मध्य प्रदेशरीवा

Rewa news- खरीदी केंद्र से संबंधित पत्र वाइरल के बाद व्यवस्था पर उठे सवाल कर्ज लेकर समितियों द्वारा किया जा रहा प्रासंगिक व्यय।

Rewa news- खरीदी केंद्र से संबंधित पत्र वाइरल के बाद व्यवस्था पर उठे सवाल कर्ज लेकर समितियों द्वारा किया जा रहा प्रासंगिक व्यय।

रीवा जिले के समस्त धान खरीदी केदो में खरीदी कार्य अंतिम चरण में चल रही है और काफी मात्रा में इस वर्ष धान की खरीदी की गई है इस दौरान खरीदी केदो में किसानों की सुविधा के लिए खरीदी केंद्र प्रभारियों और स्व सहायता समूह द्वारा ठीक-ठाक व्यवस्था की गई थी और लगभग बिना कोई विवाद और आरोप प्रत्यारोप के रीवा जिले में खरीदी कार्य अंतिम चरण में चल रहा है तो वहीं सरकार द्वारा किसानों को भुगतान भी किया जा रहा है सहकारिता विभाग के अधिकारियों के पास यह सब बताने के लिए आंकड़े हैं की कुल कितनी धान की खरीदी की जा चुकी है और कितने किसानों को कितना भुगतान किया गया है लेकिन प्रासंगिक व्यय के मामले में कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

पत्र वाइरल के बाद व्यवस्था की खुली पोल।

आज सोशल मीडिया में एक पत्र वाइरल हुआ है जो सिरमौर क्षेत्र के रागिनी स्व सहायता समूह से जुड़ा हुआ है जारी पत्र में लिखा गया है।

प्रति,
जिला आपूर्ति नियंत्रक महोदय
जिला रीवा (म.प्र.)

विषय प्रासंगिक व्यय एवं लेवर पेमेंट कराये जाने वावत ।
महोदय,
विषयान्तर्गत निवेदन है की खरीदी केंद्र रागिनी स्व सहायता समूह मऊ खरीदी केंद्र स्थल ओम कामता
वेयरहाउस हिनौता, खरीदी केंद्र कोड 59125238 में दिनांक 22-12-2023 से खरीदी का कार्य प्रारम्भ किया है एवं
आज दिनांक 15/01/2024 तक कुल 29041 00 कुंटल धान की खरीदी की जा चुकी है एवं 28156 कुंटल मात्रा
का भंडारण किया जा चुका है जिनका स्वीकृत पत्रक भी जारी हो चूका है एवं लगभग 24000 कुंटल मात्रा के EPO
के माध्यम से किसानों का 52392000=00 रूपये का भुगतान भी हो चूका है परन्तु आज दिनांक 15-01-2024
तक किसी भी रूप में समूह के खाते में 1 रूपये तक की राशि नहीं आई है जिस कारण लेबरों को भुगतान करने में
कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
अतः मान्यवर जी से प्रार्थना है की समूह के खाते में यथोचित भुगतान कराये जाने की कृपा करें।

कर्ज लेकर किया जा रहा प्रासंगिक व्यय।

खरीदी केदो में प्रासंगिक व्यय के लिए शासन से अभी तक कोई राशि नहीं मिली है उपरोक्त पत्र से यह प्रमाणित होता है तो वहीं दूसरी तरफ नाम न छापने की शर्त पर एक समिति प्रबंधक ने बताया कि प्रासंगिक व्यय में रंग स्टैंसिल टैग धागा तौलाई छल्ली लगाना वाहनों में लोडिंग अनलोडिंग लेवर चार्ज और किसानों के लिए पानी और छाया की व्यवस्था जैसी जरूरी व्यवस्थाएं जुड़ी होती हैं इन कार्यों को लेकर काफी कुछ राशि खर्च होती है कई लोगों ने ब्याज में रुपया लेकर खरीदी केंद्र में प्रासंगिक व्यय किया है सरकार ने अब तक किसी तरह से कोई प्रासंगिक व्यय समितियों य स्व सहायता समूहों को नहीं आवंटित किया है जो खरीदी का कार्य कर रहे हैं जबकि कई समितियां घाटे में है और ऐसी स्थिति में प्रासंगिक व्यय के लिए लोगों ने कर्ज लिया है।

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