मध्य प्रदेश

MP news, अपनी इन मांगों को लेकर मध्यप्रदेश सरकार की नीतियों से नाराज़ हैं लाखों कर्मचारी और पेंशनर।

MP news, अपनी इन मांगों को लेकर मध्यप्रदेश सरकार की नीतियों से नाराज़ हैं लाखों कर्मचारी और पेंशनर।

 

मध्यप्रदेश में डा मोहन यादव की सरकार का गठन हो चुका है और सरकार द्वारा मध्य प्रदेश के हित में कई काम नए सिरे से शुरू किए गए हैं विकास कार्यों को मूर्त रूप देने मोहन सरकार की कैबिनेट कई निर्णय ले चुकी है मध्य प्रदेश में पूर्व की शिवराज सरकार द्वारा शुरू की गई लाडली बहन योजना से लेकर अन्य योजनाओं पर नई सरकार का फोकस है और उन योजनाओं को चलाने के लिए सरकार जमीनी स्तर पर काम कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश सरकार के 7.50 लाख से अधिक कार्यरत कर्मचारियों एवं 4.50 लाख सेवानिवृत कर्मचारियों की नाराजगी सरकार से इस बात की है कि उन्हें महंगाई भत्ता नहीं दिया जा रहा है शासकीय कर्मचारियों को उम्मीद थी कि नए साल में नई सरकार उन्हें महंगाई भत्ता बढ़ा कर देगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर ना तो शिवराज सरकार ने ध्यान दिया और ना ही अब मोहन सरकार ने कोई निर्णय लिया कर्मचारी और पेंशनरों का नया साल का जश्न फीका रहा है जबकि प्रति माह की 10 तारीख को मध्य प्रदेश सरकार ने लाडली बहन योजना के तहत पात्र हितग्राहियों के खाते में 1576 करोड रुपए डाल दिए हैं लेकिन कर्मचारियों के लिए चार प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने को लेकर कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिली है।

केंद्रीय दर पर महंगाई भत्ता की मांग।

मध्य प्रदेश सरकार के कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें केंद्रीय दर और केंद्रीय तिथि से महंगाई भत्ता दिया जाए सरकार ने यह वादा भी किया था कि केंद्रीय दर पर महंगाई भत्ता राज्य की कर्मचारियों को दिया जाएगा केंद्र और राज्य सरकार में महंगाई भत्ते को लेकर जो अंतर है उसे दूर करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार पीछे हट रही है तो वहीं केंद्र सरकार को लेकर जो जानकारी निकलकर सामने आ रही है उसके अनुसार केंद्र सरकार जनवरी से महंगाई भत्ता और राहत 46 से 50% करने जा रही है, जबकि मध्य प्रदेश सरकार के कर्मचारियों को अभी 42% महंगाई भत्ते से काम चलाना पड़ रहा है। सेवानिवृत्ति हो चुके शासकीय कर्मचारियों-अधिकारियों में भी महंगाई भत्ता को लेकर नाराजगी देखी जा रही है।

इनका कहना है

मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी का कहना है कि हर बार मध्यप्रदेश कैबिनेट बैठक से उम्मीद की जाती है कि महंगाई भत्ता बढ़ाने का फैसला लिया जाएगा, लेकिन निराशा ही हाथ लगती है और मध्यप्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों को जुलाई 2023 से 4 फीसदी महंगाई भत्ता और महंगाई राहत नहीं दिया जा रहा है जबकि केंद्र सरकार जनवरी से महंगाई भत्ता और राहत 46 से 50% करने जा रही है, वहीं मध्य प्रदेश सरकार के कर्मचारियों को 42% महंगाई भत्ते से काम चलाना पड़ रहा है सेवानिवृत्ति हो चके कर्मचारियों को तो और भी अधिक मुसीबत के साथ जीवन यापन करना पड़ रहा है उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझना पड़ता है जिससे आर्थिक जरूरतें अधिक बढ़ जाती हैं श्री तिवारी ने कहा कि सरकार के रवैये से कर्मचारी जगत में निराशा देखी जा रही है उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग किया है कि प्रदेश के 12 लाख से अधिक कर्मचारीयों एवं सेवानिवृत कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिए जाने का निर्णय ले जिससे कि कर्मचारियों और पेंशनरों का हित हो सके।

 

 

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