे गैवी यादव के घर प्रकट होंगे। कहा जाता है कि गैवी यादव के चूल्हे से शिवलिंग प्रकट हुआ, जिसे उसकी मां ने मूसल से दबा दिया, जिससे वह खंडित हो गया। जब राजा को इसका पता चला तो उन्होंने वहां गैवीनाथ मंदिर का निर्माण कराया। कहते हैं कि 314 वर्ष पहले मुगल शासक औरंगजेब ने देवपुर नगरी में हमला किया था। उसी दौरान गैवीनाथ धाम के शिवलिंग को तोड़ने का प्रयास किया। उसकी सेना ने जैसे ही शिवलिंग पर वार किया, मधुमक्खियों ने हमला कर दिया। औरंगजेब सहित पूरी सेना को जान बचाकर भागना पड़ा था। बताते हैं कि शिवलिंग के ऊपर 5 टांकियां (लोहे की छेनी-हथौड़े से वार) लगवाई थी। पहली टांकी से दूध, दूसरी टांकी से शहद, तीसरी टांकी से खून, चौथी टांकी से गंगाजल, पांचवीं टांकी से भंवर (मधुमक्खी) निकली थी। उसके बाद औरंगजेब व सेना को भागना पड़ा था।