‘ईडी हदें पार कर रहा है…गाइडलाइन की जरूरत,कोर्ट राजनीति का अखाड़ा न बनें’:सुप्रीमकोर्ट

‘ईडी हदें पार कर रहा है…गाइडलाइन की जरूरत,कोर्ट राजनीति का अखाड़ा न बनें’:सुप्रीमकोर्ट
नेताओं पर मामलों व अपीलों पर नाराज कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक लड़ाइयां बाहर वोटर के सामने लडे़ं।
तेजस्वी सूर्या को राहत
शीर्ष अदालत ने एक अन्य मामले में भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या को राहत दी वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ अवमानना मामले में कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि राजनीतिक लड़ाई कोर्ट से बाहर मतदाता के सामने लड़ी जानी चाहिए, कोर्ट में राजनीतिक लड़ाई न हो। सीजेआइ गवई और जस्टिस के.विनोद चंद्रन की बेंच ने कर्नाटक सरकार की उस अपील को खारिज कर दिया जिसमें एक किसान की मौत के संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ’एक्स’ पर सांसद सूर्या के खिलाफ दर्ज एफआइआर को रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ एक आपराधिक अवमानना याचिका पर सीजेआइ ने अदालत के समक्ष मामलों का राजनीतिकरण करने के खिलाफ चेतावनी दी। हालांकि अवमानना मामले में कोर्ट ने चार सप्ताह बाद सुनवाई तय की।
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट सोमवार को अलग-अलग मामलों में प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) के रवैये और नेताओं पर विभिन्न मामलों को लेकर नाराज दिखा। कोर्ट ने टिप्पणी की ईडी सभी सीमाएं पार कर रहा है, ऐसा नहीं चल सकता और इसे रोकने के लिए गाइडलाइन बनाने की जरूरत है। नेताओं पर मामलों व अपीलों पर नाराज कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक लड़ाइयां बाहर वोटर के सामने जाकर लड़ें, कोर्ट को राजनीतिक अखाड़ा न बनाएं। मुवक्किलों से हुए संदेशों के आदान-प्रदान को लेकर वकीलों को ईडी द्वारा समन भेजने के स्वत: प्रसंज्ञान मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस (सीजेआइ) बीआर गवई ने कहा कि ईडी ऐसा कैसे कर सकता है? ईडी का विरोध कर रहे वकीलों ने इस प्रथा पर हमेशा के लिए रोक लगाने की मांग की। सीजेआइ गवई, जस्टिस के.विनोद चंद्रन और जस्टिस एनके अंजारिया की बेंच में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अटॉर्नी जनरल आर.वेंकटरमणी ने माना कि ईडी ने गलत किया है और वकीलों को भेजे गए समन वापस ले लिए गए हैं।
सिद्धरामय्या को राहत
सीजेआइ की बेंच ने मुडा मामले में भी ईडी की खिंचाई की और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एन.सिद्धरामय्या की पत्नी पार्वती को राहत दी। पार्वती को ईडी का समन खारिज करते हुए कोर्ट ने एएसजी एसवी राजू से कहा कि राजनीतिक लड़ाइयां मतदाताओं के सामने लड़ी जानी चाहिए। ईडी का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है?
सीबीआइ को भी लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने इंडिया बुल्स के मामले में नोटिस के बावजूद उपिस्थत नहीं होने पर सीबीआइ को भी फटकार लगाई। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच नागरिक व्हिसल ब्लोअर फोरम की अपील पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ता की ओर से वकील प्रशांत भूषण की आपत्ति थी कि घोटाले के मामले में सीबीआइ ने शिकायत दर्ज नहीं की और नोटिस के बावजूद कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहे। इस पर बेंच ने नाराजगी जताई। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हमें सीबीआइ का यह रवैया पसंद नहीं है। अदालती नोटिस पर आना उसका कर्तव्य है। कोर्ट ने अगले सप्ताह सुनवाई को कहा।
जस्टिस वर्मा को संबोधन पर आपत्ति
सीजेआइ गवई ने कैश कांड में फंसे जस्टिस यशवंत वर्मा को एक याचिकाकर्ता की ओर से केवल ‘वर्मा’ संबोधित करने पर आपत्ति जताई। सीजेआइ ने कहा कि शिष्टाचार रखें, वह अभी भी जज हैं।
एसजी की बात पर सीजेआइ खफा
सुनवाई के दौरान सीजेआइ ने कहा कि वकीलों को ईडी समन के बारे में खबरें पढ़कर आश्चर्यचकित हूं। एसजी मेहता ने प्रतिवाद किया कि एक एजेंसी को लेकर कहानियां गढ़ीं जा रही हैं, सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत विचार से नैरेटिव बनाया जा रहा है जिससे कोर्ट को प्रभावित नहीं होना चाहिए। एसजी की बात पर सीजेआइ खफा हो गए और कहा कि हम यू-ट्यूब नहीं देखते, कोर्ट इससे प्रभावित नहीं होता। कई मामलों में देख रहे हैं अधिकार का अतिक्रमण हो रहा है।