पुलिस ने लगाए पोस्टर ‘घर में रहें, रेप हो सकता है’, विवाद पर हटाए
अहमदाबाद. अहमदाबाद में यातायात पुलिस की ओर से महिला सुरक्षा के नाम पर लगाए गए कुछ पोस्टरों से शनिवार को बवाल मच गया। ट्रैफिक पुलिस की ओर से प्रायोजित इन पोस्टरों में महिलाओं को दुष्कर्म से बचने के लिए घर पर रहने की सलाह दी गई है।
शहर के सोला, चांदलोडिया आदि इलाकों में चिपकाए पोस्टरों पर लिखा था, ‘देर रात पार्टी में न जाएं, आपके साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म हो सकता है। अपने दोस्त के साथ अंधेरे और सुनसान इलाके में न जाएं, अगर उसके साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म हो गया तो? इन पोस्टरों का स्थानीय लोगों ने विरोध किया। विवाद बढ़ने और पोस्टरों के सोशल मीडिया पर वायरल होने पर पुलिस ने सफाई देते हुए यह पोस्टर हटा लिए। पुलिस उपायुक्त (पश्चिम यातायात) नीता देसाई ने सफाई दी कि ट्रैफिक पुलिस ने सतर्कता नामक एनजीओ के साथ केवल सड़क सुरक्षा से जुड़े पोस्टरों को प्रायोजित किया था। संगठन ने पुलिस को दिखाए या अनुमति लिए बिना आपत्तिजनक पोस्टर बनाकर लगा दिए और उनमें पुलिस का नाम भी लिख दिया। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) एनएन चौधरी ने कहा कि हमने ऐसी भाषा को कभी मंजूरी नहीं दी। यह अस्वीकार्य है।
नागरिक बोले भय पैदा करने वाले
नागरिकों ने कहा कि पोस्टर स्पष्ट रूप से भय पैदा करने वाले थे। घाटलोडिया निवासी डॉ. भूमि पटेल ने पूछा, ऐसे असंवेदनशील संदेश वाले पोस्टर में यौन हिंसा के लिए अप्रत्यक्ष रूप से महिलाओं को दोषी ठहराया गया है। एक अन्य महिला ने कहा कि ऐसे पोस्टर उस मानसिकता को दर्शाते हैं जो पीड़ितों को दोषी ठहराती है और बिना डर फैलाए सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकामी के लिए संस्थानों को दोषमुक्त कर देती है।